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माेगा में बच्चे काे नशे की लत लगा कराई हेरोइन की तस्करी, मिलीभगत के आराेप में 2 एएसआइ सस्पेंड

Drugs Problem in Punjab थाना बाघापुराना के गांव संगतपुरा में कुछ लोग हेरोइन तस्करी कर रहे थे। इस काम के लिए दो ग्रामीण एक बच्चे का सहारा ले रहे थे। ग्रामीणों को इस बात की भनक लग गई थी उन्होंने इस मामले की शिकायत एसएसपी से की।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Tue, 09 Nov 2021 04:32 PM (IST)
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नशा तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का दिख रहा असर। (सांकेतिक तस्वीर)

संवाद सहयोगी, मोगा। Drugs Problem in Punjab: नशा तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत सोमवार को पुलिस के सामने एक बेहद घिनौना व चिंताजनक मामला सामने आया है। दो नशा तस्कर छठी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे की मदद से हेरोइन तस्करी का कारोबार कर रहे थे। पैसों का लालच देकर ये लोग बच्चे से हेरोइन की खेप सप्लाई करते थे, जिस कारण दोनों तस्कर खुद बच जाते थे। इस मामले में बाघापुराना थाने के 2 एएसआइ गरबेज सिंह और अंग्रेज सिंह काे सस्पेंड किया गया है। इन दाेनाें की मिलीभगत से यह धंधा चल रहा था।

थाना बाघापुराना के गांव संगतपुरा में कुछ लोग हेरोइन तस्करी कर रहे थे। इस काम के लिए दो ग्रामीण एक बच्चे का सहारा ले रहे थे। ग्रामीणों को इस बात की भनक लग गई थी, उन्होंने इस मामले की शिकायत एसएसपी सुरिंदर जीत सिंह मंड से की। एसएसपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सीआइए स्टाफ को मामले की जांच सौंपी थी। थाना बाघापुराना में सीआइए स्टाफ बाघापुराना में तैनात हवलदार मनप्रीत सिंह ने दर्ज कराई शिकायत में कहा है कि वे पुलिस पार्टी के साथ गांव संगतपुरा में गश्त पर थे इसी दौरान उन्हें गुप्त सूचना मिली कि कुछ लोग हेरोइन बेचने का कारोबार करते हैं।

नाबालिग बच्चे को नशा करने का आदी बनाकर उन्हीं से हेरोइन की खेप मंगाते हैं, बाद में सप्लाई भी उसी से कराते हैं। पुलिस ने मौक पर छापा मारा तो दिलप्रीत सिंह उर्फ काला व कुलदीप सिंह उर्फ कीपा निवासी संगतपुरा तो मौके से फरार हो गए लेकिन पूछताछ में पता चला कि दोनों लोग हेरोइन की तस्करी एक 16 साल के छठी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चे की मदद से करते हैं। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 21,27 ए -61-85 एनडीपीएस एक्ट तथा 77,78 जुवाइनल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन) एक्ट 2015 के तहत मामला दर्ज करके उनकी तलाश शुरू कर दी है।

एसएसपी ने बच्चे से की पूछताछ

एसएसपी ने मंगलवार को बच्चे को अपने आफिस में बुलाकर खुद उससे पूछताछ की, उससे पता किया कि नशा तस्कर किस प्रकार से उससे तस्करी कराते थे। पुलिस जांच में पता चला है कि बच्चे के परिवार के लोगों को पहले जानकारी नहीं थी कि उनके बच्चे का दो नशा तस्कर अपने अवैध कारोबार के लिए प्रयोग ही नहीं कर रहे हैं बल्कि उसे भी नशे का आदी बना दिया है। एसएसपी सुरिंदर जीत सिंह मंड ने बताया कि बच्चे को नशे की लत से बाहर निकालने के लिए इलाज कराया जाएगा, साथ ही उसकी सुरक्षा व शिक्षा के भी बंदोबस्त किए जा रहे हैं, ताकि बच्चे को नशा तस्करी से बाहर निकाला जा सके।

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