गांवों में अवैध खनन का प्रशासन को नहीं मिला कोई सुबूत, हाई कोर्ट में रिपोर्ट दायर
लुधियाना के देहाती क्षेत्र में अवैध खनन का खेल जारी है। हालांकि हाई कोर्ट में दायर की गई रिपोर्ट में प्रशासन ने इस बात का उल्लेख किया है कि यहां खनन नहीं हाे रहा है।
By Vipin KumarEdited By: Updated: Fri, 24 Jul 2020 05:22 PM (IST)
लुधियाना, चंडीगढ़, जेएनएन। लुधियाना में सतलुज नदी के किनारे बसे गांवों में अवैध खनन के आरोपों को जिला प्रशासन ने नकार दिया है। हाई कोर्ट में दी रिपोर्ट कहा कि मत्तेवाड़ा, झुगियां, मांगली, रोड़, बूथगढ़ और गढीशेरू जैसे गांवों के पास अवैध खनन के हाल में कोई प्रमाण नहीं मिले हैं। इस रिपोर्ट के बाद कोर्ट ने सुनवाई को 30 जुलाई तक स्थगित कर दिया।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेशों पर दायर की गई लुधियाना के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह और डिप्टी कमिश्नर वरिंदर शर्मा ने हाई कोर्ट में रिपोर्ट दायर की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ समय पहले शहीद भगत सिंह नगर के अधीन पड़ने वाले आरडी-157 क्षेत्र में खनन किया गया था, लेकिन यह हाल के दिनों का नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि गढी तोगां, गढी फजल, मत्तेवाड़ा, मांगली, रोड़, बूथगढ़, गढीशेरू, टांडा और जीवनपुर गांवों को बचाने के लिए धुस्सी बांध की तुरंत मरम्मत किए जाने की जरूरत है।
महादेव एन्कलेव प्राइवेट लिमिटेड के पास खनन का अधिकार
रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में महादेव एन्कलेव प्राइवेट लिमिटेड के पास इस क्षेत्र से खनन का अधिकार है। इस कंपनी को धुस्सी बांध के प्रयोग का अधिकार दिया गया है। खनन के लिए भारी ट्रकों और ट्रालियों का प्रयोग किए जाने के कारण आस-पास के गांवों की सड़कों की दशा खराब है। भारी वाहनों के कारण धुस्सी बांध की स्थिति भी ठीक नहीं है।
अवैध खनन की वीडियो रिकार्डिंग अदालत में पेश
याचिकाकर्ता बलवीर सिंह ने लुधियाना के आस-पास गांवों में अवैध खनन की वीडियो रिकार्डिंग अदालत में पेश करते हुए इसे रोके जाने की मांग की थी। इस याचिका पर जांच में देरी होने पर बलवीर ने अर्जी दायर करके कहा था कि अवैध खनन करने वाले सबूतों को मिटाने में लगे हैं। हाई कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर लुधियाना के डीसी को मौके पर जांच करने में कोताही करने पर फटकार भी लगाई थी।
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