Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

पंजाब में मार्च-अप्रैल के बाद मई में भी नहीं हुई बारिश, धान की रोपाई में खड़ा हो सकता है संकट, किसानों में मुश्किलें बढ़ी

पंजाब में मई में भी बारिश नहीं होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है। क्योंकि खेतों में इस समय नमी पूरी तरह से खत्म हो चुक है जिससे खेत सूखे पड़े हैं। पीएयू मौसम वैज्ञानिक डा. केके गिल के अनुसार पिछले 80 दिनों से मौसम ड्राई चल रहा है।

By Vinay KumarEdited By: Updated: Fri, 06 May 2022 04:26 PM (IST)
Hero Image
पंजाब में बारिश न होने से धान की रोपाई में संकट खड़ा हो सकता है।

आशा मेहता, लुधियाना। पंजाब में मार्च, अप्रैल के बाद मई भी बिना बारिश के निकल रहा है। मई के पहले हफ्ते में भी बारिश की एक बूंद नहीं बरसी। जबकि 29 अप्रैल के बाद से पंजाब में हमेशा बारिश होती रही है। ऐसे में धान की बिजाई को लेकर किसानों की चिंता बढ़ गई है। क्योंकि खेतों में इस समय नमी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है, जिससे खेत सूखे पड़े हैं। जिससे अब धान की बिजाई करने वाले किसानों की मुश्किलें बढ़ गई है।

मौसम केंद्र चंडीगढ़ के अनुसार पंजाब में 29 अप्रैल से 5 मई तक की सामान्य बारिश 39.8 मिली है, लेकिन अभी तक केवल 4.4 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। विभाग के अनुसार 29 अप्रैल और 5 मई तक अमृतसर में 58.9 मिलीमीटर बारिश हो जाती है, लेकिन अभी तक हुई केवल 1 मिलीमीटर है। करीब 98 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसी तरह जालंधर में 51.2 मिलीमीटर बारिश हो जाती है, लेकिन अभी तक 2.5 मिलीमीटर हुई है। करीब 95 प्रतिशत कम बारिश हुई है। वहीं लुधियाना में 37.5 मिलीमीटर बारिश हो जाती है, लेकिन अभी तक हुई केवल 13.7 मिलीमीटर है। करीब 64 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसी तरह गुरदासपुर में 66.4 मिलीमीटर बारिश हो जाती है, लेकिन अभी तक 3.3 मिलीमीटर हुई है। करीब 95 प्रतिशत कम बारिश हुई है।

दूसरी तरफ बठिंडा में 22.2 मिलीमीटर बारिश हो जाती है, लेकिन अभी तक 2.2 मिलीमीटर हुई है। करीब 87 प्रतिशत कम बारिश हुई है। वहीं मोगा में 23.5 मिलीमीटर बारिश हो जाती है, लेकिन अभी तक 1.5 मिलीमीटर हुई है। करीब 94 प्रतिशत कम बारिश हुई है। रूपनगर में 60.1 मिलीमीटर बारिश हो जाती है, लेकिन अभी केवल 11.5 मिलीमीटर हुई है। करीब 81 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसी तरह होशियारपुर में भी 29 अप्रैल से 5 मई के दौरान सामान्य बारिश 57.4 प्रतिशत है, जबकि हुई केवल 2.5 प्रतिशत। यहां भी 95 प्रतिशत कम बारिश हुई है। पंजाब के दूसरे जिलों का भी यही हाल है। कृषि माहिरों का कहना है कि धान की रोपाई के लिए खेतों में नमी होना बेहद जरूरी है, फिर चाहे धान की सीधी बिजाई क्यों न हो।

पंजाब में 80 दिनों से मौसम ड्राई चल रहा

पीएयू की मौसम वैज्ञानिक डा. केके गिल के अनुसार पिछले 80 दिनों से पंजाब में मौसम ड्राई चल रहा है। जिससे धरती के अंदर नमी खत्म हो चुकी है। बारिश न होने से किसानों को धान की बिजाई (प्री सोईंग) से पहले खेत में अधिक सींचना होगा, जिससे नमी बने। नमी होगी, तभी धान का पौधा स्थिर रह सकेगा। सीधी बिजाई वाले खेतों में तो इसकी जरूरत और होगी। क्योंकि उसमें खेतो में पानी खड़ा नहीं होता। ऐसे में इस बार भूजल और नहरी पानी का इस्तेमाल अधिक होगा। आगे जब अप्रैल के आखरी हफ्ते और मई के पहले हफ्ते में बारिश हो जाती तो गेंहू की कटाई के बाद खेत में आगे की फसल के लिए पर्याप्त तौर पर नमी रहती थी। जिससे किसानों को फसल को सींचने की ज्यादा जरूरत नहीं होती थी। लेकिन इस बार धान की खेती करने वाले किसानों  के लिए गंभीर संकट खड़ा हो सकता है। पहले से ही किसान मार्च अप्रैल में पड़ी भयंकर गर्मी की वजह से गेहूं का कम उत्पादन होने पर दुखी है।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर