Poet Surjit Patar Death: पद्मश्री कवि डॉ. सुरजीत पातर का हुआ अंतिम संस्कार, देश-विदेश से लोगों ने जताई संवेदनाएं
पंजाब के प्रसिद्ध लेखक व कवि पद्मश्री डॉ. सुरजीत पातर का आज अंतिम संस्कार किया गया। उनका अंतिम संस्कार 11 बजे माडल टाउन एक्सटेंशन लुधियाना में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। डॉ. सुरजीत पातर का 11 मई दिन शनिवार को हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया था। वहीं उनके निधन के बाद साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई।
जागरण संवाददाता, लुधियाना। पंजाबी साहित्य के बाबा बोहड़, प्रसिद्ध पंजाबी लेखक, कवि और पंजाब कला परिषद के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. सुरजीत पातर का 13 मई को सुबह 11 बजे माडल टाउन एक्सटेंशन लुधियाना में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
दिवंगत पातर के बेटे मनराज पातर, जो एक सूफी गायक भी हैं। उन्होंने बताया कि उनके भाई अंकुर सिंह के विदेश में होने के कारण अंतिम संस्कार में देरी हो रही थी। अब अंकुर विदेश से घर लौट आए हैं।
डॉ. सुरजीत पातर के बेटे मनराज पातर ने कहा कि दुख की इस घड़ी में देश-विदेश से फोन आ रहे हैं। परिवार से संवेदना व्यक्त करने के लिए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष और लोकसभा क्षेत्र लुधियाना से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार पहुंचे थे।
दुनिया भर में हैं डॉ. पातर के प्रशंसक
दुनिया भर में रहने वाले पंजाबी मातृभाषा से प्यार करने वाले लोग और कई अन्य हस्तियां डॉ. पातर की प्रशंसक हैं। लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान डॉ. पातर के इतने बड़े प्रशंसक हैं कि वह अक्सर मंच से कहते हैं कि जे आई पतझड़ तां फेर की है, तू अगली रूत च यकीन रखी...।
गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन संस्कृति मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू डॉ. पातर के घर आए थे और उन्हें पंजाब कला परिषद, चंडीगढ़ के अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति पत्र दिया था। बेशक, सरकार बदल गई लेकिन पातर पंजाब कला परिषद, चंडीगढ़ के अध्यक्ष बने रहे।
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