Sanskarshala : बठिंडा आरबी डीएवी स्कूल की प्रिंसिपल डा. अनुराधा बोलीं- इंटरनेट मीडिया के उचित प्रयोग के लिए करें जागरूक
बठिंडा आरबी डीएवी स्कूल की प्रिंसिपल डा. अनुराधा भाटिया ने कहा कि इंटरनेट एक वैश्विक नेटवर्क है जो पूरी दुनिया के कम्प्यूटरों को एक साथ जोड़े हुए है। इसके माध्यम से इंसान के काम करने के तरीके और जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है।
By Vinay KumarEdited By: Updated: Thu, 22 Sep 2022 06:18 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बठिंडा: आज के अत्याधुनिक वैज्ञानिक युग में इंटरनेट हमारी जीवनशैली का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। इसके बिना आज के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इंटरनेट एक वैश्विक नेटवर्क है, जो पूरी दुनिया के कम्प्यूटरों को एक साथ जोड़े हुए है। इसके माध्यम से इंसान के काम करने के तरीके और जीवन में क्रांतिकारी बदलाव आया है। इससे व्यक्ति के समय और मेहनत की बचत की है। इससे विद्यार्थी अपने शिक्षक और दोस्तों से आनलाइन जुड़कर कई सारे विषयों पर चर्चा कर सकते हैं। आधुनिक समय में पूरी दुनिया में इंटरनेट एक बहुत शक्तिशाली और दिलचस्प माध्यम बनता जा रहा है। इसके इस्तेमाल से हम लोग कहीं भी वर्ल्डवाइड वेब का उपयोग कर सकते हैं। इंटरनेट मीडिया, वेब पोर्टल तक पहुंच सकते हैं।
आज के अत्याधुनिक युग में मानवीय जीवन जहां एक तरफ उन्नति की नई-नई सीढ़ियां चढ़कर सफलता के नए आयाम स्थापित कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ अत्याधुनिक तकनीक कहीं न कहीं मानवीय संस्कारों के हनन का कारण भी बन रही है। ऐसे समय में आज का युवा विशेषकर विद्यार्थी वर्ग बदलते हुए परिवेश में व अत्याधुनिक तकनीकी उपकरणों की चकाचौंध में एक आदर्श जीवन को भूलाकर नैतिक पतन की ओर अग्रसर होता प्रतीत हो रहा है। अगर हम संपूर्ण सामाजिक वातावरण को नैतिक मापदंडों पर परखने की कोशिश करते हैं तो विशेष रूप से इंटरनेट मीडिया विद्यार्थी वर्ग को आदर्श पथ से भटकाकर अनुशासन, संस्कार, नैतिक मूल्यों से दूर करता जा रहा है। ऐसे समय में अभिभावकों, अध्यापकों और सरकारी प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि विद्यार्थियों को इंटरनेट मीडिया के उचित प्रयोग के प्रति सावधान करते हुए उसके अनुचित प्रयोग से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूक करें।
फेक आइडी बनाकर दूसरों के व्यक्तित्व को दागदार करना, किसी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करके उसकी गरिमा का हनन करना, फेक वीडियो वायरल करना, फेक फोटो अपलोड करना, दूसरों का मजाक बनाना और भी अन्य तरहके साइबर क्राइम हम सुनते और और देखते आ रहे हैं। इनमें से आज हमारी राष्ट्रीय एकता, अखंडता, सामाजिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला सबसे बड़ा कारण है इंटरनेट मीडिया पर बे-सिर पैर की बहस करना, किसी भी विषय पर बिना सोचे समङो कोई भी टिप्पणी करना, किसी की आलोचना करना आदि। ऐसे में सरकार ने कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं, जिसके तहत इंटरनेट मीडिया को कानून के दायरे में लाया गया है। इनमें से मुख्य हैं-
- ’ जो कंटेंट बच्चों के लिए ठीक नहीं, माता -पिता उसे ब्लाक कर सकते हैं।
- ’ ओटीटी के लिए पैरेंटल लाक यानी ऐसी व्यवस्था करनी होगी, जिससे अभिभावक अपने बच्चों के लिए ऐसे कंटेंट ब्लाक कर सके जो ठीक नहीं हैं।
- ’ ओटीटी और डिजिटल खबरों के कंटेंट के लिए कोड बनेगा।
- ’ अगर किसी ने आपत्तिजनक तस्वीर पोस्ट की है तो उसकी शिकायत उपरांत 24 घंटे में कंटेंट हटाना होगा।
हालांकि सरकार ने तो कानून बनाकर हमें जागरूक करने का प्रयास किया है, परंतु जब तक हम स्वयं ऐसी समस्याओं के प्रति अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं समङोंगे तब तक विद्यार्थियों को संस्कार युक्त शिक्षा, संस्कार युक्त जीवन देना संभव नहीं होगा। हम सबको मिलकर हमारी भावी पीढ़ी के लिए सतत प्रयास करने होंगे और उन्हें एक आदर्श नागरिक बनाने के लिए अपने कर्तव्यों, अधिकारों और प्रशासन के नियमों के प्रति सजग करना होगा।
- डा. अनुराधा भाटिया, प्रिंसिपल, आरबी डीएवी स्कूल, बठिंडा।
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