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Unemployment in Punjab: पंजाब में बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा, 3 हजार करोड़ की सबसिडी देने पर भी नहीं बदले हालात

Unemployment in Punjab मुख्यमंत्री चन्नी को लिखे गए पत्र में आल इंडस्ट्री ट्रेड फोरम के अध्यक्ष बदीश जिन्दल ने कहा कि पंजाब में बेरोजगारी दर का बढ़ना इन्वेस्ट पंजाब की एक बड़ी विफलता है। बड़े घरानों को 3 हजार करोड़ सबसिडी का लाभ दिया जा रहा है।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Mon, 29 Nov 2021 03:24 PM (IST)
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पंजाब में बेराेजगारी की दर बढ़ने से सरकार की बढ़ी परेशानी। (सांकेतिक तस्वीर)
लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। Unemployment in Punjab: नार्देन रीजन में पंजाब में सबसे अधिक बेरोजगारी है। यह हैरानीजनक आंकड़े केन्द्रीय सर्वेक्षण में सामने आए हैं। राज्य में बेरोजगारी की दर 7.4 प्रतिशत है, जोकि केन्द्रीय बेरोजगारी दर 4.8 प्रतिशत से काफी अधिक है। पंजाब में बेरोजगारी 2018 7.5 प्रतिशत थी, जबकि हरियाणा ने पिछले तीन सालों में बेरोजगारी दर को कम कर 9.3 से कम करके 6.9 प्रतिशत कर दी है। जबकि पंजाब मात्र 7.8 प्रतिशत से 7.4 प्रतिशत तक ही पहुंचा है। पंजाब में बात बेरोजगारी दर की करें, तो इस समय पंजाब में हायर सेकेंडरी बेरोजगारी दर 15.8 प्रतिशत, डिप्लोमा सर्टीफिकेट की बेरोजगारी दर 16.4 प्रतिशत, पोस्ट ग्रेजुएट की दर 14.1 प्रतिशत है।

लुधियाना की इंडस्ट्री ने सीएम चन्नी काे लिखा पत्र

मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को लिखे गए पत्र में आल इंडस्ट्री ट्रेड फोरम के अध्यक्ष बदीश जिन्दल ने कहा कि पंजाब में बेरोजगारी दर का बढ़ना इन्वेस्ट पंजाब की एक बड़ी विफलता है। पंजाब में बड़े घरानों को 3 हजार करोड़ के आसपास बिजली व अन्य सबसिडी का लाभ दिया जा रहा है। लेकिन इसके बदले इसमें रोजगार के अवसर उन घरानों से नहीं मिल रहे हैं।

वहीं सरकार ने सूक्ष्म और लघु उद्योगों को इनवेस्ट पंजाब पालिसी से बाहर रखा है। यही क्षेत्र पंजाब में 90 प्रतिशत रोजगार दे रहा है। अगर बड़े घरानों की जगह सरकार सूक्ष्म उद्योगों को प्रोत्साहन दे तो पंजाब में बेरोजगारी दर पूरी तरह समाप्त हो सकती है। इसकाे लेकर सरकाराें काे एक पालिसी बनानी हाेगी। इसके बाद ही समस्या का निवारण हाे सकता है।

पंजाब विधानसभा चुनाव में बेराेजगारी बड़ा मुद्दा

पंजाब में अगले साल हाेने वाले विधानसभा चुनाव में बेराेजगारी इस बार बड़ा राजनीतिक मुद्दा है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल कई बार अपनी सभाओं में बेराेजगारी का मुद्दा उठा चुके हैं। इसके अलावा पंजाब के कई शहराें में बेराेजगार अध्यापक राेजगार नहीं मिलने के कारण सड़काें पर उतर गए हैं। वह मुख्यमंत्री के साथ ही अन्य मंत्रियाें का घेराव कर रहे हैं। आने वाले चुनावाें में कांग्रेस के लिए बेराेजगारी की दर बढ़ना किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।

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