सिविल अस्पताल में Anti Rabies Injection का स्टॉक खत्म, केमिस्टों की हुई चांदी Ludhiana News
रोजाना यहां से 50 से 70 मरीजों को निराश लौटना पड़ रहा है। कई लोग जिन्हें कुत्तों ने बुरी तरह से काटा होता है वह केमिस्टों से महंगे इंजेक्शन खरीद कर लगवा रहे हैं।
लुधियाना, जेएनएन। एक तरफ तो शहर में लावारिस कुत्ते रोजाना लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं, दूसरी तरफ एंटी रेबीज वैक्सीन सिविल अस्पताल में खत्म हो गई है। ओपीडी के साथ साथ इमरजेंसी में भी एंटी रेबीज वैक्सीन का स्टॉक नहीं है। ऐसे में मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रोजाना यहां से 50 से 70 मरीजों को निराश लौटना पड़ रहा है। कई लोग जिन्हें कुत्तों ने बुरी तरह से काटा होता है, वह केमिस्टों से महंगे इंजेक्शन खरीद कर लगवा रहे हैं। मार्केट में एंटी रेबीज वैक्सीन का एक इंजेक्शन की कीमत करीब 450 से 500 रूपये में बिक रहा है। उधर, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि एंटी रेबीज वैक्सीन खत्म होने संबंधी सेहत विभाग के उच्च अधिकारियों को सूचित किया गया है। सेंट्रल वेयर हाउस में ही एंटी रेबीज वैक्सीन का स्टॉक खत्म है।
रोज इंजेक्शन लगवाने आते हैं 120 से 150 मरीज
सिविल अस्पताल के ओपीडी ब्लॉक में रोज एंटी रैबीज वैक्सीनेशन के लिए 120 से 150 के करीब मरीज आते हैं। इसमें से 30 से 40 केस नए होते हैं, जबकि बाकी के केस दूसरा, तीसरा व चौथा इंजेक्शन लगवाने वाले होते हैं। छुट्टी से अगले दिन एंटी रेबीज वैक्सीनेशन लगवाने के लिए आने वाले मरीजों की संख्या 200 तक पहुंच जाती है।
क्यों जरूरी है वैक्सीन
वेटरनरी विशेषज्ञों के अनुसार कुत्ते के काटने के बाद एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाना जरूरी है। वरना रेबीज हो सकता है। गहरा घाव होने पर पांच से छह इंजेक्शन और घाव कम होने पर चार इंजेक्शन जरूरी है। वैक्सीन रेबीज के असर को खत्म कर देती है। 24 घटे के अंदर पहला इंजेक्शन, दूसरा इंजेक्शन दूसरे दिन, तीसरा इंजेक्शन सातवें दिन, चौथा इंजेक्शन 14वें दिन, पांचवां इंजेक्शन 28वें दिन और छठा इंजेक्शन 90वें दिन लगवाया जाता है।