लुधियाना प्लाट अलाटमेंट घोटाला : विजिलेंस ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट व निगम के चार अधिकारियों पर किया केस दर्ज; झूठी रिपोर्ट की तैयार
लुधियाना प्लाट अलाटमेंट घोटाले में विजिलेंस ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट व निगम के चार अधिकारियों पर केस दर्ज किया है। इस मामले में जसदेव सिंह एक्सईएन इन्द्रजीत सिंह जेई और मनदीप सिंह (दोनों जेई) और कमलदीप सिंह को गिरफ्तार किया है।
जागरण संवादाता, लुधियाना। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने लुधियाना में मौजूदा कार्यकारी इंजीनियर बूटा राम, कार्यकारी इंजीनियर जसदेव सिंह, जूनियर इंजीनियर, एलआइटी इन्द्रजीत सिंह, नगर निगम लुधियाना के जूनियर इंजीनियर मनदीप सिंह और माडल टाउन एक्स्टेंशन लुधियाना के निवासी एक प्राइवेट व्यक्ति कमलदीप सिंह के खिलाफ स्थानीय नागरिक विस्थापित (एलडीपी) स्कीम के अंतर्गत लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (एलआइटी) में रिहायशी प्लाटों की अलाटमेंट संबंधी भ्रष्टाचार का एक और केस दर्ज किया है। इस मामले में जसदेव सिंह एक्सईएन, इन्द्रजीत सिंह जेई और मनदीप सिंह (दोनों जेई) और कमलदीप सिंह को गिरफ्तार किया है।
इस संबंधी जानकारी देते हुए विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि विजिलेंस ब्यूरो के थाना, आर्थिक अपराध शाखा, लुधियाना में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7, 7ए और आइपीसी की 120-बी के अंतर्गत दर्ज एफआइआर नं. 8 तारीख 14.07.2022 की तफ्तीश के दौरान यह पाया गया कि एलआइटी के अधिकारियों ने भ्रष्टाचार करते हुए और अन्यों की मिलीभगत से एलडीपी स्कीम के अंतर्गत अनाधिकृत व्यक्तियों को रिहायशी प्लाट अलाट किए थे। चाहे कुछ अलाटियों की मौत हो चुकी थी परन्तु उनके प्लाट एलआइटी अधिकारियों की तरफ से निर्धारित नियमों का उल्लंघन करते हुए अनाधिकृत व्यक्तियों को दोबारा अलाट कर दिए गए और लाभार्थियों से मोटी रिश्वत हासिल की गई।
उन्होंने और जानकारी देते हुए बताया कि इस पड़ताल के दौरान रिकार्ड पर यह सामने आया है कि नियमों का उल्लंघन करते हुए माडल टाऊन एक्स्टेन्शन, लुधियाना में प्लाट नंबर 1544-डी एक निजी व्यक्ति कमलदीप सिंह को अलाट किया गया था। इस मामले में इन्द्रजीत सिंह जेई, बूटा राम ट्रस्ट इंजीनियर और जसदीप सिंह ऐक्सियन, मनदीप सिंह जेई एमसी लुधियाना ने उपरोक्त इलाके में पानी और सीवरेज की सुविधा न होने संबंधी एलआइटी को झूठी/ मनघड़ंत रिपोर्टें दीं थीं। अलाटी का पक्ष लेने के मकसद से उपरोक्त अधिकारियों/कर्मचारियों ने समर्थ अथारिटी से मंजूरी लिए बिना 27 लाख रुपये का गैर-निर्माण जुर्माना छोड़ दिया था, जब कि यह अलाटी से वसूला जाना जरूरी था, जिससे उन्होंने सरकारी खजाने को भारी वित्तीय नुकसान पहुंचाया।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि लाभार्थियों से मोटी रिश्वत लेकर एलडीपी स्कीम के अंतर्गत प्लाट अलाट करने के लिए पहले ही विजीलैंस ब्यूरो के थाना आर्थिक अपराध विंग, लुधियाना में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7, 7ए, 8,12, 13(2) और आइपीसी की धारा 409, 420, 467, 471, 120-बी के अंतर्गत एफआइआर नंबर 09 के अधीन मामला दर्ज किया हुआ है।
इस मामले में एलआइटी के अधिकारियों के खिलाफ जांच की जा रही थी जिसमें रमन बालासुब्रमण्यम, पूर्व चेयरमैन एलआइटी, कुलजीत कौर ईओ, अंकित नारंग एसडीओ, प्रवीन कुमार सेल्ज क्लर्क, गगनदीप क्लर्क और पूर्व चेयरमैन के पीए संदीप शर्मा शामिल थे। उपरोक्त मुलजिमों में से संदीप शर्मा पीए, प्रवीन कुमार क्लर्क और कुलजीत कौर ईओ को पहले ही गिरफ्तार करके न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि अन्य मुलजिम गिरफ्तारी से बच रहे हैं और इस संबंधी आगे जांच जारी है।