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इच्छाशक्ति के बल पर बदल रहे गांवों की तस्वीर, गांव न छोड़ें लोग; इसलिए इसे शहर जैसा बना दिया

Panchayati Raj Diwas 2022 सरपंच गुरविंदर सिंह का कहना है कि उनकी दिली इच्छा थी कि गांव के लोग शहरों की तरफ रुख न करें। शहर की सुविधाएं देखकर हर ग्रामीण शहर जाकर बसना चाहता था लेकिन अब ऐसा नहीं है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Updated: Sun, 24 Apr 2022 08:03 AM (IST)
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गांव भुटाल कलां में बना मैरिज पैलेस। जागरण
गगनदीप सिंह, लहरागागा (संगरूर): पंजाब के संगरूर जिले के लहरागागा विधानसभा क्षेत्र का गांव भुटाल कलां सुविधाओं के मामले में शहरों से कम नहीं है। 6,280 लोगों की आबादी वाले इस गांव में बस स्टाप पर एसी प्रतीक्षालय, एसी लाइब्रेरी, एसी विवाह भवन, जिम, पक्की सड़कें, सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे और खूबसूरत पार्क जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

यह सभी सुविधाएं गांव को पिछले साढ़े तीन वर्ष में मिली हैं। गांव की यह तस्वीर शिक्षित सरपंच गुरविंदर सिंह व अन्य पंचायत सदस्यों ने बदली है। सरपंच गुरविंदर सिंह बीटेक पास हैं। गांव के युवा शहरों की तरफ रुख न करें, इसलिए उन्होंने गांव को ही शहर जैसा बनाने का लक्ष्य ठान लिया। इन्हीं सुविधाओं को देखते हुए गांव को दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तीकरण पुरस्कार के लिए चुना गया है। 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पंचायत के सरपंच को पुरस्कार देकर सम्मानित करेंगे।

बस स्टाप पर एसी वेटिंग रूम। जागरण

पंचायत के पास अपनी बीस एकड़ जमीन है, जिससे हर वर्ष करीब आठ लाख रुपये की आय हो जाती है। अन्य साधनों से होने वाली कमाई व सरकार से मिलने वाली मदद से पंचायत ने गांव को सुविधासंपन्न बना दिया है। हर छह माह बाद ग्राम सभा बुलाकर पंचायत का लेखा-जोखा लोगों के सामने रखा जाता है। गांव के बस स्टाप पर एसी प्रतीक्षालय है ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो। विवाह समारोह के लिए लोगों को शहर का रुख न करना पड़े, इसलिए गांव में पंचायत ने मिनी मैरिज पैलेस का भी निर्माण किया है। गरीब व जरूरतमंद परिवारों को मामूली खर्च पर यहां कार्यक्रम करने की सुविधा उपलब्ध है। गांव के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। हर धार्मिक स्थल पर भी सीसीटीवी कैमरों का प्रबंध किया गया है। इसका कंट्रोल रूम सरपंच के घर पर है, जहां से वह पूरे गांव पर निगाह रख सकते हैं।

गांव में बनी लाइब्रेरी में पढ़ाई करते युवा। जागरण

पढ़ाई पर भी ध्यान: गांव के मध्य में एसी लाइब्रेरी की स्थापना की गई है। इस लाइब्रेरी में हजारों पुस्तकें मौजूद हैं। आसपास के पंद्रह-बीस किलोमीटर के दायरे से युवक यहां प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं। युवाओं के लिए खेल मैदान व जिम भी मौजूद है। जिम में महिलाओं के लिए भी विशेष व्यवस्था है।

पक्की गलियां, हर समय पानी की सुविधा: इंटरलाकिंग टाइल लगाकर गांव की हर गली पक्की बना दी गई है। तालाबों को साफ कर इनके किनारों को पक्का किया गया है। इनकेपानी को ट्रीट करके सिंचाई की जा रही है। हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए तीस सबमर्सिबल पंप लगाए गए हैं। गांव में 1,800 पौधे लगाकर स्कूल के चारों ओर खूबसूरत दीवार बनाई गई है।

शहर नहीं जाना चाहते लोग: पुरस्कार के लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए सरपंच गुरविंदर सिंह का कहना है कि यह गौरव की बात है कि हमारी पंचायत को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है। इससे आगे और बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी।

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