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Farmers Protest: ट्रांसपोर्टेशन ठप होने से कारोबारियों की बढ़ी टेंशन, पंजाब कारोबार का पहिया हो सकता है धीमा

Farmers Protest किसान आंदोलन से हर किसी की मुसीबत बढ़ गई है। इसका असर अब पंजाब कारोबार पर भी दिखाई दे रहा है। कारोबारियों के मुताबिक इस समय सबसे बड़ी समस्या ट्रांसपोर्टेशन की है। रेलवे के माध्यम से बेहद कम मैटीरियल ट्रांसपोर्ट किया जाता है। जबकि सड़क मार्ग के जरिए होने वाली ट्रांसपोर्टेशन रूट डायवर्ट होने के चलते परेशानी के दौर में हैं।

By Munish Sharma Edited By: Himani Sharma Updated: Wed, 14 Feb 2024 01:45 PM (IST)
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पंजाब कारोबार का पहिया हो सकता है धीमा

मुनीश शर्मा, लुधियाना। Farmers Protest: किसान आंदोलन को लेकर कारोबारियों में एक बार फिर भय का माहौल है। पंजाब कारोबारियों के मुताबिक कच्चे माल से लेकर तैयार माल को भेजने तक पंजाब में ट्रांसपोर्टेशन अहम है।

पंजाब से एक्सपोर्ट में रेल के साथ-साथ सड़क मार्ग से कंटेनर भेजे जाते है। आंदोलन से जहां डिलीवरी प्रभावित होगी, वहीं एक्सपोर्ट के ऑर्डरों में परेशानी होगी। इसका असर भी अब दिखने लगा है और कई उत्पादों के कच्चे माल न आने से इसका असर प्रोडक्शन पर भी पड़ रहा है।

सबसे बड़ी समस्या ट्रांसपोर्टेशन की

कारोबारियों के मुताबिक इस समय सबसे बड़ी समस्या ट्रांसपोर्टेशन की है। रेलवे के माध्यम से बेहद कम मैटीरियल ट्रांसपोर्ट किया जाता है। जबकि सड़क मार्ग के जरिए होने वाली ट्रांसपोर्टेशन रूट डायवर्ट होने के चलते परेशानी के दौर में हैं।

ऐसे में अब जहां कई ट्रांसपोर्ट अभी मैटीरियल ले जाने में असमर्थता दिखाने लगी है, वहीं कुछ ट्रांसपोर्टरों को माल ले जाने के लिए दो गुणा समय लग रहा है। बात पंजाब इंडस्ट्री की प्रोडक्शन की करें, तो इसका केवल 4.50 प्रतिशत उत्पादन की खपत ही पंजाब में होती है। बाकी मैटीरियल को दूसरे राज्यों और एक्सपोर्ट के लिए भेजा जाता है। ऐसे में अब ट्रांसपोर्टेशन की चुनौती में इसका असर प्रोडक्शन पर आएगा।

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तीस प्रतिशत तक प्रोडक्शन को किया कम

एवन साइकिल लिमिटेड के सीएमडी ओंकार सिंह पाहवा के मुताबिक पंजाब से अधिकतर ट्रांसपोर्टर मैटीरियल ले जाने के लिए समय मांग रहे हैं और कई लोड किए गए ट्रक भी लुधियाना में स्थिति सामान्य होने तक रोक दिए गए हैं। पिछले तीन चार दिनों से स्थिति विकराल हो रही है। ऐसे में एहतियात के तौर पर अभी कंपनी की प्रोडक्शन को तीस प्रतिशत कम कर दिया गया है। क्योंकि अगर ज्यादा स्टाक हुआ, तो लेबर को काम के बिना ही बैठना पड़ेगा।

इंडस्ट्री के पास दस दिन का कच्चा माल, रूकेगी प्रोडक्शन

फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गनाइजेशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लुधियाना हैंडटूल एसोसिएशन के अध्यक्ष एससी रल्हन ने कहा कि किसानों की ओर से किया जा रहा प्रदर्शन पिछली बार की तरह इस बार भी इंडस्ट्री को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है। कच्चे माल की आमद न होने से इंडस्ट्री की प्रोडक्शन बंद हो जाएगी। इस समय मैटीरियल को लाना और ले जाना सबसे बड़ी चुनौती है। कंपनियों के पास एक सप्ताह से दस दिन का कच्चा माल उपलब्ध रहता है। ऐसे में इसका असर प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट आर्डरों के समय पर भुगतान की समस्या सामने आएगी।

केवल 4.50 प्रतिशत प्रोडक्शन खपत पंजाब में

फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रीयल एवं कमर्शियल आर्गनाइजेशन (फीको) के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार ने कहा कि पंजाब की प्रोडक्शन का केवल 4.50 प्रतिशत उत्पादों की खपत पंजाब में होती है। इसके अलावा सारा मैटीरियल दूसरे राज्यों और एक्सपोर्ट में जाता है। अगर सप्लाई सिस्टम प्रभावित होगा तो इंडस्ट्री के लिए प्रो़डक्शन करना संभव नहीं होगा। ऐसे में इंडस्ट्री को इनपुट कास्ट के रुप में नुक्सान सहना पड़ेगा।

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ट्रांसपोर्टेशन में समय और लागत बढ़ी

लुधियाना ट्रांसपोर्ट वैल्फेयर एसोसिएशन के प्रधान जनकराज गोयल ने कहा कि किसान आंदोलन से इसका असर ट्रांसपोर्टेशन पर अधिक है। जहां कई ट्रकों का चक्का जाम हो रहा है। वहीं जो ट्रक चल रहे हैं, उन्हें पंचकुला, बरनाला और बरनाला के माध्यम से भेजना पड़ रहा है। इसमें अधिक टोल के साथ अधिक डीजल की खपत हो रही है। इस प्रक्रिया में 150 से 200 किमी का आने जाने का अंतर आ रहा है। इसके साथ ही समय भी अधिक लग रही है। इससे ट्रांसपोर्टेशन में इनपुट कास्ट समय और खर्च बढ़ने से बढ़ गई है।

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