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बकलावी रेस्टोरेंट विवाद: अदालत ने एमटीपी बिंद्रा को एक दिन के रिमांड पर भेजा, 75 दिन बाद किया था आत्मसमर्पण

लुधियाना अदालत ने एसएस बिंद्रा को कथित हत्या के प्रयास के मामले में एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस ने इस आधार पर रिमांड मांगा है कि वे उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों की गहराई जानने के लिए उससे पूछताछ करना चाहते हैं।

By Rajnesh Lakhanpal Edited By: Vinay kumarUpdated: Thu, 13 Oct 2022 07:20 PM (IST)
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बकलावी रेस्टोरेंट विवाद में एमटीपी बिंद्रा को एक दिन का रिमांड मिला है।

लुधियाना [रजनीश लखनपाल]। ड्यूटी मजिस्ट्रेट राजबीर कौर ने कथित तौर पर हत्या के प्रयास के मामले में बठिंडा के एमटीपी एसएस बिंद्रा को एक दिन के लिए पुलिस रिमांड में भेजने के आदेश दिए हैं। बिंद्रा ने घटना के 75 दिन बाद कल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया था और आज उन्हें अदालत में पेश किया।

पुलिस ने इस आधार पर रिमांड मांगा है कि वे आरोपी से उसके खिलाफ लगाए गए आरोपों की गहराई जानने के लिए उससे पूछताछ करना चाहते हैं। वहीं बचाव पक्ष के वकील परोपकार सिंह घुम्मन ने इस दलील के साथ रिमांड दिए जाने का विरोध किया है कि बिंद्रा को मामले में झूठा फंसाया गया है।

इसके अलावा, बिंद्रा के बेटे मनमीत बिंद्रा और भतीजे गुरकीरत बिंद्रा से इस मामले में पहले ही सीजेएम अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद पर्याप्त दिनों तक पूछताछ की जा चुकी है और पुलिस मामले के सभी तथ्यों से अच्छी तरह वाकिफ है। पुलिस शिकायतकर्ता पक्ष को संतुष्ट करने के लिए फिल्मी आधार पर रिमांड मांग रही थी।

उसके खिलाफ 29 जुलाई, 2022 को सराभा नगर थाने में मामला दर्ज किया गया था। घटना में अनिरुद्ध गर्ग, करण गोयल, संजीव मोंगियन और रजनीश गर्ग को गंभीर चोटें आई थी। घायलों में से करण (35) एक पूर्व क्रिकेटर था, जो रणजी ट्राफी और विजय हजारे टूर्नामेंट और अन्य राष्ट्रीय मीट में पंजाब के लिए खेल चुका था। 

उन्होंने इंडियन प्रीमियर लीग (आइपीएल) के उद्घाटन संस्करण में किंग्स इलेवन पंजाब का भी प्रतिनिधित्व किया। वर्तमान में वह पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा नियुक्त पंजाब सीनियर चयन समिति के सदस्य थे।  अन्य घायल व्यक्ति शहर के व्यवसायी हैं। शिकायतकर्ता अनिरुद्ध गर्ग ने पुलिस को बताया था कि वह एक निवेश कंपनी के मालिक हैं। शुक्रवार को उन्होंने बकलवी रेस्टोरेंट में निवेशकों की बैठक बुलाई थी।

जब बैठक समाप्त हुई, तो रेस्तरां मालिकों ने भुगतान के मुद्दे पर बहस शुरू कर दी और अचानक एसएस बिंद्रा, नगर टाउन प्लानर, बठिंडा, उनके बेटों गुरकीरत और पुनीत बिंद्रा के साथ और प्रबंधकों पवन और अजय ने उन पर राड और बोतलों से हमला किया। इसलिए, उन्हें चोटें आईं और इसे एक जानलेवा हमला करार दिया।

घटना के बाद मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया था। बाद में बिंद्रा ने एसआइटी पर कोई विश्वास नहीं जताया और जांच को मोहाली में ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन को सौंपा गया। इससे पहले, उनकी अग्रिम जमानत याचिका को स्थानीय अदालत के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।

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