अनोखी पहल: शादी के शामियाने में लगा किताबों का स्टाल, फूड स्टाल की जगह बारातियों ने किताबों में दिखाई रूचि
लुधियाना के एक घर में शादी में कुछ अनोखा ही देखने को मिला। यहां पर एक पिता ने अपने बेटे की शादी में एक बुक स्टाल लगावाया जिसने बारात में आए हुए सभी लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
By Jagran NewsEdited By: Versha SinghUpdated: Tue, 20 Dec 2022 09:36 AM (IST)
संजीव गुप्ता। जगराओं (लुधियाना)। मातृभाषा पंजाबी के प्रेमी कभी पंजाब, पंजाबी और पंजाबियत को बढ़ावा देने का कोई मौका नहीं छोड़ते। ऐसा गांव किला रायपुर पट्टी सेमा में दिखाई दिया, जहां पंजाबी भाषा प्रेमी संतोख सिंह ग्रेवाल ने अपने बेटे विनीपाल सिंह ग्रेवाल की शादी में शानदार और आलीशान बुक स्टाल लगाया। इस शादी में किताबों से प्रेम करने वाली बारातियों को किताबें भेंट की गईं। करीब ढाई से तीन हजार किताबों का स्टाल लगाया गया और मेहमानों को डेढ़ से दो लाख रुपये मूल्य की किताबें भेंट की गईं।
लुधियाना-फिरोजपुर मुख्य मार्ग स्थित रजत पैलेस मुल्लांपुर में आयोजित इस शादी समारोह के प्रवेश द्वार पर लगा यह स्टाल पूरी तरह से पंजाबी रंग में रंगा हुआ था। स्टाल पर पंजाब के इतिहास, सिख इतिहास, पंजाब के शहीदों, गुरुबाणी, उपन्यास, कहानियों, कविताओं से जुड़ी किताबें थीं।बारातियों ने नाचते-गाते महल में प्रवेश किया तो सामने लगे बुक स्टाल ने बारातियों का दिल जीत लिया। बारातियों का ध्यान इस विशेष स्टाल की ओर गया तो एकबारगी तो दर्जनों फूड स्टाल खाली रह गए। दूल्हा विनीपाल सिंह अपनी नवविवाहित जीवन साथी सुखदीप कौर सिद्धू के साथ पहुंचे तो स्टाल की रौनक में चार चांद लग गए। नवविवाहित जोड़ी को स्टाल से उनकी मनपसंद किताबें भी मिलीं।
बुक स्टाल का संचालन करने वाले शाह किताब घर पटियाला के शाह मुहम्मद ने बताया कि इस पहल से लोगों में काफी उत्साह है। दूसरों को भी ऐसी पहल करनी चाहिए। शादियों, पाठ, भोग, पार्टियों, सुख-दुख में किताबों का स्टाल लगाना सुनिश्चित किया जाए, ताकि किताबों के सहयोग से कुछ अच्छा किया जा सके।
स्टाल पर मिली मशहूर लेखकों की किताबें
विवाह समारोह में बुक स्टाल पर प्रसिद्ध साहित्यकार जसवंत सिंह कंवल, नानक सिंह, दलीप कौर टिवाणा, अमृता प्रीतम, शिवकुमार बटालवी, पाश, साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता बलदेव सिंह सड़कनामा की प्रसिद्ध पुस्तकें शामिल थीं। जिन पुस्तकों में अतिथियों ने अधिक रुचि दिखाई उनमें सड़कनामा, जीवन संग्राम, संगम, साड़ती, पहली किताब, श्री गुरु नानक देव जी, दुल्ले दी ढ़ाब, भगत बाणी, मेरा नानका गांव, पानी बचाओ, बोल मर्दानिया, दुसरी सीता, सुर- सांझ, मोहब्बत इक दृष्टिकोण, मोड़ा, बीए पास, रिश्ता, मझधार आदि प्रमुख हैं।किताबों से जुड़ने के लिए कुछ अलग करना होगा
शादी में बुक स्टाल लगाने का सुझाव देने वाले दूल्हे के चाचा गुरपाल सिंह कहते हैं कि वह शादी की चकाचौंध, धमक, शोर शराबे, नशे से कुछ अलग चाहते थे, जो हर किसी को याद रहे। वे किताबों के भी शौकीन हैं और परिवार के सभी सदस्य किताबें पढ़ने के शौकीन हैं। दूल्हे विनीपाल सिंह के भाई जोधपाल सिंह ग्रेवाल ने बताया कि पूरे परिवार को किताबों से प्यार है। राजनीति से लेकर उपन्यासों तक को पसंद करने वाने इस घर के सदस्यों ने यही सोचा था कि शादी में बुक स्टाल लगाया जाए।
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