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सुदर्शन लाल महाराज के दीक्षा स्थल संगरूर में मनाया जन्म शताब्दी समारोह, दिल्ली राजस्थान और यूपी से पहुंचे भक्त

गुरुदेव सुदर्शन लाल महाराज की दीक्षा आठ दशक पहले संगरूर में ही हुई थी। गुरुदेव के सुशिष्य कविरत्न सुनील मुनि महाराज के पावन सान्निध्य में यह समागम करवाया। इसमें सीएम भगवंत मान की बहन मनप्रीत कौर विशेष अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं।

By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Sun, 18 Sep 2022 06:48 PM (IST)
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संगरूर अनाज मंडी में आयोजित समागम दौरान उपस्थित संगत।
जागरण संवाददाता, संगरूर। गुरुदेव सुदर्शन लाल महाराज की जन्म शताब्दी पर रविवार को अनाज मंडी संगरूर में राज्य स्तरीय समारोह आयोजित किया गया। गुरुदेव की दीक्षा आठ दशक पहले संगरूर में ही हुई थी। गुरुदेव के सुशिष्य कविरत्न सुनील मुनि महाराज के पावन सान्निध्य में यह समागम करवाया गया। गुरुवर के धीर वीर गंभीर जीवन में भक्तों ने गुरुदेव सुदर्शन के दर्शन किए। समारोह में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के भक्तजन पधारे। सभा की शुरुआत नवकार महामंत्र से की गई। गायक अर्हम मुनि ने भजन सुनाए।

मंच संचालन रमेश जैन, सुगन जैन, उकलाना ने बड़ी कुशलता से सभा को बांधे रखा। दिल्ली के कलाकारों ने गुरुदेव के जीनव पर मार्मिक नाटक पेश किया। समारोह में मुख्यमंत्री भगवंत मान की बहन मनप्रीत कौर ने मुख्य मेहमान के तौर पर शिरकत की, जबकि उनके साथ ही अन्य विधायक भी पहुंचे। फरीदाबाद से आए प्रो. रविंदर, दिल्ली से सुरेंद्र, गुरुदेव सुदर्शन लाल के भतीजे व विश्व हिंदु परिषद के अंतरराष्ट्रीय सह सचिव सुरेंद्र ने गुरु सुदर्शन लाल के जीनव पर प्रकाश डाला और पंजाब को नशे, मांसाहार व व्याविचार से आजाद रखने का आह्वान किया। 

उन्होंने कहा कि यदि आबाद रहना है व होना है तो गुरुओं के चरणों से जुड़ना ही होगा। वनिता जैन, सुनील जैन, राजीव जैन गोहाना, समृद्धि जैन, महक जैन ने मधुर भजन पेश किए। एसएस जैन स्थानक संगरूर के प्रधान ने पूरी संगत का स्वागत किया। गुुरु सुदर्शन लाल जन्म शताब्दी वर्ष की केंद्रीय समिति, पंजाब समिति, हरियाणा समिति व प्रांतीय समिति के अध्यक्ष व अन्य राज्यों की जैन महासभाओं के अध्यक्ष भी समारोह में आए। सभी को जैन सभा संगरूर ने सम्मानित किया।

संगरूर अनाज मंडी में आयोजित समागम के दौरान सीएम की बहन मनप्रीत कौर को सम्मानित करते हुए जैन स्थानक के कार्यकर्ता।

संतों ने गुरु सुदर्शन की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाने की सबको प्रेरणा दी। गुरु सुदर्शन की शिक्षाएं नशा जीवन का नाश करता है। अतः नशे से दूर रहो। जैसे आपको अपना जीवन प्यारा है इसी तरह पशु पक्षियों को भी अपना जीवन प्यारा है। अंत शिकार व मांसाहार का त्याग करो। जो पाप आज इसान हंस-हंसकर कर रहा है, उसका हिसाब देना होगा। तब कोई भगवान बचाने नहीं आएगा। 

धर्म का कार्य इंसान को इंसान का मित्र बनाना है, दुश्मन बनाना नहीं। अंत सभी धर्म भाईचारे का संदेश दें, प्रेम प्यार बढ़ाने वाली बातें करें। पंजाब की शांति के लिए भाईचारा बहुत जरूरी है। पंजाब का यूथ विदेश की ओर भाग रहा है। यह पंजाब के भविष्य के लिए चिंतनीय विषय है। यदि राजनीतिक लोग अपने स्वार्थों को छोड़कर पंजाब की खुशहाली का ध्यान नहीं रखेंगे तो आने वाली पीढ़ी तुम्हे कोसती रहेगी।

अंत में सुनील मुनि महाराज ने खड़े होकर सारी सभा को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। अपने गुरुदेवों का आभार प्रकट किया। संघ के मालिक गुरुदेव नरेशचंद्र महाराज के प्रति आभार प्रकट किया। वीरेंद्र मुनि महााज ने संक्षिप्त संबोधन में गुरुदेव की शिक्षाओं का उल्लेख किया। गुुरुदेव सुदर्शन लाल महाराज की सामूहिक आरती की गई। अंत में कवि रत्न सुनील मुनि ने मंगलपाठ के साथ सभी की समाप्ति की।

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