Lok Sabha Election 2024: इस बार का चुनाव नेताओं के लिए आसान नहीं, वोट कम पड़ने से राजनीतिक कैरियर पर पड़ सकता है असर
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) राजनीतिक दलों के नेताओं के लिए इस बार किसी परीक्षा से कम नहीं होंगे। इसके आधार पर छोटे राजनीतिक नेताओं का भविष्य भी तय होगा। क्योंकि अगामी निगम चुनाव में भी टिकट के दावेदारों की पहचान भी लोकसभा चुनाव में पड़ने वाले वोट से होगी। पार्टी के उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी वर्कर से लेकर जिलास्तर के नेताओं पर रहेगी।
वरिंदर राणा, लुधियाना। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर जहां सभी राजनीतिक दलों में प्रचार को लेकर भागमभाग की स्थिति बनी हुई है। वहीं इस बार चुनाव में अपनी साख को बचाने की बड़ी जिम्मेदारी आन पड़ी है। क्योंकि इस बार के चुनाव में सभी राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता इस बार गौर जरूर करेंगे कि आखिरकार किस वार्ड या बूथ स्तर पर कितने मत पड़ेंगे।
इसके आधार पर छोटे राजनीतिक नेताओं का भविष्य भी तय होगा। क्योंकि अगामी निगम चुनाव में भी टिकट के दावेदारों की पहचान भी लोकसभा चुनाव में पड़ने वाले वोट से होगी। जिस विधायक या फिर निगम टिकट दावेदार के यहां से वोट कम पड़ेंगे, उनके लिए पार्टी कुछ अलग सोच सकती है।
दिलचस्प होने वाले हैं लोकसभा चुनाव
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद इस बार लोकसभा चुनाव सबसे दिलचस्प होने वाले है। इस चुनाव में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, भाजपा, शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस पार्टी अलग अलग चुनाव मैदान में उतर रही है। पार्टी के उम्मीदवार को जिताने की जिम्मेदारी वर्कर से लेकर जिलास्तर के नेताओं पर रहेगी।इसलिए यह चुनाव उनकी साख की कटौसी की पहचान करने में भी सहायक साबित होगा। जिन नेताओं के एरिया से प्रत्याशी को वोट कम पड़ेंगे, उनके राजनीति भविष्य पर प्रश्न चिन्ह भी लग सकता है। सभी राजनीतिक दल अपने कार्यकर्ताओं को नेताओं को इस बात से अवगत भी करवा चुके है। इस कारण इस बार लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी की हार-जीत स्थानीय नेताओं पर भारी पड़ सकते है।
सत्ताधारी विधायकों की बढ़ेंगी मुश्किलें
यहां बता दे कि लुधियाना लोकसभा सीट एरिया में कुल नौ विधानसकभा क्षेत्र आते है। इसमें आठ विधानसभा पर आम आदमी पार्टी विधायक काबिज है। सरकार ने जिला लुधियाना से किसी विधायक को मंत्री पद भी नहीं दिया है। हालांकि अभी तक पार्टी ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। लेकिन प्रत्याशी की घोषणा के बाद सभी विधायकों के जिम्मे प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करना होगा।यह भी पढ़ें: Punjab News: बठिंडा से टिकट की घोषणा न होने पर हरसिमरत बदल सकती हैं हलका, इस सीट पर चुनाव लड़ने के लगाए जा रहे कयास
जिस विधायक के एरिया से वोट बैंक कम होता है, उसके लिए पार्टी में मुश्किलें खड़ी हो सकती है। ऐसे में विधायकों के लिए सिर धड़ की बाजी लगाना जरूरी रहेगा। यही हालात अन्य राजनीतिक दलों में भी होगा। क्योंकि अगामी विधानसभा के लिए टिकट बांटते समय लोकसभा चुनाव में पड़ने वाले वोट को भी ध्यान में रखा जाएगा।
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