Move to Jagran APP

लुधियाना की 4.25 लाख प्रापर्टीज पर UID प्लेट लगाने का रास्ता साफ, नगर निगम इस हफ्ते जारी करेगा टेंडर

शहर में प्रापर्टी को यूआईडी नंबर लगाने की योजना अब जल्द ही सिरे चढ़ने वाली है। साल 2012 से यूआईडी नंबर लगाने का प्रोजेक्ट लटक रहा था। नए टेंडर में जिओ टैगिंग के साथ दोबारा फोटोग्राफी की जाएगी।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Sun, 11 Sep 2022 03:43 PM (IST)
Hero Image
औद्याेगिक शहर की 4.25 लाख प्रापर्टीज काे यूआइडी से जाेड़ा जाएगा। (फाइल फाेटाे)
वरिंदर राणा, लुधियाना। लगभग एक दशक बाद औद्याेगिक शहर की 4.25 लाख प्रापर्टीज को यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UID) लगने की उम्मीद बन गई है। प्रत्येक प्रापर्टी पर स्मार्ट सिटी योजना के तहत प्लेट लगाने का काम होगा। इस पर निगम की तरफ से लगभग 5 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसी सप्ताह निगम की तरफ यूआईडी प्लेट के लिए टेंडर काल किया जा रहा है। जबकि अक्टूबर माह तक यूआईडी प्लेट लगने का काम शुरू हो जाएगा। क्योंकि टेंडर जारी होने के बाद कंपनी को वर्क आर्डर जारी करने में लगभग एक माह का समय निकल जाएगा।

प्रापर्टीज मालिकों को भी होगा फायदा

इस योजना के पूरा होने से केवल निगम नहीं बल्कि प्रापर्टीज मालिकों को भी फायदा होगा। गौरतलब है कि साल 2012 में सबसे पहले प्रत्येक प्रापर्टी को यूआईडी नंबर लगाने की योजना शुरू हुई थी। निगम ने इस काम को पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर को सौंपा था। जिन्होंने जीआईसी मैपिंग के माध्यम से प्रत्येक प्रापर्टी को एक नंबर जारी किया था। साल 2014 में निगम ने दो कंपनियों को शहर की प्रत्येक प्रापर्टी का डोर टू डोर सर्वे करने का जिम्मा सौंपा था। साल 2016 में दोनों कंपनी ने सभी प्रापर्टी का रिकार्ड एकत्र कर निगम को सौंप दिया। इसके बाद प्रत्येक प्रापर्टी पर यूआईडी नंबर प्लेट लगाने के लिए माथापच्ची शुरू हो गई।

यूआईडी प्लेट लगाने पर 100 रुपये वसूलेगी कंपनी

निगम ने पहले एक कंपनी को यूआईडी प्लेट लगाने का काम जारी किया। कंपनी को प्रत्येक घर पर यूआईडी प्लेट लगाने पर 100 रुपये वसूल करने का ठेका दिया। जून 2017 को ब्लाक 26 से इस मुहिम का आगाज किया गया था। लेकिन लोगों ने अपनी प्रापर्टी के बाहर प्लेज लगाने की एवज में 100 रुपये देने से मना कर दिया। ऐसे में लगभग 25 हजार प्रापर्टी के बाहर यूआईडी प्लेट लगाने का काम पूरा हो सका था। इसके बाद यह योजना फाइलों में दबकर रह गई। अब निगम ने स्मार्ट सिटी योजना से पैसा खर्च करने की खाका तैयार किया है। इसमें पांच करोड़ रुपये खर्च होंगे। निगम फाइनेंस एंड कांट्रेक्ट कमेटी ने इस योजना को पास कर दिया है। अब टेंडर लगाने का होगा।

तीन तरह के काम होंगे अब

निगम की तरफ से सबसे पहले प्रत्येक प्रापर्टी के बाहर यूआईडी नंबर प्लेट को लगाया जाएगा। ताकी हर किसी को जानकारी हो सके कि इस प्रापर्टी का यूआईडी नंबर क्या है। इसके साथ ही कंपनी प्रत्येक प्रापर्टी की जीओ टैगिंग का काम भी करेगी। इससे निगम के पास हर संपत्ति का पूरा ब्यौरा आ जाएगा। सबसे आखिर में प्रत्येक प्रापर्टी के यूआईडी नंबर के साथ आधार कार्ड को लिंक किया जाएगा। ताकी पत्ता चल सके कि आखिरकार इस संपत्ति का असली मालिक कौन है। पूरी प्रापर्टी का दोबारा सर्वे होगा। इसमें फोटो भी दोबारा ली जाएगी।

एक क्लिक से मिलेगी निगम को जानकारी

  • प्रत्येक प्रापर्टी का फोटो सहित रिकार्ड
  • सीवरेज पानी कनेक्शन नंबर
  • बिल्डिंग रिहायशी या कामर्शियल
  • प्रापर्टी मालिक का नाम व मोबाइल
  • निगम का टैक्स या बिल अदा किए या नहीं
  • बिल्डिंग का नक्शा निगम से पास है या नहीं
आम लोगों को फायदा

  • प्रापर्टी को मिलेगा एक यूआईडी नंबर
  • यूआईडी नंबर भरा जा सकेगा बिल व टैक्स
  • टीएस वन सर्टिफिकेट लेने में आसानी
शहर की प्रापर्टी पर यूआईडी नंबर लगाने का खर्च स्मार्ट सिटी योजना के तहत होगा। इस योजना को एफएंडसीसी कमेटी ने अपनी मंजूरी दे दी है। इसी सप्ताह हम यूआईडी नंबर लगाने का टेंडर जारी कर रहे है। टेंडर में जिस भी कंपनी का सबसे कम रेट होगा, उसे वर्क आर्डर जारी किया जाएगा। उम्मीद है कि अक्टूबर माह से इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा। इससे निगम के साथ आम लोगों को फायदा होगा।-संजय कंवर, नोडल अफसर स्मार्ट सिटी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।