Diwali Puja Shubh Muhurat: दीपावली पर क्या रहेगा लक्ष्मी पूजा का शूभ मुहूर्त, यहां ले पूरी जानकारी
Diwali Puja Shubh Muhurat दीपावली हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस बार 25 अक्टूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण के कारण लोगों में इन पर्वों की तिथि एवं शुभ मुहूर्त को लेकर असमंजस है।
कृष्ण गोपाल, लुधियाना। Diwali Puja Shubh Muhurat: रोशनी का पर्व दीपावली हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। लेकिन इस बार 25 अक्टूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण के कारण लोगों में इन पर्वों की तिथि एवं शुभ मुहूर्त को लेकर काफी आसमंजस है। लोग कभी धनतेरस, कभी दिवाली पूजन के मुहूर्त तो कभी विश्वकर्मा पूजन, भाई दूज, अन्नकूट इत्यादि, सभी को लेकर चिंतित हैं कि कौन सा पर्व किस दिन मनाया जाए और उस का शुभ मुहूर्त क्या होगा।
इस पर ज्योतिषगणों व पंडितों की क्या राय है इस पर ज्योतिषाचार्या डा. पुनीत गुप्ता ने बताया कि इस बार अनोखा संयोग होगा कि विश्वकर्मा पूजन दिवाली के अगले दिन ना हो कर उसके एक दिन बाद मनाया जाएगा। इस साल 5 दिवसीय दीपावली पर्व के कुछ त्योहारों की तिथियों को लेकर खासी उलझन की स्थिति बनी हुई है, जिससे लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि इस साल विश्वकर्मा पूजन, अन्नकूट, भाई दूज किस दिन मनाएंगे।
भाई दूज 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी या 27 अक्टूबर को भाई दूज मनाना सही रहेगा। इसके साथ ही धनतेरस को लेकर भी 22 व 23 अक्टूबर को लेकर कई लोग भ्रमित बने हुए थे। गुप्ता ने कहा कि भ्रमित होने की कोई अवश्यकता नहीं है। हम यहां पाठकों की सुविधा के लिए सभी पर्वों के शुभ मुहूर्त, समय एवं तिथि अनुसार दे रहे हैं कि किस दिन किस मुहूर्त में आपको कौन सा पर्व मनाना चाहिए।
दरअसल, इस बार 25 अक्टूबर को साल का दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण दिवाली पर लग रहा है। दीवाली कार्तिक अमावस्या को मनाई जाती है। अगर अमावस्या तिथि की बात करें तो वह 24-25 अक्टूबर को दोनों दिन रहेगी। अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को शाम 5.27 बजे शुरू हो रही है जो 25 अक्टूबर दोपहर 04:18 बजे तक चलेगी।
सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा: पं. अजय
पंडित अजय वशिष्ठ ने कहा कि सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर मंगलवार को लगेगा। सामान्य तौर पर दीवाली के अगले दिन विश्वकर्मा पूजन, गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है। परंतु इस बार सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा, अन्नकूट, भाईदूज 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है। परंतु धार्मिक दृष्टि से सूर्य ग्रहण का खास महत्व होता है। वह भी जब यह ग्रहण किसी पर्व या त्योहार के समय लगे तो इसकी खासियत और बढ़ जाती है।
- भूगोलिक गणना के आधार पर भारतीय समयानुसार:-25 अक्तूबर को ग्रहण का प्रारंभ- 2.29 दोपहर
- ग्रहण का मध्य- 4.30, सायंग्रहण की समाप्ति - 6.32 सायं
- पंडित राज शास्त्री के अनुसार विश्वकर्मा पूजन शुभ मुहूर्त: 26 अक्टूबर दिन बुधवार को सुबह 12 बजे से पहले।
- गोवर्धन पूजा प्रातः काल
- मुहूर्त:- सुबह 6 बजकर 36 मिनट से सुबह 8 बजकर 55 मिनट तक।
- भाई दूज 26 अक्तूबर शुभ मुहूर्त :- 1.18 से 3.30 तक।
- दिवाली शुभ मुहूर्त:-दीवाली पर्व:-24 दिन सोमवार
- अमावस्या तिथि का प्रारम्भ: 24 को शाम 05:28 बजे से
- अमावस्या तिथि का समापन: 25 को शाम 04:18 बजे तक।
- दीवाली पर लक्ष्मी पूजन मुहूर्त:-24 अक्तूबर, सोमवार, शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात्रि 08 बजकर 16 मिनट तक।
- प्रदोष काल: 5:34 से 8:19 तकवृषभ लग्न काल: 6:54 से 8:48 तक।
- अमृत की चौघड़िया 4:20 से 5:43 तक।
- चर की चौघड़िया - 5:43 से 7:20 तक। निशीथ काल - 8:19 से 10:55 तक। महा निश्चित काल-10: 55 से 1:31 तक।