Club Road History : लुधियाना के क्लब रोड का है अपना इतिहास, अंग्रेजाें का रहा था प्रमुख केंद्र
Club Road History के ठीक सामने आजादी से पहले ही लक्ष्मी लेडिज क्लब बनाया गया था। दरअसल अंग्रेज अफसर व साहूकार जब सतलुज स्टेडियम में आते थे तो उनकी पत्नियां भी उनके साथ आया करती थी। उन्होंने भी अपना एक लेडीज क्लब 1932 में बना लिया।
By Vipin KumarEdited By: Updated: Sun, 27 Dec 2020 12:24 PM (IST)
लुधियाना, जेएनएन। Club Road History : आजादी से पहले लुधियाना अंग्रेजों का एक प्रमुख केंद्र रहा है। ऐसे में अंग्रेजों ने अपने ऐशो आराम के लिए यहां पर हर सुविधाएं जुटाई। आलीशान बंगलों के साथ उन्होंने क्लब व खेल के मैदान व अन्य संसाधन भी जुटाए। अंग्रेजों ने खुद को लुधियाना शहर से अलग कर सिविल लाइन की तरफ अपने दफ्तर, काेठियां व क्लब बनाए। जहां आज गुरुनानक स्टेडियम है वहां पहले सतलुज स्टेडियम यानी एक क्लब हुआ करता था।
फव्वारा चौक की तरफ आने वाली सड़क काे अंग्रेजाें ने दिया था नाम। (कुलदीप काला)
सतलुज स्टेडियम के ठीक सामने आजादी से पहले ही लक्ष्मी लेडिज क्लब बनाया गया। दरअसल अंग्रेज अफसर व उस समय के साहूकार जब सतलुज स्टेडियम में आते थे तो उनकी पत्नियां भी उनके साथ आया करती थी। उन्होंने भी अपना एक लेडीज क्लब 1932 में बना लिया।
फव्वारा चौक से आगे हुआ करता था अंग्रेजों का क्लब
अफसरों की कोठियां भी क्लब राेड़ के इर्द गिर्द हैं। (कुलदीप काला)दुर्गामाता मंदिर से फव्वारा चौक की तरफ आने वाली सड़क पर अंग्रेजों का क्लब हुआ करता था इसलिए उन्होंने इस सड़क को क्लब रोड रख लिया। आजादी के बाद भी शहर के जो प्रमुख क्लब बने वह भी इसी सड़क के आसपास रहे और यह सड़क तब से लेकर अब तक क्लब रोड के नाम से ही प्रचलित है। क्लब रोड पर गुरुनानक स्टेडियम, जिमखाना क्लब, लक्ष्मी लेडिज क्लब, लुधियाना क्लब हैं जबकि सतलुज क्लब भी इसी सड़क से कुछ दूरी पर है। यही नहीं जिले के तमाम आला अफसरों की कोठियां भी इसी सड़क के इर्द गिर्द हैं। इसके अलावा शहर का सबसे सुंदर पार्क रखबाग भी इसी सड़क के किनारे पर बना हुआ है। ऐसे में रोजाना यहां हजारों की तादात में लोग निकलते हैं।
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