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Sidhu Moose Wala Murder: पंजाब एवं दिल्‍ली की चार जेलों में बंद गैंगस्‍टरों ने रची थी सिद्धू मूसेवाला की हत्‍या की साजिश

Sidhu Moose Wala Murder पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्‍या के मामले में बड़ा खुलाासा हुआ है। मूसेवाला की हत्‍या की साजिश पंजाब एवं दिल्‍ली की चार जेलों में बंद गैंगस्‍टरों ने रची थी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sun, 04 Sep 2022 08:07 AM (IST)
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Sidhu Moose Wala Murder : सिद्धू मूसेवाला की हत्‍या की साजिश चार जेलों में बंद गैंगस्‍टरों ने रची। (फाइल फोटो)
बठिंडा , [गुरप्रेम लहरी]। Sidhu Moose Wala Murder : पंजाबी गायक व कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला की हत्‍या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मानसा पुलिस द्वारा अदालत में पेश किए गए चालान में खुलासा किया गया है कि मूसेवाला की हत्‍या की साजिश जेल में बंद गैंगस्‍टरों ने रचाी थी। पंजाब व दिल्ली की चार जेलों में बंद गैंगस्टरों ने यह साजिश रची थी।

हाई सिक्योरिटी जेलों में भी मोबाइल से नेटवर्क चला रहे गैंगस्टर

इस मामले के पांच आरोपित उस समय पंजाब और दिल्ली की अलग-अलग जेलों में बंद थे, जब 29 मई को मानसा के पास जवाहरके गांव में सिद्धू मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी।  ये गैंगस्‍टर हाई सिक्‍यो‍रिटी जेलों से भी मोबाइल के जरिये अपना नेटवर्क चला रहे थे।

अदालत में पेश किए गए चालान से यह खुलासा हुआ है कि इस कांड के मुख्य साजिशकर्ता लारेंस बिश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया दिल्ली की उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल में बंद थे। मनप्रीत मन्ना फिरोजपुर जेल, सारज संधू उर्फ सारज मिंटू बठिंडा जेल और मनमोहन सिंह उर्फ मोहना मानसा की जेल में बंद थे।

सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद जेलों में बंद पांचों आरोपितों को पूछताछ के लिए ट्रांजिट या प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया था। इसमें हैरानीजनक तथ्या यह भी है कि जिस आरोपित पवन नेहरा का नाम हत्याकांड के समय से मुख्य रूप से लिया जा रहा था उसे बाद में निर्दोष घोषित कर दिया गया। पेश किए गए चालान के मुताबिक आरोपितों ने व्हाट्सएप या सिग्नल एप के जरिए एक-दूसरे से संपर्क किया।

सारज व मन्ना थे फिरोजपुर जेल में बंद

आरोपित सारज संधू उर्फ सारज मिंटू को 31 मई को बठिंडा जेल में से गिरफ्तार किया गया था। मन्ना और सारज दोनों 22 दिसंबर 2021 से 23 अप्रैल 2022 तक फिरोजपुर जेल में थे। उसके बाद सारज को बठिंडा जेल में शिफ्ट कर दिया गया, जहां से वह लारेंस बिश्नोई और कनाडा स्थित सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी बरार के संपर्क में आया।

आरोपित मनप्रीत मन्ना को भी 31 मई को ही गिरफ्तार किया गया था। वह फिरोजपुर जेल में बंद था। उस पर एक अन्य आरोपित मनप्रीत भाऊ के जरिए शूटरों के लिए कोरोला कार की व्यवस्था करने का आरोप है। जेल से ही मन्ना ने भाऊ को शूटर जगरूप रूपा और मनप्रीत मन्नू उर्फ मन्नू कुस्सा को कार मुहैया कराने के लिए कहा था।

14 जून को लिया बिश्नोई का ट्रांजिट रिमांड

पटियाला हाउस कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड मिलने के बाद लारैंस बिश्नोई को 14 जून को दिल्ली से मानसा लाया गया था। बिश्नोई पर गोल्डी बरार के साथ साजिश का सरगना होने का आरोप है, जो कथित तौर पर युवा अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला लेने के लिए मूसे वाला को खत्म करने की साजिशों में शामिल था।

मानसा जेल में बंद था मनमोहन उर्फ मोहना

मानसा के रल्ली गांव के मनमोहन उर्फ मोहना मानसा जेल में बंद था । सिद्धू मूसेवाला मामले में लारेंंस बिश्‍नोई ने पूछताछ के दौरान मोहना का नाम लिया था। 17 जून को मोहना को गिरफ्तार किया गया था। वह लौंश के अलावा गोलडी बराड़ के साथ फोन से संपर्क में था। पुलिस पूछताछ में उसने यह बात कबूल भी की कि वह जेल से मोबाइल का इस्तेमाल करता रहा था। उसने मानसा जेल के ब्लाक 2 की बैरक नंबर 7 में सीवरेज में छुपाए गए एक स्मार्ट तो एक कीपैड वाला फोन बरामद भी कराए थे।

हाई सिक्योरिटी में भी इस्तेमाल होते रहे फोन

एक बार फिर सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड के मामले के चालान ने यह साबित कर दिया कि हाई सिक्योरिटी जेल में भी मोबाइलों का इस्तेमाल हो रहा है। वहां पर आरोपितों को मोबाइल कौन, कैसे उपलब्ध कराता है, यह अभी जांच का विषय है। लेकिन,  एक बात तो तय है कि जेलों में मोबाइल का इस्तेमाल अभी भी हो रहा है। इसके कारण ही जेलों में बंद कुख्यात गैंगस्टर अपना नेटवर्क चला रहे हैं।

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