डीसी प्रदीप कुमार अग्रवाल ने इन गांवों का दौरा कर जायजा लिया और लोगों को घर खाली करने को कहा गया है। इसके लिए राहत टीमें भी लगाई गई है। वहीं कैबिनेट मंत्री सुखविंदर सकारिया ने मौके का दौरा किया। उन्होंने कहा कि पानी का स्तर कम हो रहा है। 8 से 10 घंटे में स्थिति काबू में आने की उम्मीद है।एनडीआरएफ की टीमें लोगों को घरों से निकाल रही हैं। कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु एवं डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल मौके पर पहुंचे हैं और अपनी देखरेख में बचाव कार्य करवा रहे हैं। ड्रेनेज विभाग के अधिकारी लगातार सतलुज के किनारे बने छोटे-छोटे बांधों की माॅनिटरिंग कर रहे है।
गुरुद्वारा साहिब में छह फुट तक भरा पानी, बाल-बाल बचे सेवादार
लुधियाना के लाडोवाल पुल के पास बने गुरुद्वारा लंगर साहिब में पानी भरने से सेवादार बाल-बाल बचे। पुल के नीचे गुरुद्वारा साहिब होने के चलते पानी के बहाव के तेज होने से सारी इमारत में आ गया। छह फुट पानी आने के चलते सेवादारों ने सामान को निकाला। सेवादारों के मुताबिक सुबह चार बजे के आसपास पानी का स्तर बढ़ा और इसकी चपेट में गुरुद्वारा साहिब आ गया
जगराओं के गांव सिधवा में पानी भर गया है। पानी भरने से सभी लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।
बुड्ढा दरिया में सुबह बढ़ा पानी, लोगों में दहशत
एक तरफ सतलुज खतरे के निशान से पार बह रही है, दूसरी तरफ बुड्ढा दरिया में भी पानी बढ़ने से लोगों में दहशत है। बुड्ढा दरिया के आसपास रहने वाले लाखों लोगों की नींद उड़ी हुई है। लोग बार-बार एक दूसरे से दरिया में बह रहे पानी के बारे में जानकारी हासिल कर रहे हैं।
पूरा दिन सहमे रहे लोग
पिछले दो दिन से जिले में हुए बरसात से भी लोग चिंता में रहे। वहीं रविवार को पूरा दिन लोग सहमे रहे। सुबह 11 बजे रोपड़ हेड से 2.50 लाख क्यूसेक पानी एक साथ छोड़ा गया। रविवार पूरे दिन जिला प्रशासन से लेकर पुलिस व अन्य विभागों के अफसर सतलुज दरिया के किनारे डटे रहे। रात करीब साढ़े नौ बजे 2.50 लाख क्यूसेक पानी लाडोवाल रेलवे पुल के पास पहुंचा तो पानी का स्तर खतरे के निशान को भी पार कर गया। डीसी से लेकर एसडीएम तक रात दो बजे तक डटे रहे। रात करीब दो बजे दरिया में पानी और अधिक बढ़ाने और खतरे को देखते हुए प्रशासन ने तलवंडी गांव को खाली करवा लिया। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
सतलुज किनारे बनाए गए बांध टूट जाने से खेतों में घुसा पानी।
पूरी रात डटा रहा प्रशासन और अफसर
रोपड़ हेड से पानी छोड़े जाने की सूचना के बाद नहरी विभाग के अफसर जब गढ़ी फजल मत्तेवाड़ा पहुंचे तो वहां पर पानी धुस्सी बांध से टकरा रहा था। इसके बाद ड्रेनेज डिपार्टमेंट ने वहां पर सेंड बैग लगाने शुरू किए। देर रात तक अफसर वहीं डटे रहे। जैसे-जैसे पानी बढ़ रहा था अफसरों की धड़कनें भी बढ़ रही थी। डीसी खुद मौके पर पहुंच गए और स्थिति को देखते हुए वह भी अफसरों व कर्मचारियों के साथ जुट गए। रात 11 बजे 2.57 लाख क्यूसिक पानी गुजर रहा था। इसके अलावा सबसे अधिक संवेदनशील कासाबाद में पूरा दिन लोग सहमे रहे क्योंकि दिन में ही पानी धुस्सी बांध के पास आ गया था। रात साढ़े नौ बजे डीसी अन्य अफसरों के साथ दौड़ते रहे। पहले वह माछीवाड़ा में, फिर जगराओं में, उसके बाद लाडोवाल में और फिर समराला में एक बजे पहुंचे। रात को लोग धुस्सी बांध पर जमा हो गए। पानी बांध तोड़कर अंदर न आए इसके लिए प्रशासन की तरफ से वहां भी रेत की बोरियां व मिट्टी डाली गई। इससे पहले रात करीब नौ बजे कासाबाद में लोग घरों का सामान लेकर दूसरी मंजिल पर शिफ्ट हो गए।
सतलुज नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण किनारे सटे गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
27 प्वाइंट संवदेनशील
डिप्टी कमिश्नर प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि लुधियाना जिले में सतलुज दरिया करीब 90 किलोमीटर जाता है। इसमें कुल 27 प्वाइंट संवदेनशील हैं। उन्होंने बताया कि देर रात 11 बजे लाडोवाल से 2.57 लाख क्यूसिक पानी पहुंचा। यह पानी सुबह चार बजे तक निकलेगा। उसके बाद पानी का स्तर कम होना शुरू होगा। वह मौके पर अन्य अफसरों के साथ डटे रहे। दरिया में पानी अधिक बढ़ने पर तलवंडी गांव को रात को एहतियात के तौर पर खाली करवा लिया गया। कई लोग अपना सामान लेकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे। उन्हें अन्य गांवों में भी लोगों की तरफ से मदद की गई।
30 किमी की रफ्तार से ट्रेनें पुल से ले जाने के निर्देश
सतलुज के उफान पर होने और रात नौ बजे पानी खतरे के निशान से ऊपर जाने पर रेलवे ने अलर्ट जारी करते कहा है कि ड्राइवर मात्र 30 किलोमीटर से कम की रफ्तार से ट्रेन को पुल से गुजारेंगे। अधिकारियों ने दरिया के दोनों ओर पानी के लेवल पर नजर रखने के लिए दो-दो रेल कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है।
24 घंटे एक्शन मोड पर अफसर
प्रशासन को अंदेशा है कि सतलुज का पानी धुस्सी बांध को तोड़कर रिहायशी इलाकों में आ सकता है। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने जिला स्तर से लेकर तहसील स्तर तक कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं। डीसी प्रदीप अग्रवाल ने जानकारी दी है कि यह सभी फ्लड कंट्रोल रूम 24 घंटे एक्शन मोड पर रहेंगे। डीसी ने सभी अफसरों को हिदायतें दी हैं कि कंट्रोल रूम पर 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहें।
दरिया के किनारे छह स्कूलों में बनाए राहत केंद्र
सरकारी हाई स्कूल चौंता, मत्तेवाड़ा, नूरवाला, ससराली, मंड चौंता और जमालपुर लेली में सहायता केंद्र स्थापित किए गए हैं। डीसी ने स्कूल प्रिंसिपलों को हिदायतें जारी की हैं कि अपने स्टाफ को तीन हिस्सों में बांटकर उनकी ड्यूटी तीन शिफ्टों में लगाएं।
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