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GuruPurab 2022: बाबा नानक के रंग में रंगा लुधियाना, गुरुद्वाराें में सुबह 4 बजे से ही उमड़ी संगत

GuruPurab 2022 गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव काे लेकर संगत सुबह से गुरुघराें में उमड़ी है। देश ही नहीं दुनिया के हर काेने में बाबा नानक की महिमा का गुणगान किया जाता है। लुधियाना के बाजाराें में भी चहल-पहल है।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Tue, 08 Nov 2022 08:53 AM (IST)
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GuruPurab 2022: लुधियाना के गुरुद्वाराें में लगी राैनक। (जागरण)
जेएनएन, लुधियाना। GuruPurab 2022 News: श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव काे लेकर संगत में उत्साह का माहाैल देखा जा रहा है। दाेपहर के बाद कई गुरुघराें में दीवान सजाए जाएंगे। गुरुघराें में सुबह 4 बजे से ही संगत उमड़ रही है। लुधियाना के माडल टाउन एक्सटेंशन में गुरुद्वारा साहिब को भी सुंदर लाइटों से सजाया गया है। बताया जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन प्रथम पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाशोत्सव मनाया जाता है। देश ही नहीं दुनिया के हर काेने में बाबा नानक की महिमा का गुणगान किया जाता है। गुरु नानक देव जी के प्रकाशपर्व से पहले संगत आस्था में डूबी हुई है।

स्कूलों, कालेजों और विभिन्न धार्मिक संस्थाओं में कीर्तन

इससे पहले साेमवार काे दिनभर गुरु नानक देव जी के 553वें प्रकाश उत्सव काे लेकर श्रद्धा और हर्षोल्लास से स्कूलों, कालेजों और विभिन्न धार्मिक संस्थाओं की ओर से कीर्तन का आयोजन किया गया। गुरु ग्रंथ साहिब जी की हजूरी में पांच प्यारों द्वारा नगर कीर्तन शुरू किया गया। इस दौरान संगत गुरु नानक देव जी के रंग में रंगी नजर आई। कीर्तन में सिंह सभाओं, सेवा समितियों, महिला सत्संगों, श्री सुखमणि साहिब सेवा समितियों, शहर की धार्मिक तथा राजनीतिक संगठनों, निहंग सिंहों, रामगढ़िया एजुकेशनल काउंसिल के विभिन्न सदस्यों ने हिस्सा लिया| संगत द्वारा पूरे मार्ग को बहुत सुंदर ढंग से सजाया गया तथा लंगर का प्रबंध भी किया गया।

ठक्करवाल में गुरुजी ने छका था लंगर

ठक्करवाल लुधियाना शहर से लगता गांव है। इस समय यह शहर का हिस्सा है। गऊघाट से प्रस्थान के बाद गुरु जी ठक्करवाल पहुंचे थे। वहां पर ठाकुर दास नाम के ढोंगी ने अपना डेरा बना रखा था और गद्दी भी लगा रखी थी। जब गुरु जी वहां पहुंचे तो वह गद्दी पर बैठ गया और खुद को बड़ा बताने लगा। गुरु जी उसकी तरफ पीठ करके बैठ गए और ठाकुर दास क्रोध दिखाने लगा। गुरु जी गुरुबाणी का उच्चारण करने लगे। गुरुबाणी सुनकर ठाकुरदास ने गुरुजी को हरे राम बोलकर पुकारा जिस पर गुरुजी ने उसे सत करतार कह दिया। ठाकुर दास ने गुरुजी से पूछा कि क्या इन दोनों में कोई अंतर है। गुरु जी ने कहा कि सत्य पहले भी था अब भी है और भविष्य में भी सत्य ही रहेगा। उसके बाद गुरुनानक जी ने ठाकुर दास का अहंकार खत्म किया।

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