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पंजाब के होजरी व टेक्सटाइल उद्योगों में लौटने लगी रौनक, उद्यमियों को मिले 256 करोड़ केे आर्डर

पंजाब में कोरोना संकट और कर्फ्फू के बीच होजरी व टेक्‍सटाइल उद्योग में रौनक लौट रही है। इन उद्योगों में 30 फीसद उत्‍पादन हो रहा है। उद्यमियों को करीब 256 करोड़ के आर्डर मिले हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 11 May 2020 10:41 PM (IST)
पंजाब के होजरी व टेक्सटाइल उद्योगों में लौटने लगी रौनक, उद्यमियों को मिले 256 करोड़ केे आर्डर
लुधियाना, [राजीव शर्मा]। साइकिल, ट्रैक्टर व कंबाइन के बाद पंजाब की होजरी व टेक्सटाइल इंडस्ट्री में भी डेढ़ माह बाद धीरे-धीरे रौनक लौटने लगी है। कई बड़ी इकाइयों में उत्पादन शुरू हो गया है। उद्यमियों को 256 करोड़ रुपये का ऑर्डर मिल चुका है। कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकारी हिदायतों का पालन करते हुए 20 से 30 फीसद तक  उत्पादन हो रहा है। कंपनियों में करीब 35 फीसद कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है।

30 फीसद तक हो रहा उत्पादन, फिलहाल पैैंतीस फीसद कर्मचारी कर रहे हैैं काम

उल्लेखनीय है कि प्रदेश की 13 हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयों में उत्पादन शुरू हो चुका है। कोरोना संकट के दौरान टेक्सटाइल व होजरी उद्यमियों ने अपनी उद्यमिता को साबित करते हुए पारंपरिक कारोबार के साथ-साथ कोरोना योद्धाओं के लिए पीपीई किट, मास्क बना कर भी मिसाल कायम की है। शीघ्र उत्पादन शुरू करने के पीछे उद्यमियों का एक ही मकसद है कि श्रमिकों को रोजगार दिया जा सके जिससे उनकी घर वापसी पर ब्रेक लग सकेगा।

श्रमिकों को रोजगार देकर घर वापसी पर ब्रेक लगाने की कोशिश

पंजाब में बने पीपीई किट देश के विभिन्न राज्यों में भेजे जा रहे हैं। उद्यमियों का कहना है कि देश की जरूरतों को पूरा करने के बाद इनको निर्यात भी किया जा सकता है। जेसीटी मिल्स फगवाड़ा के अलावा ट्राईडेंट ग्रुप, वर्धमान ग्रुप, स्पोट्र्स किंग इंडस्ट्रीज,शिंगोरा टेक्सटाइल्स, शिवा टैक्सफैब, नवयुग इंडस्ट्रीज, ओस्टर निटवियर समेत करीब 45 इकाइयां पीपीई किट एवं एन-95, ट्रिपल लेयर मास्क आदि का उत्पादन कर रही हैं। लुधियाना जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक महेश खन्ना का कहना है कि केंद्र एवं विभिन्न राज्य सरकारों से केवल लुधियाना की इकाइयों को 256 करोड़ रुपये के पीपीई किट एवं एन-95 मास्क के ऑर्डर मिल चुके हैैं।

इनोवेशन के साथ कोरोना वायरस से लडऩे के लिए बना रहे उत्पाद

पीपीई किट एवं मास्क के अलावा इंडस्ट्री ने यार्न मैन्युफैक्चरिंग, रेडिमेड गारमेंट का उत्पादन भी शुरू कर दिया है। रेडिमेड में फिलहाल अगले सर्दी सीजन के लिए वूलेन गारमेंट्स पर फोकस किया जा रहा है। उद्यमियों का कहना है कि फिलहाल सप्लाई चेन बंद होने के कारण कच्चे माल की आपूर्ति एवं तैयार माल की निकासी समेत उद्यमी फंड की किल्लत से भी जूझ रहे हैं।

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नए उत्पादों पर रिसर्च जारी : प्रिया थापर

जेसीटी मिल्स लिमिटेड, फगवाड़ा की डायरेक्टर बिजनेस डेवलपमेंट प्रिया थापर का कहना है कि कोरोना काल में कंपनी ने पूरी तरह से पीपीई किट बनाने पर ही फोकस किया है। कंपनी की पूरी टीम लगातार रिसर्च में लगी है, ताकि और नए उत्पादों को तैयार किया जा सके। जेसीटी विश्व स्तरीय मानकों के अनुसार ही किट बना कर सप्लाई कर रही है। कंपनी का मकसद है कि देश पीपीई किट के मामले में विदेश पर निर्भर न रहे।

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नए सिरे से हो रही प्लानिंग : कोमल जैन

ड्यूक फैशन्स इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन कोमल कुमार जैन का कहना है कि धीरे-धीरे फैक्ट्री को शुरू किया जा रहा है। कंपनी प्रबंधन बदली परिस्थितियों के मद्देनजर नए सिरे से प्लाङ्क्षनग कर रहा है। जो माल पहले से प्रोसेस में है, उसे पूरा किया जाएगा। इसके अलावा योजनाबद्ध तरीके से उत्पादन किया जाएगा।

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धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाएंगे : राज अवस्थी

स्पोट्र्स किंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन राज अवस्थी के अनुसार कंपनी में 25 से 30 फीसद स्टॉफ के साथ उत्पादन शुरू किया गया है। धीरे-धीरे उत्पादन को बढ़ाया जाएगा। वूलेन गारमेंट की मैन्युफैक्चरिंग के साथ साथ पीपीई किट भी तैयार की जा रही हैं। कम उत्पादन से कंपनी को प्रॉफिट नहीं आएगा, लेकिन लेबर को काम देने के मकसद से ही इकाई को शुरू किया गया है।

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विदेशी ऑर्डर के लिए बना रहे माल : अमित थापर

गंगा एक्रोवूल लिमिटेड के प्रेसिडेंट अमित थापर के अनुसार अभी 35 फीसद उत्पादन के साथ ही शुरूआत की गई है। घरेलू बाजार में मांग न के बराबर है। विदेशी ऑर्डर के लिए ही माल बनाया जा रहा है। कोशिश यही है कि श्रमिकों को काम दिया जा सके ताकि उनकी रोजी रोटी चलती रहे।

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