Lok Sabha Election 2024: लुधियाना में हैट्रिक के लिए एक कदम आगे बढ़े रवनीत बिट्टू, क्या कांग्रेस की बढ़ेंगी मुसीबतें?
Lok Sabha Election 2024 भाजपा ने रवनीत बिट्टू को लुधियाना की लोकसभा सीट से चुनाव में खड़ा किया है। बिट्टू पहले राजनीतिज्ञ होंगे जो दो राजनीतिक दलों से तीन बार सांसद बनेंगे। पहले दो बार कांग्रेस और फिर एक बार भाजपा से बन जाएंगे। 1952 में बनी इस सीट से 18 संसद बने हैं। इनमें कांग्रेस के 11 शिअद के छह और स्वतंत्र पार्टी का एक सांसद शामिल हैं।
भूपेंदर सिंह भाटिया, लुधियाना। Lok Sabha Election 2024: आखिरकार वही हुआ, जिसकी उम्मीद थी। लंबे समय तक कांग्रेस में रहने के बाद एकाएक भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने वाले लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को भाजपा ने लुधियाना से उम्मीदवार बना दिया।
भाजपा ने जहां लुधियाना से पहली बार जीत दर्ज करने का मंसूबा बनाया है, वहीं सांसद बिट्टू लुधियाना की धरती पर हैट्रिक जमाने की ताल ठोक रहे हैं। हालांकि बिट्टू लगातार तीन बार सांसद बन चुके हैं, लेकिन पहली बार उन्होंने श्री आनंदपुर साहिब से संसद की सीढ़ियां चढ़ी थी। यदि वह लुधियाना से जीत दर्ज करने में कामयाब रहते हैं तो हैट्रिक का कारनामा करने वाले पहली राजनीतिक शख्सियत होंगे।
राजनीतिक दलों से तीन बार सांसद बनेंगे बिट्टू
बिट्टू पहले राजनीतिज्ञ होंगे, जो दो राजनीतिक दलों से तीन बार सांसद बनेंगे। पहले दो बार कांग्रेस और फिर एक बार भाजपा से बन जाएंगे। 1952 में बनी इस सीट से 18 संसद बने हैं। इनमें कांग्रेस के 11, शिअद के छह और स्वतंत्र पार्टी का एक सांसद शामिल हैं। कांग्रेस के दविंदर सिंह गरचा, बहादुर सिंह, गुरचरण सिंह गालिब, रवनीत सिंह बिट्टू और शिअद के अमरीक सिंह आलीवाल दो-दो बार और डी सिंह एक बार सांसद बने है।चार दिन पहले भाजपा में हुए शामिल
वैसे तो सांसद बिट्टू ने चार दिन पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी, लेकिन वह अभी तक लुधियाना नहीं लौटे थे। उनका मकसद था लुधियाना से भाजपा की टिकट लेकर अपने संसदीय क्षेत्र में पहुंचना। वैसा ही उन्होंने किया और शनिवार रात को भाजपा की ओर से घोषित छह उम्मीदवारों में से बिट्टू का नाम भी था। टिकट पाने के बाद बिट्टू ने कहा कि पंजाब के लिए केंद्र से कुछ लाना उनका लक्ष्य है, ताकि प्रदेश और यहां के लोगों का विकास हो सके।
केंद्र की मदद से ही पंजाब का होगा विकास: बिट्टू
बिट्टू ने स्पष्ट कहा कि दस सालों से केंद्र में भाजपा की सरकार है और आगे भी एनडीए की सरकार बनने के आसार देखते हुए उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया, क्योंकि बिना केंद्र की मदद से पंजाब का विकास नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से कोई शिकवा नहीं।यह भी पढ़ें: Punjab Politics: 'कई दलों के MLA भाजपा में होंगे शामिल...' रवनीत बिट्टू का दावा; AAP को लेकर कही ये बात
कांग्रेस ने सबकुछ दिया। साथ ही कहा कि पंजाब में आतंकवाद के दौर में कांग्रेस खत्म हो गई थी। उनके दादा बेअंत सिंह ने पंजाब में कांग्रेस का फिर से वृक्ष लगाया और आज के नेता उनका दिया हुआ खा रहे हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सिख चेहरे को लुधियाना से मिली है प्राथमिकता
पंजाब के मध्य में स्थित इस जिले में लुधियाना ईस्ट, वेस्ट, नार्थ, साउथ, सेंट्रल, आत्म नगर, गिल, दाखा और जगराओं विधानसभा हलके आते हैं। इनमें से 70 प्रतिशत शहरी और 30 प्रतिशत ग्रामीण मतदाता हैं। जनसंख्या और क्षेत्रफल के अनुसार पंजाब की सबसे बड़ी सीट है। इस संसदीय सीट में सिखों की आबादी ज्यादा है। खासकर तीन ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र सिख बहुल है। यह भी पढ़ें: Punjab Politics: 'बिट्टू को सबक सिखाना चाहते हैं कांग्रेसी', सांसद रवनीत सिंह पर जमकर बरसे कांग्रेस नेता आशुयही कारण है कि सभी राजनीतिक दल सिख उम्मीदवारों को प्राथमिकता देते रहे हैं। पिछले तीन लोकसभा चुनावों के शीर्ष तीन उम्मीदवारों पर नजर डालें तो एक (मनीष तिवारी) को छोड़ सभी सिख रहे। एकमात्र हिंदू उम्मीदवार मनीष तिवारी ने 2009 का चुनाव जीता और उनका जन्म भी लुधियाना में हुआ है।भाजपा की लीडरशिप और लुधियाना के भाजपाइयों का शुक्रिया अदा करता हूं। लुधियाना के लिए कुछ करने की तमन्ना से मैं भाजपा में गया हूं। मेरे पीछे जो वर्कर हमेशा लगे रहते हैं, उनका काम होना चाहिए। जब यह तय है कि एनडीए की सरकार बन रही है तो लुधियाना क्यों पीछे रहे। इंडस्ट्री का हब क्यों न बने। उनका उत्पाद इंटरनेशनल मार्केट में क्यों न जाए। -रवनीत बिट्टू, सांसद लुधियाना