Ludhiana Waste Management: महानगर में लगेगा बायो गैस प्लांट, रोजाना 200 टन गीले कचरे का होगा निस्तारण
लुधियना नगर निगम अधिकािरयों ने बायोगैस प्लांट की डीपीआर तैयार करके स्थानीय निकाय विभाग के उच्चाधिकारियों को भेज दी है। स्वीकृति मिलने पर इस प्रोजेक्ट के ऊपर स्वच्छ भारत मिशन के तहत 36 करोड़ रुपए किए जाएंगे खर्च।
वरिंदर राणा, लुधियाना। महानगर में गीले कचरे के निस्तारण के लिए नगर निगम अब बायोगैस प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है। प्रतिदिन 200 मीट्रिक टन गीले कचरे से सीएनजी बनाने की योजना तैयार की गई है। इसकी डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर स्थानीय निकाय विभाग के उच्च अधिकारियों को भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर बायोगैस प्लांट लगाने के लिए टेंडर काल किए जाएंगे।
शहर से निकलता है प्रतिदिन 1100 मीट्रिक टन कचरा
इस प्लांट को लगाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन से 36 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। स्वीकृति मिलने के बाद छह माह में प्लांट तैयार किया जा सकता है। लुधियाना शहर से प्रतिदिन 1100 मीट्रिक टन कचरा निकलता है। इसमें गीला और सूखा दोनों तरह का कचरा होता है। वर्तमान में घरों से निकल रहा कचरा सेग्रिगेट नहीं किया जाता है। इसलिए कचरा निस्तारण में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
200 टन गीले कचरे का निस्तारण होने के बाद निगम के पास रोजाना 900 टन कचरे को निस्तारण करने का काम रहेगा। अगर नगर निगम यह प्लांट खुद लगाता है तो इसमें तैयार होने वाली सीएनजी को वह कंपनियों को बेच सकता है। वहीं, अगर किसी कंपनी को यह जिम्मा सौंपा जाता है तो वह कंपनी आगे सीएनजी को बेचेगी। इस प्लांट को लगाने के जमालपुर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पास जमीन को चिन्हित भी कर लिया गया है।
ताजपुर डंप पर चल रहा कचरा निस्तारण
ताजपुर रोड स्थित मुख्य कचरा डंप पर भी पांच लाख मीट्रिक टन कचरे के निस्तारण के लिए काम चल रहा है। अब तक कंपनी छह हजार मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण कर चुकी है। इसमें मिट्टी, आरडीएफ और खाद को अलग किया जा चुका है। कचरा निस्तारण के बाद जमा हो रही मिट्टी को उठाने का काम भी एक या दो दिन में शुरू होने वाला है। निगम ने एक साल में पांच लाख टन कचरे के निस्तारण का ठेका एक कंपनी को सौंपा है।
बायोगैस प्लांट लगने से शहर को कचरे की समस्या से काफी राहत मिल सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह योजना तैयार की गई है। इससे कचरे को सग्रीगेट करने में भी मदद मिलेगी। डीपीआर अधिकारियों को भेजी गई है। स्वीकृति मिलते ही टेंडर लगाए जाएंगे।
-अंकुर महेंद्रू, संयुक्त सचिव नगर निगम लुधियाना