लुधियाना में जन्मे पाकिस्तान के पूर्व सांसद हमजा का निधन, साइकिल से जाया करते थे पार्लियामेंट
पाकिस्तान के पूर्व सासंद हमजा का निधन हो गया। हमजा का लुधियाना शहर से खास नाता रहा है क्योंकि उनका जन्म सिविल अस्पताल नजदीक पड़ते हबीब रोड में मार्च 1929 में हुआ था। हमजा साल 2015 में अपने कालेज एससीडी पहुंचे थे।
By Vipin KumarEdited By: Updated: Mon, 30 Aug 2021 03:07 PM (IST)
जागरण संवाददाता, लुधियाना। पाकिस्तान के पूर्व सासंद हमजा का निधन हो गया। हमजा का लुधियाना शहर से खास नाता रहा है क्योंकि उनका जन्म सिविल अस्पताल नजदीक पड़ते हबीब रोड में मार्च 1929 में हुआ था। स्कूली स्तर की पढ़ाई तीन नंबर डिवीजन पड़ते इस्लामिया स्कूल और बीए की पढ़ाई शहर के सबसे पुराने सतीश चंद्र धवन (एससीडी) सरकारी कालेज से की है। हमजा ने इस कालेज से बीए के दो साल किए थे और बैचलर का तीसरा साल विभाजन के बाद पाकिस्तान के सरकारी कालेज लाहौर से पूरा किया। मुहम्मद हमजा (92) ने पाकिस्तान के जोगरा शहर में अंतिम सांस ली है।
साल 2015 में पहुंचे थे एससीडी कालेजहमजा साल 2015 में अपने कालेज एससीडी पहुंचे थे। कालेज के उस समय के प्रिंसिपल व वर्तमान में जगत गुरू नानक देव पंजाब स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डा. धर्म सिंह संधू ने कहा कि साल 2015 में कालेज में एक समारोह के दौरान कालेज के पुराने एलुमनी रहे हमजा को आमंत्रित किया गया था। इस दौरान हमजा कालेज आने पर बेहद उत्साहित दिखे थे और उन्होंने उस समय कालेज छात्राओं से अपने समय के कालेज में बिताए दिनों को भी साझा किया था। डा. संधू ने कहा कि हमजा ने उस समय कालेज की विजिटर बुक में शब्द भी लिखे थे और कहा था कि सालों बाद कालेज आ मन को बेहद खुशी मिली है। पुराना समय व पुराने पुल इस समय याद आ गए।
पांच बार सांसद रहे हैं हमजाहमजा पांच बार पाकिस्तान सांसद के सदस्य रहे हैं और दो बार एमएलए पाकिस्तान एसेंबली के मेंबर रहे हैं। हमजा मौलाना हबीब उर रहमान लुधियानवी के भतीजे रहे हैं। नायब शाही इमाम मोहम्मद उस्मान रहमानी ने कहा कि हमजा की सबसे खास बात यह रही है कि पाकिस्तान के सासंद होने के बावजूद भी वह जीवन भर पार्लियामेंट साइकिल पर ही जाया करते थे। उन्होंने कहा कि साल 2015 में जब वह लुधियाना आए थे तो उस समय लुधियाना में शाही इमाम के पास एक सप्ताह तक उनके घर रूके थे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।