Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Ludiana News: AAP विधायक गोगी को अदालत ने किया बरी, Rail Roko Andolan के दौरान Train रोकने का था आरोप

कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहते हुए और मौजूदा समय में आम आदमी पार्टी के विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी व अन्य अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर साल 2015 में रेल रोको आंदोलन के दौरान शताब्दी ट्रेन रोकने को लेकर केस दर्ज किया गया था। लेकिन शुक्रवार को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राधिका पुरी की अदालत ने ट्रेन रोकने के आरोपों का सामना कर रहे आप विधायक गोगी को बरी कर दिया है।

By Dilbag SinghEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Sat, 09 Dec 2023 04:30 PM (IST)
Hero Image
पंजाब के आम आमदमी पार्टी के विधायक गोगी को अदालत ने किया बरी (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। AAP MLA Acquitted In Train Stopping Case: कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रहते हुए 2015 में रेल रोको आंदोलन (Rail Roko Andolan) के दौरान शताब्दी ट्रेन रोकने पर आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी (MLA Gurpreet Singh Gogi) व अन्य अज्ञात प्रदर्शनकारियों पर केस दर्ज किया गया था।

शुक्रवार को चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राधिका पुरी की अदालत ने ट्रेन रोकने के आरोपों का सामना कर रहे आप विधायक गोगी को बरी कर दिया है।

जानें क्या है मामला

मई 2015 के दौरान लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, कांग्रेस विधायक सुरिंदर डावर और भारत भूषण आशु सहित लगभग 500 कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रेल ट्रैक को अवरुद्ध कर दिया था और गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब के पास नई दिल्ली-अमृतसर स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस को रोक दिया था।

यह कांग्रेस नेता तत्कालीन अकाली-भाजपा सत्तारूढ़ सरकार के खिलाफ राज्य स्तरीय 'रेल रोको' आंदोलन में भाग ले रहे थे।

साल 2017 में किया हुए गिरफ्तार

इस रेल नाकेबंदी की घटना के लगभग दो साल बाद 13 सितंबर, 2017 को एक नाटकीय घटनाक्रम में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने उनके घर से रेल यातायात अवरुद्ध करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हें पांच रुपये के जमानत बांड भरने पर रिहा कर दिया गया।

अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष अपने मामले को साबित करने के लिए अपने पक्ष में सबूत स्थापित करने में विफल रहा। मुकदमे के दौरान विधायक गुरप्रीत गोगी ने खुद को निर्दोष बताया और कहा कि केंद्र में भाजपा के कार्यकाल के दौरान पुलिस द्वारा झूठा फंसाया गया।

ये भी पढे़ं- रुलाने लगे सब्जियों के दाम! प्याज-टमाटर महंगे होने से फीका पड़ा तड़के का स्‍वाद, रसोई के खर्चों से बिगड़ा बजट

अदालत ने किया बरी

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और सबूतों को देखने के बाद अदालत ने उसे बरी कर दिया। बाद में उन्हें 5000 रुपये के जमानत बांड भरने पर रिहा कर दिया गया।

अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष अपने मामले को साबित करने के लिए अपने पक्ष में सबूत स्थापित करने में विफल रहा। 

ये धाराएं लगाई गईं थीं

स्वर्ण शताबदी एक्सप्रेस ट्रेनु रोकने को लेकर विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी पर रेलवे अधिनियम की धारा 174 (ट्रेन चलाने में बाधा डालना) और 147 (अतिक्रमण और अतिक्रमण से इनकार करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

सत्य की हमेशा जीत होती है : गोगी

विधायक गोगी ने बरी होने के बाद दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि सत्य की हमेशा जीत होती है। कोर्ट के आदेश से यह साबित हो गया कि वह निर्दोष थे। यह राजनीतिक प्रतिशोध का मामला था। मुझे सात साल तक मुकदमे का सामना करना पड़ा।

ये भी पढ़ें- छतबीड़ जू के अधिकारी अन्य चिड़ियाघर कीपर को देंगे ट्रेनिंग, कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम का होगा आयोजन