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PAU में अफगान स्टूडेंट्स मांग रहे तालिबान से परिवार की सलामती की दुआ, बोले- भारत दे नागरिकता

अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात का असर पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) में पढ़ रहे अफगानी विद्यार्थियों पर पड़ रहा है। वे अपने मुल्क भी नहीं लौटना चाहते। वे चाहते हैं कि भारत सरकार उन्हें नागरिकता दें क्योंकि देश लौटे तो जिंदा नहीं बचेंगे।

By Edited By: Updated: Mon, 16 Aug 2021 10:06 PM (IST)
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लुधियाना की PAU में अफगान छात्र अहमद मुसाबर और नूर अली नूरी। जागरण
आशा मेहता, लुधियाना। अफगानिस्तान में दिनोंदिन बिगड़ते हालात का असर पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (पीएयू) में पढ़ रहे 11 अफगानी स्टूडेंट्स पर भी पड़ रहा है। ये स्टूडेंटस 2 साल पहले पीएचडी और एमएमसी करने आए थे। सभी पीएयू के इंटरनेशनल स्टूडेंट्स सेंटर में रह रहे हैं। वे अफगानिस्तान में ताालिबान के आंतक के बीच अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। अल्लाह से एक ही दुआ मांग रहे हैं कि उनका परिवार तालिबानियों के कहर से बचा रहे। मौजूदा हालात में ये स्टूडेंट अपने मुल्क भी नहीं लौटना चाहते। वे चाहते हैं कि भारत सरकार उन्हें नागरिकता दें क्योंकि देश लौटे तो जिंदा नहीं बचेंगे।

कालेज आफ एग्रीकल्चर में पीएचडी कर रहे तीस वर्षीय अहमद मुसाबर कहते हैं कि उनका परिवार उत्तरी अफगानिस्तान में हैं। परिवार में माता-पिता, भाई-बहन हैं। जब से तालिबान अफगानिस्तान में हावी हुआ, एक के बाद एक इलाके अपने कब्जे में ले रहा है। तब से उनकी रातों की नींद उड़ गई है। अल्लाह का शुक्र है कि परिवार सलामत है लेकिन वहां हालात बेहद खराब हैं। परिवार से हर घंटे बात हो रही है। लेकिन जब भी कभी फोन का नेटवर्क नहीं मिलता या परिवार वाले फोन नहीं उठाते तो बेचैनी बढ़ जाती है। वहां कोई भी घर से बाहर नहीं निकल रहा है। तालिबान ने फरमान जारी कर रखा है कि कोई भी घर से बाहर नहीं निकलेगा। वे वहां कुछ लोगों को तालाश रह है। मुल्क लौटने की बात पर अहमद ने कहा कि फिलहाल वह अफगानिस्तान नहीं लौटना चाहते। अब वहां उनका भविष्य सुरक्षित नहीं है।

भाई बहनों ने तालिबान से बचने को खुद को छिपाया

एग्रोनॉमी में पीएचडी कर रहे नूर अली नूरी ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि हमारे मुल्क के हालात इतने खराब होंगे। तालिबान अफगानिस्तान पर कब कर लेगा। पिछले महीने तक तक तो वहां सब सामान्य था लेकिन आज दहशत हैं। जहां उनका परिवार रहता है, वहां भी तालिबानी पहुंच चुके हैं। परिवार काबुल के नजदीक खैर खाना में रहता है। चार भाई और तीन बहनों ने तालिबानियों से बचने के लिए खुद को किसी जगह पर छिपा रखा है। हर तरफ हथियारों से लैस तालिबानी घूम रहे हैं। वे गोलियां बरसा रहे हैं। परिवार से हर घंटे बात हो रही है, वे बहुत सहमे हुए हैं।

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तालिबान ने दी है लड़कियों को घर से उठा ले जाने की धमकी

दूसरे शहरों में रहे उनके दूर के रिश्तेदारों की बेटियों को तालिबानियों ने घर से उठाकर ले जाने की धमकी दी है। तालिबानियों ने चार दिन की मोहलत दी है और कहा है कि अगर वे खुद अपनी बेटियों को उनके हवाले नही करेंगे तो वो जबरदस्ती उठाकर ले जाएंगे। इंटरनेट मीडिया पर तालिबानियों के जुल्म को देखकर रौंगटे खड़े हो रहे हैं। पता नहीं वहां क्या होगा। मैं यहां अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ सुरक्षित हूं लेकिन वहां मेरा परिवार तालिबानियों के डर के साये में जीने को मजबूर है। अल्लाह से एक ही दुआ कर रहा हूं कि वहां सब ठीक रहे और वे तालबानियों से बचे रहें। नूरी ने भारत सरकार से अपील की है कि जिस तरह से अफगानिस्तान में खतरनाक हालात है,उसे देखते हुए अब वह वापस नही जाना चाहते। उन्हें और उनके परिवार को यहाँ की सिटीजनशिप दी जाए। 

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