Drug Trafficking in Jail: लुधियाना की जेल में चल रहा नशे का नेटवर्क, दो सहायक जेल सुपरिंटेंडेंट गिरफ्तार
जेल में लगातार मिल रहे नशे के नेटवर्क को बाहर से नहीं बल्कि जेल के अंदर से ही खुद अधिकारियों के द्वारा चलाया जा रहा है। इसका राज पुलिस द्वारा पकड़े गए जेल में सप्लाई करने वाले तस्करों की गिरफ्तारी के बाद खुला। अब पुलिस ने इस मामले में सहायक जेल सुपरिंटेंडेंट सतनाम सिंह और गगन शर्मा को गिरफ्तार भी किया है।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। Drug Trafficking In Ludhiana Jail: जेल में लगातार मिल रहे नशे के नेटवर्क को बाहर से नहीं बल्कि जेल के अंदर से ही खुद अधिकारी चला रहे थे। इसका राज पुलिस द्वारा पकड़े गए जेल में सप्लाई करने वाले तस्करों की गिरफ्तारी के बाद खुला।
इस मामले में पुलिस ने सहायक जेल सुपरिंटेंडेंट सतनाम सिंह और गगन शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में हुई पूछताछ के बाद 13 यूपीआइ खातों की डिटेल पुलिस खंगाल रही है, जिसमें आरोपितों को पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। इसके बाद कई और अधिकारियों व मुलाजिमों के नाम सामने आने की आशंका है।
जेल प्रबंधन ने किए नशीले पदार्थ व मोबाइल बरामद
जानकारी के मुताबिक जेल में बंद आशु अरोड़ा, साहिल जिंदल, राम रतन व मुख्तियार सिंह से जेल प्रबंधन को नशीले पदार्थ और मोबाइल बरामद हुए थे।
इस मामले में थाना सात की पुलिस ने जांच शुरू की तो दो आरोपितों मनदीप कौर और दिलप्रीत ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह अधिकारियों की मदद से जेल में मोबाइल फोन और ड्रग्स की तस्करी करते रहे हैं, जोकि सहायक जेल सुपरिंटेंडेंट सतनाम सिंह और गगन शर्मा द्वारा उन्हें दी जाती थी।
अफसरों के यूपीआई खातों में भेजे जाते थे रुपये
इसके बदले में दोनों अफसरों को पैसे उनके बताए यूपीआई खातों में डाले जाते थे। इसके बाद पुलिस ने उन दोनों अधिकारियों को नामजद कर लिया। अब उन्हें गिरफ्तार करके पुलिस ने अदालत में पेश कर दो दिन के रिमांड पर लिया है।
315 मोबाइल पकड़ चुके हैं दोनों आरोपित
सूत्र बताते हैं कि दोनों ही आरोपित जेल में सख्ती के लिए जाने जाते रहे हैं। पिछले छह महीने में जेल के कैदियों और हवालातियों से सवा 300 के करीब मोबाइल पकड़े गए हैं। इसके अलावा नशीले पदार्थ भी पकड़े गए थे।
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पुलिस ने पांच अक्टूबर को वॉर्डन को किया था गिरफ्तार
इससे पहले पांच अक्टूबर को लुधियाना की जेल में एक वॉर्डन को कैदियों और उनके रिश्तेदारों से ड्रग्स और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं उपलब्ध करवाने के बदले में रिश्वत लेने पर गिरफ्तार किया गया था।
उसकी पहचान फाजिल्का के बिशनपुरा गांव के रहने वाले अंकित कुमार के रूप में हुई थी। उसके अलावा भी कई जेल के मुलाजिमों को पकड़ा जा चुका है।
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