Stubble Burning In Punjab: पंजाब में छह दिन में तीन गुणा बढ़े पराली जलाने के मामले, मंडी गोबिंदगढ़ की हवा सबसे ज्यादा खराब
Stubble Burning In Punjab पंजाब में पराली जलाने के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले छह दिनों में पराली जलाने के मामले करीब तीन गुणा बढ़ गए हैं। इससे राज्य के एयर क्वालिटी इंडेक्स पर भी असर पड़ना शुरू हो गया है। प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Fri, 15 Oct 2021 09:47 AM (IST)
पटियाला [गौरव सूद]। Stubble Burning In Punjab किसानों को पराली निस्तारण के लिए सुविधाएं मुहैया करवाने के बावजूद पराली जलाने के मामले रफ्तार पकड़ते जा रहे हैं। पिछले छह दिनों में पराली जलाने के मामले करीब तीन गुणा बढ़ गए हैं। सात अक्टूबर को राज्य में पराली जलाने के कुल 392 मामले थे। 13 अक्टूबर तक बढ़कर 1057 हो गए। इससे राज्य के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ)पर भी असर पड़ना शुरू हो गया है। प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। वीरवार को मंडी गोबिंदगढ़ का एक्यूआइ भी माडरेट से खराब कैटेगरी में शामिल हो गया है, जबकि अन्य शहरों का एक्यूआइ फिलहाल समान्य कैटेगरी में ही है।
इससे पहले मंगलवार को लुधियाना का एक्यूआइ भी माडरेट से खराब कैटेगरी में शामिल हो गया था, जोकि बाद में फिर से माडरेट कैटेगरी में आ गया। वहीं, माहिर इसे कोई ज्यादा चिंता की बात नहीं बता रहे, लेकिन जिस रफ्तार से मामले बढ़ रहे हैं, उसे देखते हुए अगले दिनों में स्थिति चिंताजनक होने से बात से भी इन्कार नहीं कर रहे। अब तक पराली जलाने की घटनाओं में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले बीते रविवार यानी दस अक्टूबर को सामने आए है।
15 सितंबर से लेकर 12 अक्टूबर तक जहां राज्य में पराली जलाने के कुल 925 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं 8, 9, 10 और 13 अक्टूबर को राज्य में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इसके तहत आठ अक्टूबर को 108, नौ अक्टूबर को 114, दस अक्टूबर को 150 और 13 अक्टूबर को 132 पराली जलाने के मामले सामने आ चुके हैं।
अमृतसर जिले में जल रही सबसे ज्यादा पराली
अब तक के आंकड़ों के अनुसार 1057 में 381 मामले केवल अमृतसर जिले से संबंधित हैं, जबकि 236 के साथ तरनतारन राज्य में दूसरे, 85 के साथ पटियाला तीसरे और 74 मामलों के साथ लुधियाना चौथे स्थान पर है।
पांच साल झुलसने के बाद संगरूर ने सीखा पराली प्रबंधनअगर पिछले पांच सालों की बात करें तो पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले संगरूर में हैं, लेकिन इस बार तस्वीर बिल्कुल विपरीत है। इस बार संगरूर में अब तक पराली जलाने के कुल 12 मामले सामने आए हैं, जबकि साल 2016 में 9556, 2017 में 6968, 2018 में 6862, 2019 में 7021 और 2020 में 9705 मामले सामने आए थे। इसके बावजूद पीपीसीबी और संगरूर के जिला प्रशासन की तरफ से जिले को हाट स्पाट घोषित करते हुए वहां जागरूकता कैंप लगाने के साथ अन्य कई प्रयास करके इन मामलों को कम करने के निरंतर प्रयास जारी हैं।
आठ जिलों में दहाई का आंकड़ादसूरी तरफ अभी आठ जिले ऐसे हैं, जहां पराली जलाने के मामले दस से भी कम हैं। होशियारपुर व मानसा में एक-एक, मालेरकोटला व नवांशहर में दो-दो, मुक्तसर में पांच, बरनाला व रोपड़ में छह-छह, फाजिल्का में आठ मामले ही सामने आए हैं।
पराली जलाने वालों पर सतर्कता से नजर रखी जा रही: पीपीसीबीपंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव करुणेश गर्ग ने बताया कि पराली जलाने वालों पर लुधियाना स्थित रिमोर्ट सें¨सग सेंटर द्वारा नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा किसानों को पराली न जलाने संबंधी पीपीसीबी की तरफ से जागरूक वैन भेजकर पराली जलाने से होने वाले नुक्सान और इसके सही निस्तारण के लिए तरीके बताकर किसानों जागरूक भी जा रहा है।
शहरों का एक्यूआइ शहर 14 अक्टूबर 13 अक्टूबरअमृतसर 116 131जालंधर 127 121लुधियाना 148 154मंडी गोबिंदगढ़ 223 170पटियाला 127 140
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