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पंजाब के नए CM से लुधियाना की इंडस्ट्री की मांग, 5 रुपये यूनिट बिजली का वायदा जल्द पूरा करे सरकार

पंजाब के उद्योग पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इसलिए भी नाराज रहे क्योंकि उन्होंने कोविड के दौरान दो महीने का बिजली का फिक्सड़ चार्जेज माफ करने का एलान तो किया लेकिन बाद में उद्योगों को भरने के लिए मजबूर होना पड़ा।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Sun, 26 Sep 2021 10:50 AM (IST)
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त्ता परिवर्तन को लेकर उद्यमियों में काफी उत्साह। (फाइल फाेटाे)
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। सत्ता परिवर्तन को लेकर उद्यमियों में काफी उत्साह है, सबकी नजरें अब नई बनने वाली चन्नी सरकार की कैबीनेट पर लगी है। पंजाब में उद्योग काफी लंबे समय से सरकार के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवा रहे थे। लेकिन मुख्यमंत्री व्यस्तता के चलते उनकी शिकायतों पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। मैनिफेस्टो में उद्योगों के लिए पांच रुपये यूनिट बिजली का वायदा करने के बावजूद इंडस्ट्री काे 8 से 20 प्रति यूनिट तक बिजली के बिल भरने पड़ रहे हैं।

आलम यह है कि अपने ही जीएसटी और वैट रिफंड के लिए अधिकारियों के पास चक्कर काटने पड़ रहे हैं। कोरोना काल में भी जीएसटी अधिकारियों ने पंजाब में डेढ़ लाख से उपर केस स्क्रूटनी में लगा दिए। लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। सरकार द्वारा बनाए गए इन्वेस्ट पंजाब और सिंगल विंडो पूरी तरह से फ्लाप साबित हुए और पंजाब के उद्योग धीरे-धीरे दूसरे राज्यों की ओर पलायन करते रहे। इन संकटों के साथ साथ पंजाब में किसानों आंदोलन के चलते उद्यमियों को भी काफी नुक्सान झेलना पड़ा और हफ्तों तक पंजाब में रेल यातायात पूर्ण रुप से ठप रहा।

पंजाब के उद्योग पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इसलिए भी नाराज रहे, क्योंकि उन्होंने कोविड के दौरान दो महीने का बिजली का फिक्सड़ चार्जेज माफ करने का एलान तो किया लेकिन बाद में उद्योगों को भरने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस स्थिति के चलते उद्योग न तो पंजाब में कोई एक्सपेंशन के लिए तैयार थे और न ही नए उद्योग पंजाब में आ रहे थे। अब नई सरकार बनने के बाद उद्योगों को कुछ हद तक भ्रष्टाचार से निजात मिलने की संभावना है। क्योंकि भ्रष्टाचार नई सरकार के मुख्य एजेंडे पर है, लेकिन उद्योगों को यह भी चिंता सता रही है कि मुफ्त स्कीमों को बढ़ावा देने के चलते कहीं उद्योगों पर बोझ न डाल दिया जाए।

फोपसिया अध्यक्ष बदीश जिंदल ने कहा कि सरकार से अपील करेंगे कि नई कैबिनेट के गठन के बाद उद्योगों के विकास के लिए बैठकें कर समस्याएं सुनी जाएं और मुख्यमंत्री पांच रुपए प्रति यूनिट बिजली के वायदे को आने वाले चुनावों से पूर्व लागू करें। क्योंकि इसी वायदे को लेकर उद्योगों को प्रफूलित करने का रोडमैप सरकार ने दिखाया था।

फास्टनर मैन्यूफेक्चरर एसोसिएशन के प्रधान नरिंदर भमरा ने कहा कि सरकार के बदलावों के साथ साथ इंडस्ट्री में सुधार के बदलाव होने की उम्मीद है। चार सालों में पंजाब के उद्योगों के उत्थान के लिए कोई काम नहीं हो पाया। इसमें सबसे बड़े चुनावी वायदे बिजली पांच रुपए को ही नहीं पूरा किया गया। इसके साथ इंडस्ट्रीयल इंफ्रास्ट्रक्चर और सिंगल विंडो क्लीयरेंस को लेकर अहम रुप से काम करने की जरूरत है।

निटवियर क्लब के प्रधान दर्शन डावर ने कहा कि सरकार को अब बचे समय में हर सेक्टर के बारे में सोचना चाहिए। इसमें इंडस्ट्री को इग्नोर न किया जाए। यह सेक्टर संपन्न होगा, तो अधिक नौकरियां और पंजाब की आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाएगी।

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