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Punjab Power Crisis: काेयले की कमी से कई थर्मल प्लांटाें में उत्पादन ठप, ओपन एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीद रहा पावरकाम

Punjab Power Crisis पंजाब में लाेगाें काे गंभीर बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। हालात यह है कि राज्य के कई थर्मल प्लांटाें में बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप हाे गया है। आने वाले दिनाें में स्थिति बिगड़ सकती है।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Sun, 20 Mar 2022 12:08 PM (IST)
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कोयला स्टाक की कमी के बाद ओपन एक्सचेंज से महंगी बिजली बनी दिक्कत
जागरण संवाददाता, पटियाला। Punjab Power Crisis: पहले ई-आक्शन में महंगे कोयले के कारण कोयला स्टाक का संकट तो अब बिजली की मांग पूरी करने के लिए ओपन एक्सचेंज सिस्टम के तहत ली जाने वाली बिजली का महंगा होना। ऐसी समस्या से पावरकाम जूझ रहा है। ओपन एक्सचेंज सिस्टम से ही सेंट्रल पूल से ली जाने वाली बिजली के दाम में पिछले साल के मुकाबले इस बार करीब डेढ़ गुना तक बढ़ोतरी हो चुकी है। पिछले साल 19 मार्च ओपन एक्सचेंज सिस्टम के तहत ली जाने वाली बिजली का रेट जहां पांच रुपये 31 पैसे प्रति यूनिट था वहीं इस साल आज यह रेट प्रति यूनिट आठ रुपये 42 पैसे दर्ज किया गया।

महंगे कोयले के कारण थर्मल प्लांटों में कोयला स्टाक की कमी के चलते राज्यों के पास बिजली की मांग को पूरा करने के लिए ओपन एक्सचेंज सिस्टम से बिजली खरीदने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। अब इस सिस्टम में भी बिजली खरीद के दाम बढ़ गए हैं जोकि आगे भी और ज्यादा बढ़ने का आशंका है। ऐसे में पावरकाम के लिए बिजली की मांग को पूरा करने के लिए ओपन एक्सचेंज से बिजली खरीदना भी एक समस्या है।

आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के ओपन एक्सचेंज पर बिजली की औसत कीमत 3.78 रुपये थी, जो इस साल इसी दिन 3.86 रुपये हो गई। बीते साल 7 मार्च को बिजली की कीमत 3.86 रुपये थी जो इस साल इसी दिन बढ़कर 5.76 रुपये हो गई। इसी तरह ओपन एक्सचेंज सिस्टम के तहत बीते साल 14 मार्च को बिजली का यह रेट 3.71 रुपये था जो इस साल इसी दिन बढ़कर आठ रुपये प्रति यूनिट हो गया। बीते साल 19 मार्च को यह रेट 5.31 रुपये था, जो इस साल 19 मार्च को औसतन 8.42 रुपये हो गया।

कोयला स्टाक का संकट बरकरार

पंजाब में प्राइवेट सेक्टर के थर्मल प्लांटों में कोयला स्टाक का संकट बरकरार है। गोइंदवाल साहिब थर्मल प्लांट की एक यूनिट शनिवार को तकनीकी खराबी और कोयले की कमी के कारण बंद रही जबकि तलवंडी साबो की एक यूनिट बीते वीरवार रात से बंद है। तलवंडी साबो की जो एक यूनिट चल भी रही है, वह भी अपनी पूरी कैपेसिटी पर नहीं चल रही। कोयला स्टाक की कमी ही इसका मुख्य कारण है। उधर पावरकाम के अपने रोपड़ प्लांट की चार में से एक यूनिट और लहर मोहब्बत प्लांट की चार में से तीन यूनिटें बंद हैं। पंजाब में शनिवार को बिजली की मांग 8000 मेगावाट से अधिक रही। इसे पूरा करने के लिए 3568 मेगावाट बिजली सेंट्रल पूल जबकि 96 मेगावाट बिजली बैंकिग सिस्टम आदि से हासिल की गई।

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