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Ludhiana GST Scam: फर्जी दस्तखत से जीएसटी घाेटाले के आराेपित की पत्नी ने बैंक Locker किया आपरेट

Ludhiana GST Scamथाना दरेसी पुलिस ने सुंदर नगर स्थित कैपिटल स्माल फाइनांस बैंक लिमिटेड के ब्रांच मैनेजर मनप्रीत सिंह सहायक मैनेजर मनीश वर्मा तथा आरोपित साहिल जैन की पत्नी यशिका वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी तथा लाकर से छेड़छाड़ करने के आरोप में केस दर्ज करके उनकी तलाश शुरू की है।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Sun, 27 Dec 2020 03:07 PM (IST)
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जीएसटी की 17 करोड़ की ठगी के मामले में है जेल में बंद है आरोपित। (फाइल फाेटाे)
लुधियाना, जेएनएन।  Ludhiana GST Scam: बोगस बिलिंग कर जीएसटी के रूप में करोड़ों रुपये हजम करने वाला आरोपित जेल में बंद था मगर उसी बीच उसके दस्तखत कर किसी ने उसके बैंक का लाकर आपरेट कर लिया। मामले की जांच के दौरान पता चला कि उसकी गैरमौजूदगी में आरोपित की पत्नी व बैंक स्टाफ ने मिलकर यह सब किया था।

अब थाना दरेसी पुलिस ने सुंदर नगर स्थित कैपिटल स्माल फाइनांस बैंक लिमिटेड के ब्रांच मैनेजर मनप्रीत सिंह, सहायक मैनेजर मनीश वर्मा तथा आरोपित साहिल जैन की पत्नी यशिका वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी तथा लाकर से छेड़छाड़ करने के आरोप में केस दर्ज करके उनकी तलाश शुरू की है। एसआइ चमन सिंह ने बताया कि उक्त केस जीएसटी भवन स्थत आफिस आफ द प्रिंसिपल कमिश्नर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कमिश्नरेट के इंस्पेक्टर अनिल डोगरा की शिकायत पर दर्ज किया गया।

साहिल जैन ने 13-14 फर्जी फर्में की तैयार

पुलिस को भेजी रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि आरोपित साहिल जैन ने करीब 13-14 फर्जी फर्म तैयार करके उनके माध्यम से 252 करोड़ रुपये की बोगस बिलिंग करके जीएसटी के रूप में विभाग से 17 करोड़ रुपये का रिफंड ले लिया। छानबीन के दौरान पता चल गया कि सभी फर्म फर्जी हैं। जिसके चलते विभाग ने 11 नवंबर को उसके खिलाफ केस दर्ज करके उसी दिन उसे गिरफ्तार कर लिया। उसी दिन उसे अदालत में पेश किया गया। जहां से उसे सेंट्रल जेल भेज दिया गया।

12 नवंबर को हुई घटना

पति के जेल चले जाने के बाद 12 नवंबर को याशिता जैन कैपिटल स्माल फाइनांस बैंक लिमिटेड के ब्रांच मैनेजर से मिली। उसने बताया कि उसके पति किसी काम से बाहर गए हुए हैं। उसे एमरजेंसी में लाकर आपरेट करना है। ब्रांच मैनेजर ने सहायक मैनेजर मनीश वर्मा को उनका लाकर आपरेट कराने के लिए बोल दिया। लाकर आपरेट करते समय रजिस्टर पर साहिल जैन के दस्तखत भी मनीश वर्मा ने कर दिए। याशिता जैन लाकर आपरेट करने के बाद वापस चली गई।

आरोपितों की तलाश में टीम

उसके जाने के बाद वहां जांच करने के लिए पहुंची जीएसटी टीम को पता चला कि 12 नवंबर के दिन साहिल जैन ने लाकर आपरेट किया था। यह देख कर जीएसटी टीम सकते में पड़ गई कि जेल में बैठा आदमी बैंक में कैसे दस्तखत कर गया। मगर जब उसकी जांच कराई गई तो सच्चाई सामने आ गई। चमन सिंह ने कहा कि आरोपितों की तलाश की जा रही है। जल्दी ही उन्हें काबू कर लिया जाएगा।

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