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Vande Bharat Metro: 16 एसी कोच, 130 KM की स्पीड; देश में जल्द फर्राटा भरती नजर आएगी पहली वंदे भारत मेट्रो

Vande Bharat Metro देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन बनकर तैयार है और जल्द ही इसके ट्रायल शुरू होने वाले हैं। रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला (RCF Kapurthala) में निर्मित इस ट्रेन में 16 वातानुकूलित डिब्बे हैं और इसकी अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा होगी। यह ट्रेन 250 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले इंटरसिटी यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगी।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 12 Sep 2024 04:02 PM (IST)
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Vande Bharat Metro: वंदे भारत मेट्रो का ट्रायल जल्द होगा
हरनेक सिंह जैनपुरी, कपूरथला। Vande Bharat Metro: देश की पहली वंदे मेट्रो ट्रेन का डिजाइन केंद्रीय रेल राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू को खूब भाया है। रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला की ओर से निर्मित इस ट्रेन के 16 कोचों के प्रोटोटाइप रैक का केंद्रीय मंत्री ने बुधवार को आरसीएफ वर्कशॉप में निरीक्षण किया।

भारत की इस पहली स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन को आरसीएफ ने वंदे भारत की तर्ज पर डिजाइन किया गया है। रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला की ओर से इस रैक को आरडीएसओ को भेजा जाएगा जिसका कुछ माह तक विभिन्न रेल ट्रेक पर ट्रायल किया जाएगा। इसके बाद वंदे मेट्रो ट्रेन देशवासियों को समर्पित किया जाएगा।

ये होंगी सुविधाएं

वंदे मेट्रो ट्रेन को 250 किलोमीटर की दूरी तय करने वाले इंटरसिटी यात्रियों की सुविधा के लिए डिजाइन किया गया है। 16 वातानुकूलित डिब्बों वाली ट्रेन की अधिकतम गति 130 किमी प्रति घंटा रहेगी। हर कोच में 280 यात्रियों को ले जाने की क्षमता होगी। इनमें 100 यात्री बैठ सकेंगे और 180 यात्री खड़े होकर यात्रा कर सकेंगे। दिव्यांगों की सुविधा के लिए कोचों में व्हील-चेयर सुलभ शौचालय की सुविधा में भी मौजूद रहेगी।

जम्मू-बारामूला रेल ट्रैक के लिए तैयार किए गए हैं विशेष कोच रेल

राज्य मंत्री ने कहा कि 338 किमी लंबी जम्मू-बारामूला रेल लाइन, उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) रेलवे की महत्वपूर्ण परियोजना है। इसका उद्देश्य कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ना है।

आरसीएफ को कश्मीर घाटी के ठंडे मौसम के दौरान शून्य से नीचे के तापमान वाले क्षेत्र के लिए कोचों को उपयुक्त बनाने की जिम्मेदारी भी दी गई थी जिसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। आरसीएफ की ओर से दो रेक पहले ही भेजे जा चुके हैं और तीसरे रेक का निर्माण भी लगभग पूरा हो गया है।

कालका-शिमला के बीच जल्द ही चलेगी नई टॉय ट्रेन

बिट्टू ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने आरसीएफ को महत्वपूर्ण परियोजनाएं सौंपी हैं। इनमें कालका-शिमला टाय ट्रेन में यात्रा के दौरान हिमाचल के सुंदर परिदृश्य का आनंद लेने के लिए 80 प्रतिशत बैठने की जगह वाले क्षेत्र में ग्लास और पाली कॉर्बोनेट शीट के साथ पैनोरमिक विस्टाडोम सुविधा वाले नैरो गेज कोच का निर्माण शामिल है।

इन ट्रेनों का ऑसिलेशन और आपातकालीन ब्रेक डिस्टेंस ट्रायल हो चुका है। जल्द ही सात कोच वाली यह ट्रेन कालका और शिमला के बीच चलने लगेगी।

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