डॉ. अरुण ने दी कोरोना को मात, मरीजों की सेवा में जुटे
कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दिन-रात सेवा में जुटे हैं।
By JagranEdited By: Updated: Fri, 02 Oct 2020 05:45 AM (IST)
अशवनी पाहवा, लुधियाना
कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी दिन-रात अस्पतालों में ड्यूटी पर डटे हुए हैं। वहीं कई कर्मचारी इस वायरस की चपेट में आने से संक्रमित हो गए हैं। इनमें से कुछ कर्मचारी इस वायरस को मात देकर ड्यूटी पर तैनात होकर मरीजों की सेवा में जुट गए हैं। इनमें से एक योद्धा डॉक्टर लुधियाना के सीएमसी अस्पताल में तैनात है। उन्होंने सात दिनों में कोरोना को मात दी और स्वस्थ होकर वापस मरीजों की सेवा में जुट गए है। केरल के रहने वाले डॉ अरुण के कुरियन ने बताया कि वह पिछले 3 सालों से सीएमसी अस्पताल के पेडेट्रिक्स वार्ड में बतौर रेजिडेंट डॉक्टर के तैनात है। वह अस्पताल के ही हॉस्टल में रह रहा है। डॉ. अरुण ने बताया कि केरल में उसके परिवार में माता-पिता और पत्नी हैं। पत्नी तमिनलाडु के एक अस्पताल में कोरोना के मरीजो की सेवा में जुटी हुई है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते अस्पताल की ओर से उनकी ड्यूटी बच्चो के आइसोलेशन वार्ड में लगाई थी। ड्यूटी के दौरान 30 अगस्त को डॉ. अरुण को बुखार व शरीर में दर्द रहने लगा। उन्होंने अपनी कोरोना जांच करवाई, जिसमें उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पताल में भर्ती हुए। सात दिनों में उसने इस वायरस को मात दे दी।
डॉ. अरुण ने बताया कि अस्पताल में आए संदिग्ध और पॉजिटिव मरीजों की देखरेख करना उनका सर्वप्रथम धर्म है। वह 24 घंटे मरीजो की सेवा में तैयार रहते हैं। अस्पताल प्रशासन ने उन्हें वायरस को मात देने में काफी सहयोग दिया है। अस्पताल में बने प्रार्थना हाल में पादरी सभी मरीजों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।
-------- कोरोना से डरें नहीं, एकजुट होकर लड़े
डॉ. अरुण ने लोगों से अपील की कि कोरोना वायरस जैसी बीमारी से हमें डरना नहीं चाहिए, बल्कि हम सबको इस वायरस को हराने के लिए एकजुट होकर लड़ना चाहिए। हमें घरों से निकलने से पहले सही ढंग से मास्क पहनना चाहिए तथा समय-समय पर हाथों को धोना चाहिए। भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से परहेज करना चाहिए।
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