Road Safety: जगराओं में 20 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के कंधाें पर सुरक्षा का जिम्मा, हादसे राेकने काे लगेंगे नाके
Road Safety जगराओं देहात पुलिस के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं होने के कारण आने वाले दिन और भी गंभीर रहने वाले हैं। जगराओं में ट्रैफिक पुलिस के 11 कर्मचारी तैनात है। बड़ी बात यह है कि देहात पुलिस के पास एक भी स्पीड इंटरसेप्टर नहीं है।
By Bindu Uppal Edited By: Vipin KumarUpdated: Mon, 28 Nov 2022 02:00 AM (IST)
जागरण संवाददाता, जगराओं (लुधियाना)। धुंध में सड़क हादसे होने की संभावना लगातार बनी रहती है। दैनिक जागरण की ओर किए गए सड़कों के आडिट में पता चला था कि शहर के अलावा गांवों में कई ऐसी सड़कें हैं, जहां पर न तो संकेतिक बोर्ड लगे हैं और न ही वहां पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जगराओं देहात पुलिस के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं होने के कारण आने वाले दिन और भी गंभीर रहने वाले हैं, क्योंकि देहात पुलिस के पास काम करवाने के लिए फोर्स ही नहीं है। हमारी संवाददाता बिंदु उप्पल से विशेष बातचीत के दौरान एसएसपी हरजीत सिंह ने यह बात स्वीकार भी की है।
एसएसपी ने बताया कि जिला पुलिस देहाती के पास 20 ट्रैफिक पुलिसकर्मी हैं, जबकि यहां पर 100 से भी अधिक कर्मचारियों की जरूरत है। ट्रैफिक पुलिस में जगराओं में 11, दाखां में चार और रायकोट में पांच पुलिस कर्मी ही तैनात हैं। जगराओं में केवल मेन तहसील चौक, एसएसपी आफिस के बाहर, एडीसी कोर्ट कांप्लेक्स के बाहर, रानी झांसी चौक, कमल चौक में कर्मी होते हैं, जो पूरे शहर में गश्त करते हैं।:::::::::
- अगले कुछ दिनों में धुंध पड़नी शुरू हो जाएगी। ऐसे में हादसों को रोकने के लिए क्या तैयारी की गई है?हमारे पास स्टाफ की बहुत कमी है। इसी कारण हर चौराहे और गांवों में ट्रैफिक पुलिस मुलाजिमों की तैनाती नहीं की जा सकती। हालांकि हम फिर भी पूरी तरह से तैयार हैं। सभी विभागों को पत्र लिखकर संकेतक बोर्ड व जगह-जगह रेडियम पट्टी लगाने के लिए कहा गया है।
- हाईवे पर हादसों का खतरा ज्यादा है। कई जगह संकेतक बोर्ड नहीं हैं। तीखे मोड़ पर रिफ्लेटर के इंतजाम नहीं हैं। इस अव्यवस्था को कब तक सुधार लिया जाएगा? यह काम नेशनल हाईवे आथारिटी का है। फिरोजपुर रोड पर जो भी कमियां हैं, उसके बारे में सड़क का निर्माण करने वाली कंपनी को बताई गई हैं। वहां पर जल्द ही व्यवस्था दुरुस्त कर दी जाएगी। इसके अलावा गांवों की सड़कों पर इस काम के लिए पीडब्लयूडी विभाग को लिखा गया है।
- हाईवे पर स्थित ढाबों के बाहर सड़क पर ही ट्रक खड़े कर दिए जाते हैं। हाईवे पैट्रोलिंग की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है। इसके लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?स्टाफ की कमी के कारण सड़कों पर पुलिस की तैनाती नहीं हो सकती। हमारे एरिया में नेशनल हाईवे पैट्रोलिंग भी नहीं है ताकि उनसे ही राब्ता कर इसे रोका जा सके। हम इस काम में लिए थानों की पैट्रोलिंग पार्टी से सहयोग लेंगे और इसे रोका जाएगा।
- ओवरस्पीड के कारण भी हादसे बढ़ रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस के पास स्पीड इंटरसेप्टर ही नहीं हैं? क्या कभी सरकार से इनकी डिमांड ही नहीं की गई या सरकार ने उपलब्ध नहीं करवाए? हमारे पास कोई भी स्पीड इंटरसेप्टर नहीं है। हेडक्वार्टर में इसके बारे में जानकारी भी दी गई थी, लेकिन ये उपलब्ध नहीं करवाए गए। हालांकि सड़क पर लापरवाही से गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाती है और चालान किए जाते हैं।
- एक और बात सामने आई है कि जिले में वाहनों और सड़कों के अनुपात में ट्रैफिक पुलिस की कमी है। नियम न टूटें, इसके लिए क्या ट्रैफिक पुलिस का स्टाफ बढ़ाया जाएगा।मैने पहले भी बताया कि हमारे पास जरूरत की फोर्स का तीसरा हिस्सा भी नहीं है। हम जैसे तैसे काम चला रहे हैं, फिर भी पूरी कोशिश रहेगी कि सड़कों पर पुलिस की मौजूदगी रहे।- जिले में ब्लैक स्पाट चिन्हित किए गए हैं, लेकिन यहां सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। पुलिस ब्लैक स्पाट के आसपास नजर भी नहीं आ रही। आप क्या कहेंगे?
ब्लैक स्पाट पर हमारी तरफ से संकेतक बोर्ड लगाए जाएंगे। हमारी तरफ से भी उन इलाकों को चिन्हित किया गया है, जहां हादसे अधिक हो रहे हैं। जगह-जगह बोर्ड लगाए जा रहे हैं। - जिलों की अंदरूनी सड़कों पर रांग साइड ड्राइविंग और अवैध पार्किंग भी बड़ी समस्या है। इसके लिए योजना है?इसके लिए सड़कों पर पहले से पुलिस की तैनाती है। लोगों को भी पुलिस का सहयोग करना चाहिए। छोटे बच्चों को वाहन देकर नहीं भेजें और ट्रैफिक नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
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