पंजाब कांग्रेस में सीएम चेहरे का मसला हल लेकिन अब नवजोत सिद्धू के रुख पर नजर, चन्नी की चुनौतियां बढ़ीं
Punjab Assembly Election 2022 पंजाब कांग्रेस में विधानसभा चुनाव के लिए सीएम चेहरे का मसला हो गया है लेकिन नवजोत सिंह सिद्धू के रुख पर अब नजरें होंगी। इसके साथ ही सीएम चरणजीत सिंह चन्नी की चुनौतियां बढ़ गई हैं।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 07 Feb 2022 08:41 AM (IST)
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Punjab Assembly Election 2022: पंजाब में कांग्रेस के सीएम चेहरे को लेकर कई दिनों से चल रही खींचतान और अटकलबाजी रविवार को खत्म हो गई। लंबी जद्दोजहद और मान-मनौव्वल के बाद आखिरकार चेहरे का मसला हल हो गया। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी वर्चुअल रैली में मंच से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए चरणजीत सिंह चन्नी का नाम घोषित किया। लेकिन, अब पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के रुख पर नजरें हैं। इसके साथ ही चरणजीत सिंह चन्नी की चुनौतियां बढ़ गई हैं।
राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के लिए मंच से की चरणजीत सिंह चन्नी के नाम की घोषणाराहुल गांधी ने साफ किया कि 'हमने पंजाब के लोगों, पार्टी के कार्यकर्ताओं, वर्किग कमेटी के नेताओं और युवाओं की राय लेने के बाद ही चेहरा तय किया है। पंजाब के लोगों की मांग थी कि किसी गरीब को ही चेहरा बनाया जाए।' उनकी घोषणा के बाद सीएम चेहरे के लिए दावेदारी जता रहे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी का हाथ ऊपर उठाकर उन्हें बधाई दी। वहीं, चन्नी ने घोषणा के बाद सबका धन्यवाद करते हुए कहा, 'मैं मुख्यमंत्री बनने के बाद सिद्धू का पंजाब माडल लागू करूंगा।'
घोषणा से पहले डेढ़ घंटे तक बैठक में चला मंथन, पीछे हटने को राजी नहीं थे नवजोत सिद्धूकांग्रेस ने सीएम चेहरे का मसला भले ही हल कर लिया हो, लेकिन उसके लिए असली चुनौती अभी सामने है। इसमें सबसे बड़ी चुनौती सिद्धू के आगामी रुख को लेकर ही है कि वे चन्नी का किस तरह सहयोग करते हैं। राहुल के सामने मंच पर चन्नी और सिद्धू एक-दूसरे के गले भी मिले, लेकिन इससे पहले सिद्धू के लहजे में काफी तल्खी दिखी। उन्होंने कहा, 'मैं दर्शनी घोड़ा बनकर नहीं रहूंगा। मैं रेस में दौड़ने वाला अरबी घोड़ा हूं। अगर बीमार भी हो तो गधों से बेहतर होता है।' उनके इस अंदाज से मंच पर बैठे सभी शीर्ष कांग्रेस नेता हैरान रह गए।
वहीं, घोषणा से पहले काफी देर तक सिद्धू को मनाने का प्रयास चलता रहा। राहुल गांधी करीब ढाई बजे लुधियाना पहुंच गए थे। इसके बाद उन्होंने एक होटल में चरणजीत सिंह चन्नी, नवजोत सिंह सिद्धू, कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल, पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ बैठक की। सूत्रों के अनुसार सिद्धू किसी भी शर्त पर पीछे नहीं हट रहे थे, लेकिन राहुल उन्हें बार-बार मनाते रहे। राहुल दोपहर दो बजे के निर्धारित समय से लगभग डेढ़ घंटे बाद रैली स्थल पर पहुंचे।
सुनील जाखड़ ने दिया संकेत, राहुल गांधी ने लगाई मुहरसबसे पहले कांग्रेस की प्रचार कमेटी के चेयरमैन सुनील जाखड़ ने संबोधित किया। उन्होंने कहा, 'पंजाब को अनुसूचित जाति वर्ग से मुख्यमंत्री देकर राहुल गांधी ने ऐतिहासिक फैसला लिया। यह फैसला ऐतिहासिक था, है और रहेगा।' उनके इस अंदाज से ही स्पष्ट हो गया कि चन्नी ही सीएम चेहरा होंगे। अंत में जब राहुल गांधी घोषणा के लिए मंच पर आए तो उन्होंने कहा, 'पंजाब कांग्रेस ने चन्नी और सिद्धू के बीच एक को चुनने का बहुत मुश्किल काम दे दिया। कांग्रेस के पास बहुत हीरे हैं। चन्नी के दिल और खून में पंजाब है। चन्नी सबसे बड़ी पोस्ट पर हैं, लेकिन कभी अहंकार नहीं दिखा। लोगों की राय से तय हुआ है कि मुख्यमंत्री का चेहरा चन्नी ही होंगे।'
कांग्रेस के सामने पांच बड़ी चुनौतियां1. नवजोत सिंह सिद्धू क्या रुख अपनाते हैं। यदि वह नाराज रहे और चन्नी के साथ नहीं चले तो पार्टी को काफी नुकसान हो सकता है।2. सिद्धू के अलावा उनके साथ चलने वाले और खुलकर उनकी मुखालफत करने वाले नेताओं को एक मंच पर लाना होगा।2. कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को चेहरा घोषित कर भले ही अनुसूचित जाति को खुश कर लिया हो, लेकिन जट्ट सिखों की नाराजगी दूर करनी होगी।
3. बागियों ने पहले ही कांग्रेस की मुश्किल बढ़ा रखी है। बहुमत के लिए जरूरी 59 विधायकों की जीत के लिए एकजुटता दिखानी होगी।4. चुनाव के लिए 13 दिन रह गए हैं। इस दौरान कांग्रेस को किसी नए बखेड़े से बचना होगा। प्रचार में तेजी दिखानी होगी।-----खास बातें-
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- -चरणजीत सिंह चन्नी ने बताया विजन: सीएम बनने के बाद लागू करूंगा सिद्धू का पंजाब माडल।
- - नवजोत सिंह सिद्धू ने दिखाए तेवर: मैं अरबी घोड़ा, अगर बीमार भी हो तो गधों से बेहतर होता है।