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पंजाब के इस गांव में 15 दिन में 11 की मौत; कोरोना के डर के चलते जांच से कतरा रहे लाेग

पंजाब के ग्रामीण इलाकों में संक्रमण की रफ्तार बढ़ गई है। बठिंडा के गांव नथेहा में अभी 10-12 लोग बीमार हैं लेकिन लोग टेस्ट नहीं करवा रहे। उन्हें डर है कि पंजाब सरकार गांव को सील कर देगी।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Wed, 12 May 2021 03:02 PM (IST)
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पंजाब के ग्रामीण इलाकों में संक्रमण की रफ्तार बढ़ी। (सांकेतिक तस्वीर)
गुरप्रेम लहरी/गुरजंट, नथेहा (बठिंडा)। स्वास्थ्य विभाग लगातार कह रहा है कि पंजाब के ग्रामीण इलाकों में संक्रमण की रफ्तार बढ़ गई है। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बड़ी लापरवाही दिखा रहे हैं। बठिंडा जिले के गांव नथेहा में भी ऐसी लापरवाही के कारण संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गया है। यहां 15 दिनों में 11 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से आठ परिवारों ने जांच नहीं करवाई है। जिन तीन परिवारों ने जांच करवाई, उनके सदस्य पाजिटिव आए हैं।

मारे गए सभी लाेगाें में कोरोना के लक्षण थे, लेकिन उनके परिवार के लोग जांच करवाने को तैयार नहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास भी रिकार्ड नहीं है। परिवार वालों के अनुसार मरने वालों सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। बुखार के साथ खांसी भी थी। मौतों का यह आंकड़ा इसलिए भी संदेह पैदा कर रहा है, क्योंकि गांव में पहले साल भी इतनी मौतें हुआ करती थीं।

इस गांव में अभी 10-12 लोग बीमार हैं, लेकिन लोग टेस्ट नहीं करवा रहे। उन्हें डर है कि सरकार गांव को सील कर देगी। गांव की 38 वर्षीय महिला सुखप्रीत कौर को पहले कोई बीमारी नहीं थी। सांस लेने में दिक्कत आई, तो प्राइवेट अस्पताल में भर्ती हुई। पता चला कि आक्सीजन लेवल कम है। कुछ दिनों बाद मौत हो गई। परिवार ने टेस्ट करवाया तो सबकी रिपोर्ट पाजिटिव आई।
 

वहीं, 80 वर्षीय बुजुर्ग भगवान सिंह की भी सांस लेने में दिक्कत के कारण मौत हो गई। उनका टेस्ट नहीं हुआ था, लेकिन बाद में पोता पाजिटिव आया। 75 वर्षीय भगवान कौर की मौत के बाद पोता पाजिटिव आया। 67 वर्षीय गमदूर सिंह शुगर से पीडि़त था। उसने कुछ दिनों बाद दम तोड़ दिया। बाद में रिपोर्ट पाजिटिव आई। 62 वर्षीय जसपाल कौर को सांस की तकलीफ के कारण मानसा रेफर किया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। 71 वर्षीय बलजीत कौर, 61 वर्षीय टेक सिंह, एएसआइ गुरपाल सिंह की 49 वर्षीय पत्नी चरनजीत कौर, 65 वर्षीय बिक्कर सिंह, 70 वर्षीय मिशरी देवी और 104 वर्षीय भगवान कौर की मौत भी सांस की तकलीफ के कारण हुई, लेकिन किसी का भी टेस्ट नहीं हुआ था।

टेस्टिंग के लिए कैंप लगाएंगे: डा. दर्शन कौर

सीनियर मेडिकल अफसर तलवंडी साबो डा. दर्शन कौर ने बताया कि लक्षण तो कोरोना जैसे ही हैं, लेकिन गांव के लोग टेस्ट के लिए सहयोग नहीं कर रहे। हमारे रिकार्ड में सिर्फ तीन मौतें हैं। उनके परिवार के लोग पाजिटिव आए हैं। हम गांव में कैंप लगाएंगे। फिलहाल वैक्सीन का कैंप नहीं लगा सकते।

गुरुद्वारे से करवाई अनाउंसमेंट: सरपंच

सरपंच जगसीर सिंह का कहना है कि मैंने सोमवार को तलवंडी साबो के एसएमओ से संपर्क किया था। उन्होंने कहा कि आप लोगों को टेस्ट के लिए राजी करें हम टीम भेज देंगे। हमने गुरुद्वारा साहिब से अनाउंसमेंट भी कराई, लेकिन कोई भी आगे नहीं आया।

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