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Ludhiana News: चीन को टक्कर देंगी स्वदेशी कम्पनियां, विदेश पहुंच रहे भारत के BIS स्टैंडर्ड के रिफ्लेक्टर

Ludhiana News साइकिल इंडस्ट्री के लिए एक जुलाई से बीआइएस स्टैंडर्ड के रिफ्लेक्टर अनिवार्य होने से जहां चीन की कम्पनियों को झटका लगेगा तो वहीं स्वदेशी कम्पनियों को इसका लाभ भी मिलेगा। कई नामी कम्पनियों द्वारा रिफ्लेटर निर्माण किए जा रहे हैं जबकि कई कम्पनियों ने तो प्रोडक्शन के लिए ट्रायल भी कर लिया है और मशीनरी तक लगा दी है।

By Jagran NewsEdited By: Gurpreet CheemaUpdated: Wed, 28 Jun 2023 11:58 AM (IST)
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1 करोड़ साइकिलों पर एक जुलाई से रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य
लुधियाना, मुनीश शर्मा। भारत में 1 करोड़ 60 लाख साइकिल बनती है जिनमें किड्स को छोड़ 1 करोड़ साइकिलों पर एक जुलाई से रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य होगा। रिफलेक्टर बनाने वाली कंपनियां की मांग को पूरा करने के लिए खुद को सक्षम बता रही हैं।

इसके लिए बकायदा कई प्लांट की एक्सपेंशन की गई है और कई नई कंपनियों की ओर से भी रिफलेक्टर बनाने के प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। इस समय बात बीआइएस रिफलेक्टर की करें, तो दिल्ली की मार्गो 18 हजार से 20 हजार, लुधियाना में सिटीजन बुशेल 20 हजार, बिगबेन 18 हजार रिफलेक्टर बना रही है।

इसके साथ ही लुधियाना में पूर्ण विदेशी तकनीक से लैस नई कंपनी वाई लाइट की ओर से भी दस हजार रिफलेक्टर के लिए टैस्टिंग पास करवा ली गई है। इसके साथ ही मशीनरी स्थापित कर प्लांट का ट्रायल भी हो चुका है। ऐसे में बात रिफलेक्टर की करें, तो हर माह 20 लाख के करीब साइकिलों के लिए रिफलेक्टर तैयार होंगे। ऐसे में क्षमता अधिक होने पर कई कंपनियों की ओर से एक्सपोर्ट की तैयारी भी कर ली गई है।

चीन, ताइवान व जर्मनी से मिल रहे ऑर्डर

सिटीजन बुशेल के एमडी मनजिंदर सिंह सचदेवा के मुताबिक, भारतीय कंपनियों की ओर से रिफलेक्टर निर्माण की क्षमता को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। इस समय रोजाना 70 हजार के करीब रिफलेक्टर बन रहे हैं, जो कि मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।

उनकी कंपनी को विदेश से भी अच्छे आर्डर क्वालिटी के चलते आ रहे हैं। ऐसे में वे इस समय चीन, बंग्लादेश और जर्मनी की कंपनियों को भी रिफलेक्टर एक्सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी कंपनी की ओर से एमएसएमई और कैश परचेज करने वाली कंपनियों को दो प्रतिशत तक का डिस्काउंट भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से रिफलेक्टर अनिवार्य होने पर किसी तरह की शार्टेज नहीं आएगी।

दस हजार रिफ्लेक्टर प्रतिदिन बनाने की तैयारी

वाई लाइट के एमडी हरसिमरनजीत सिंह लक्की ने कहा कि उनकी मदर कंपनी लक्की इंजीनियर्स बाइसाइकिल चेन निर्माण में देश के प्रमुख कंपनियों में से एक है। इस सेगमेंट में बेहतर उत्पाद मुहैया करवाने के बाद उनकी कंपनी का फोकस अब वाजिब दामों में बेहतर क्वालिटी के रिफलेक्टर इंडस्ट्री को मुहैया करवाना है।

इसके लिए ताइवान से मशीनरी इंपोर्ट की गई है और ब्यूरो आफ स्टैंडर्ड के मापदंडो से बेहतर नतीजे उत्पादों की टेस्टिंग में मिले है। रिफलेक्टर साइकिल सवार की रात के समय जान बचाने में अहम रोल अदा करेगा। ऐसे में इसमें क्वालिटी से किसी तरह का समझौता नहीं होगा। भारतीय मार्केट की डिमांड को पूरा करने के बाद उनकी कंपनी विदेशी बाजार में भी एक्सपोर्ट के लिए अग्रसर होगी।

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