लुधियाना के इंडस्ट्रियल इलाकों में बढ़ा अपराध, जगह-जगह खुले अवैध खोखे; नशेड़ियों के लिए बने पनाहगार
शहर के कारोबारी इंडस्ट्रियल इलाकों में लगातार बढ़ रहे अपराध से चिंतित हैं। उनका कहना है कि निगम और पुलिस प्रशासन की सुस्त कार्यशैली के चलते चोरी व लूटपाट की घटनाएं बढ़ रही है। बदमाश बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
By Munish SharmaEdited By: DeepikaUpdated: Mon, 10 Oct 2022 09:48 AM (IST)
मुनीश शर्मा, लुधियाना। इंडस्ट्रियल इलाकों में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कई दिनों से चोरियां व लूटपाट बढ़ जाने का एक मुख्य कारण ये भी है कि यहां पर अवैध कब्जों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सभी फोकल प्वाइंट में जगह-जगह अवैध खोखे खुले देखे जा सकते हैं।
कारोबारियों का कहना है कि ये अवैध खोखे नशेड़ियों के लिए पनाहगार साबित हो रहे हैं। असामाजिक तत्व यहां बैठकर नशा करते हैं और घूम-फिर कर फैक्ट्रियों की रेकी करने के बाद छुट्टी होने पर कारोबारियों व मजदूरों का पीछा कर उन्हें सुनसान जगहों पर लूट लेते हैं। उद्योगपति लंबे समय से इन खोखों को हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन इसको लेकर निगम और पुलिस प्रशासन सुस्त है।
लगातार खोखों की बढ़ रही सख्यां से कारोबारी परेशान
शहर के कारोबारियों का कहना है कि बीते वर्ष में पुलिस अधिकारियों के साथ करीब 10-12 बैठकें हुईं। हर बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया है। पुलिस व निगम प्रशासन द्वारा हर बार आश्वासन दिया जाता है कि इन्हें हटा दिया जाएगा, लेकिन ये खोखे आज भी वहीं के वहीं हैं। इनकी संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।फोकल प्वाइंट फेज-4, फेज-5, फेज-6, फेज-7, फेज-8, ढंडारी कलां सहित कई अहम इलाकों में ऐसे खोखों की भरमार है। उद्योपतियों की मांग है कि इन अवैध कब्जों को हटाया जाए, हम लोगों के अलावा कर्मचारी भी बेफिक्र होकर अपना-अपना काम कर सकें।
अवैध कब्जों में होते हैं कई तरह के गलत काम
कारोबारियों का कहना है कि इंडस्ट्रियल इलाकों में अवैध कब्जे कर खोखे और दुकानें बनाई जा रही हैं। लूटपाट की घटनाओं को अंजाम देने वाले लोग यहां बैठकर पहले रेकी करते हैं और रात के समय यहां वारदात करते हैं। शरारती तत्वों की तरफ से न केवल लूटपाट की जाती है, बल्कि नशीले पदार्थों की तस्करी तक की जा रही है।कारोबारी बोले, हमें कब मिलेगी समस्या से निजात
लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष राजीव जैन ने कहा कि अवैध कब्जों को लेकर न तो पुलिस प्रशासन गंभीर दिखाई दे रहा है और न ही नगर निगम सख्ती बरत रहा है। ऐसे में इनकी बढ़ती संख्या को रोकने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने चाहिए। विभागीय अधिकारियों के साथ बैठकों में हर बार यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाता है, लेकिन इसको लेकर अभी तक ढिलमुल रवैया अपनाया जा रहा है।
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