AAP Vs Governor: पंजाब सरकार और राज्यपाल फिर आमने-सामने, 7 महीने में इन 5 मुद्दों पर हुआ विवाद
AAP Vs Governor पंजाब में आप सरकार का राजभवन के साथ एक बार फिर टकराव हाे गया है। ताजा मामला पीएयू के वीसी की नियुक्ति काे अवैध करार देने से हुआ है। पहले भी कई मुद्दाें पर विवाद हाे चुका है।
By Vipin KumarEdited By: Updated: Thu, 20 Oct 2022 09:45 AM (IST)
आनलाइन डेस्क, लुधियाना। AAP Vs Governor: पंजाब में एक बार फिर राज्यपाल और सरकार के बीच टकराव सामने आया है। ताजा मामला पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के वाइस चांसलर की नियुक्ति काे लेकर हुआ है। राज्यपाल बनवारी लाल पुराेहित ने वीसी डा. सतबीर सिंह गाेसल की नियुक्ति काे अवैध करार दिया है। हालांकि सरकार इसे सही करार दे रही है। बनवारी लाल पुराेहित राज्यपाल के साथ ही पीएयू लुधियाना के चांसलर भी है।
पंजाब सरकार के साथ पहले भी कई बार राजभवन का टकराव देखने काे मिल चुका है। दिल्ली में भी आप सरकार और एलजी में अकसर टकराव रहता है। इससे पहले सरकार और राजभवन एयर शाे, विधानसभा के विशेष सत्र, फरीदकाेट के वीसी की नियुक्ति काे खारिज करना व लुधियाना पीएयू के वाइस चांसलर की नियुक्ति पर आमने-सामने हाे चुके हैं। हम राज्यपाल और आप सरकार के 4 विवादाें के बारे में आपकाे बताने जा रहे हैं।
चंडीगढ़ एयरपोर्ट के नामकरण को लेकर विवाद
सीएम भगवंत मान का राज्यपाल से पहले भी कई बार विवाद हाे चुका है। चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपाेर्ट के नामकरण काे लेकर आयोजित कार्यक्रम में भी इसका असर दिखा था। दिल्ली के साथ ही पंजाब में राज्यपाल/उपराज्यपाल में मनमुटाव की कई खबरें आ चुकी हैं। भगवंत मान और राज्यपाल विवाद के बाद पहली बार एक मंच पर थे। इस दाैरान न दाेनाें की नजरें मिली और न ही काेई बात हुई। मंच पर दाेनाें आगे की तरफ देखते रहे। हालांकि कार्यक्रम खत्म होने के बाद दाेनाें ने एक दूसरे का सांकेतिक अभिनंदन जरूर किया था।विधानसभा के विशेष सत्र पर भी हुआ था टकराव
राज्यपाल बनवारी लाल पुराेहित ने 22 सितंबर काे प्रस्तावित विधानसभा के विशेष सत्र की मंजूरी वापस लेने पर काफी हंगामा हुआ था। राज्यपाल ने विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित करने के मान सरकार के फैसलों पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार ने नई तिथि प्रस्तावित की थी। पंजाब विधानसभा के सचिव की ओर से भेजे गए पत्र पर राज्यपाल ने पूछा है कि इस सत्र में कौन सा विधायी कामकाज किया जाना है। इसके बाद सीएम भगवंत मान ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मान का कहना था कि विधानमंडल के किसी भी सत्र से पहले राज्यपाल या राष्ट्रपति की सहमति एक औपचारिकता है।
एयर शाे से मान रहे नदारद
पंजाब के गवर्नर बीएल पुरोहित और CM भगवंत मान के बीच चंडीगढ़ स्थित सुखना लेक में शनिवार को एयरफोर्स डे पर भी तनातनी हाे गई थी। समाराेह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु भी शामिल हुई। मगर, इसमें पंजाब के CM भगवंत मान नदारद रहे। इसको लेकर राज्यपाल भड़क गए। उन्होंने सवाल उठाया कि भगवंत मान इस कार्यक्रम में क्यों नहीं आए, जबकि इसमें राष्ट्रपति की मौजूदगी से उनका आना संवैधानिक जिम्मेदारी थी।बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वीसी की नियुक्ति का प्रस्ताव खारिज
पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने पिछले दिनाें बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर के पद पर डा. गुरप्रीत सिंह वांडर की नियुक्ति का प्रस्ताव खारिज कर दिया था। राजभवन ने आप सरकार के प्रस्ताव पर एतराज जताते हुए कहा कि नियमानुसार इस पद के लिए शार्ट लिस्ट 3 नामों का पैनल भेजा जाना चाहिए। सरकार ने इस संबंध में राज्यपाल से कोई सलाह भी नहीं ली, जबकि यूनिवर्सिटी के चांसलर राज्यपाल हैं।
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