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Dr Raj Bahadur Controversy: अपनों के बिछाए जाल में फंस गए डा. राज बहादुर, पूरी घटना की साजिश पहले से थी तैयार

Dr. Raj Bahadur Controversy बाबा फरीद मेडिकल साईंस के वाइस चांसलर डा. राजबहादुर अपनों द्वारा बिछाए गए जाल में फंंस गए। बताया जाता है ििक पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के दौरान जो कुछ हुआ उसकी साजिश पहले ही रच ली गई थी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 01 Aug 2022 10:07 AM (IST)
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बाबा फरीद मेिडकल यूनिवर्सिटी के वीसी डा. राजबहादुर के साथ हुई घटना की साजिश रची गई थी। (फाइल फोटो)
फरीदकोट, [प्रदीप कुमार सिंह]। Dr. Raj Bahadur Controversy: बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डा. राज बहादुर के साथ पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़माजरा के दौरे के समय जो हुआ उसकी साजिश पहले ही रच ली गई थी। पूरी साजिश उनके अपने यानि यूनिवर्सिटी के कुछ वरिष्ठ डाक्टरों द्वारा तैयार करने के संकेत मिले हैं। ये डाक्टर कुछ कारणों से डा. राजबहादुर से नाराज थे।  

डा. राजबहादुर के वीसी बनने के बाद कुछ वरिष्ठ डाक्टरों की मनमर्जी हो गई थी बंद

दरअसल डा. राजबहादुर पर उनकी ईमानदारी और बेबाकी ही भारी पड़ी। इसी ईमानदारी के कारण यूनिवर्सिटी और मेडिकल कालेज व अस्पताल के वह वरिष्ठ डाक्टर नाराज थे, जो दिसंबर 2014 के पहले तक अपनी मनमर्जी करते थे। वाइस चांसलर के रूप में डा. राज बहादुर की नियुक्ति के बाद उनकी मनमर्जी बंद हो गई।

सूत्रों के अनुसार शुक्रवार की घटना इन्हीं लोगों की साजिश का परिणाम है। क्योंकि सेहत मंत्री चेतन सिंह जौड़ामजरा को सुनियोजित ढंग से दो महीने से बंद पर कैदी वार्ड तक ले जाया गया, जहां पर फटा-पुराना गद्दा पड़ा था। बता दें कि शुक्रवार को सेहत मंत्री ने फरीदकोट दौरे के दौरान करीब दो महीने से बंद पड़े कैदी वार्ड के कमरे का ताला खुलवाया। जहां बेड पर पड़े फटे-पुराने गद्दे पर सेहत मंत्री द्वारा वाइस चांसलर को लिटाया गया।

सेहत मंत्री को बिसात बिछाकर कैदी वार्ड तक ले जाया गया  

डा. राजबहादुर को बहुत नजदीक से जानने वालों का कहना है कि वाइस चांसलर को फंसाने के लिए कुछ डाक्टरों व कर्मचारियों ने ही बिसात बिछाई थी। इस काम में एक पूर्व डाक्टर की भूमिका रही। बताया जाता है कि इस पूर्व डाक्टर ने ऐसी सेटिंग की कि सेहत मंत्री को बंद पड़े कैदी वार्ड तक पहुंचाया जाए और वीसी को अपमानित होना पड़े। सूत्रों के अनुसार यह ये लोग चाहते हैं कि यूनिवर्सिटी से वीसी की विदाई हो जाए।

सूत्र बताते हैं कि वर्तमान सरकार ही नहीं, पूर्व की कांग्रेस और शिअद-भाजपा गठबंधन सरकारों के समय भी उच्च पदों पर बैठे कई नेता डा. राज बहादुर से बेहद नाराज थे। ये वे लोग थे जो अपना व अपने चहेतों का मनचाहा काम करवाना चाहते थे, परंतु डा. राज बहादुर ने नियमों का हवाला देकर उनके काम करने से मना कर दिया।

सूत्रों के अनुसार कुछ महीने पहले वार्ड अटेंडेंट की भर्ती प्रक्रिया के दौरान सत्तापक्ष के लोगों ने अपने हलकों से भर्ती के लिए अपने चहेते उम्मीदवारों की लिस्ट वीसी को भेजी थी लेकिन उन्होंने (वीसी) साफ तौर पर यह कहते हुए मना कर दिया कि नियुक्ति मैरिट के आधार पर होगी। इसके बाद यह लोग वीसी से नाराज रहने लगे थे।

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