Stubble Burning In Punjab: पंजाब में जागरूकता का दिखा असर; पिछले साल से कम जली पराली; AQI भी बेहतर
Stubble Burning In Punjab पंजाब के कई जिलाें में शुक्रवार से एकदम पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई। इसके चलते राज्य का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) समान्य से खराब कैटेगरी में शामिल हो चुका है।
पटियाला, [गौरव सूद]। Stubble Burning In Punjab: इस साल पिछले साल के मुकाबले पराली जलाने के 18,255 मामले कम सामने आए हैं। यही वजह है कि हवा भी पिछले वर्ष के मुकाबले कम प्रदूषित हुई है। साल 2020 में 15 सितंबर से एक नवंबर तक राज्य में पराली जलाने के मामले 33,175 थे, जबकि इस वर्ष 14,920 हैं। पीपीसीबी अधिकारियों की मानें तो पराली जलाने के मामलों में कमी जागरूकता और किसानों को पराली प्रबंधन के लिए मुहैया करवाई गई मशीनरी व सुविधाओं के चलते आई है।
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शुक्रवार को राज्य में पराली जलाने के 1353 मामले आए
इस सीजन के दौरान पराली जलाने के मामले शुक्रवार से पहले काफी कम थे, लेकिन शुक्रवार से एकदम पराली जलाने के मामलों में बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई। इसके चलते राज्य का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) समान्य से खराब कैटेगरी में शामिल हो चुका है। शुक्रवार को राज्य में पराली जलाने के 1353, शनिवार को 1373, रविवार को 2895 और एक नवंबर को पराली जलाने के 1796 मामले सामने आ चुके हैं।
जागरूकता और सुविधाओं से कम हुए मामले
चेयरमैन पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन डा. आदर्श विग ने बताया कि किसानों को पराली ना जलाने संबंधी गांव स्तर पर जागरूकता कैंप लगाए जा रहे हैं। इस दौरान किसानों को पराली के सही निस्तारण के लिए सुविधाओं संबंधी भी अवगत करवाया गया है। साथ ही पराली जलाने वाले हाटस्पाट इलाकों की पहचान करके उन इलाकों पर खास ध्यान दिया जा रहा है। यही कारण है कि इस सीजन पराली जलाने के मामलों में कमी आई है।
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