देश की पहली वंदे मेट्रो का सफल परिक्षण, 145 किमी की रफ्तार से दौड़ी ट्रेन, कई बेहतरीन सुविधाओं से है लैस
वंदे भारत एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन है जो 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। वंदे मेट्रो ट्रेन में 16 वातानुकूलित डिब्बे होंगे और इसकी अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा रहेगी। यह ट्रेन इंटरसिटी यातायात के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी।इस ट्रेन ने 145 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी सफलता पूर्वक तय की है।
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला। देश की पहली वंदे मैट्रो ट्रेन भारतीय रेल ट्रेक पर सिरपट दौड़ने के लिए अब पूरी तरह तैयार है। रेल डिब्बा कारखाना कपूरथला ने 08 महीने की छोटी सी अवधि में उन्नत तकनीक वाली निर्मित वंदे मेट्रों ट्रेन के 16 कोचों के रैक को 30 सितंबर को ट्रायल के लिए रवाना किया था, जिसका आरडीएसओ टीम द्वारा किए गए विभिन्न परीक्षण पूरी तरह सफल रहे हैं।
पश्चिमी मध्य रेलवे के कोटा मंडल में शनिवार को किए गए स्पीड एवं ब्रेकिंग डिस्टेंस ट्रायल के दौरान इस ट्रेन ने 145 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी सफलता पूर्वक तय की है। अब बहुत जल्द देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन भारतीय रेल ट्रेक पर सिरपट दौड़ने लगेगी।
इन सुविधाओं से लैस है ट्रेन
आरसीएफ कपूरथला की तरफ से निर्मित इस वंदे मेट्रो ट्रेन सेट के डिब्बों में 100 व्यक्तियों के बैठने की और 180 व्यक्तियों के खड़े होने की क्षमता है। यह ट्रेन सेट अत्याधुनिक संरक्षा उपकरणों और कई नई यात्री सुविधाओं से लैस है, जिनमें आपात स्थिति में यात्री-चालक टॉकबैक सिस्टम, आग और धुआं पहचान प्रणाली, टकराव से बचाव के लिए “कवच” प्रणाली तथा दिव्यांगजनों के लिए विशेष शौचालय से लैस है।
4364 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता
भुज-अहमदाबाद के बीच वर्तमान में चल रही वंदे मेट्रो ट्रेन में12 कोच हैं और इसकी गति 110 किलोमीटर प्रति घंटे है। इसकी यात्री क्षमता 3602 है। इसके विपरीत, आरसीएफ द्वारा निर्मित नई वंदे मेट्रो में कोचों की संख्या 16 है और इसमें 4364 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है तथा इसकी गति 130 किमी प्रति घंटा होगी।
16 AC डिब्बों वाली ट्रेन होगी
आरसीएफ के मुख्य जन संपर्क अधिकारी अनुज कुमार ने बताया कि वंदे मेट्रो ट्रेन को 250 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले इंटरसिटी यात्रियों की सुविधा के लिए भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत की तर्ज पर डिजाइन किया गया है। वंदे मेट्रों ट्रेन 16 वातानुकूलित डिब्बों वाली ट्रेन होगी, जिसकी अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा रहेगी।
यात्रियों के लिए वरदान साबित होगी ट्रेन
यह ट्रेन इंटरसिटी यातायात के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। हर कोच में 280 यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी। इनमें 100 यात्री बैठ सकेगे और 180 यात्री खड़े होकर सफर कर सकेगे। पूरी ट्रेन में कुल 4364 यात्री आसानी से सफर कर सकेंगे। 3 गुण 3 बेंच-टाइप सिटिंग अरेंजमेंट अधिकतम यात्रियों को आरामदायक सफर का लुत्फ उठाने में मदद करेगी।
ट्रेन कवच प्रणाली से लैस
यात्री संचार को वरीयता देते हुए वंदे मेट्रो कोच एमरजेंसी स्थिति के मामले में ट्रेन चालक के साथ संवाद करने के लिए यात्री टॉक बैक सिस्टम से लैस होंगे। हर कोच में 14 सेंसर के साथ आग और धुआं का पता लगाने वाले सिस्टम उपलब्ध होगा ताकि ट्रेन में किसी किस्म के उठने वाले धुएं की तुरंत पता चल सके।
दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए कोचों में व्हील-चेयर सुलभ शौचालय की सुविधा में भी मौजूद रहेगी। जीएम माथुर ने बताया कि ट्रेन कवच प्रणाली से लैस होगी, जिसे टकराव को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है।