Ludhiana Misdeed Case : पूर्व विधायक सिमरजीत बैंस के भाई पम्मा को मिली जमानत, एक महीने पहले किया था सरेंडर
लुधियाना के बहुचर्चित दुष्कर्म मामले में जुलाई 2021 में स्थानीय अदालत के आदेश के बाद आत्मनगर के पूर्व विधायक और लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख सिमरजीत सिंह बैंस उनके भाई परमजीत बैंस व 4 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
By Pankaj DwivediEdited By: Updated: Fri, 12 Aug 2022 08:02 PM (IST)
जासं, लुधियाना। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिव मोहन गर्ग की अदालत ने 44 वर्षीय महिला के साथ बहुचर्चित दुष्कर्म मामले में पूर्व विधायक सिमरजीत बैंस के भाई परमजीत सिंह बैंस उर्फ पम्मा को जमानत दे दी है। कोर्ट ने उसे दो-दो लाख रुपये के दो मुचलके पेश करने की शर्त पर जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है।
बहस के दौरान बचाव पक्ष के वकील जसविंदर सिंह सिब्बल ने दलील दी थी कि उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है। एफआइआर में आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म का कोई आरोप नहीं था। वह केवल 16 नवंबर, 2020 को शिकायतकर्ता को धमकी देने के आरोप का सामना कर रहा है ।
लेकिन जब शिकायतकर्ता ने मामला दर्ज करने के लिए 16 नवंबर, 2020 को पुलिस कमिशनर लुधियाना को एक आवेदन दिया था तो उसने आरोपित की तरफ से किसी धमकी देने का जिक्र भी नहीं था। पहली बार शिकायतकर्ता ने यह आरोप तब लगाया जब उसने एक अदालत के समक्ष सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत एक आवेदन दायर कर पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि आरोपति 11 जुलाई, 2022 से हिरासत में है क्योंकि उसने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद एक स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था। बता दें बहुचर्चित दुष्कर्म मामले में जुलाई 2021 में स्थानीय अदालत के आदेश के बाद उनके खिलाफ अन्य आरोपियों के साथ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दिसंबर 2021 में अदालत के समक्ष आरोप पत्र दायर किया गया था। इसमें पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस, उनके भाई समेत 6 लोगों को आरोपित बनाया गया था। फिलहाल, सिमरजीत सिंह बैंस जेल में बंद हैं।
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लुधियाना। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डा. अजीत अत्री की अदालत ने विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के एसडीओ अंकित नारंग और एक प्रापर्टी डीलर मंजीत सिंह की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। जमानत याचिका खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। इसलिए, उनसे हिरासत में पूछताछ जरूरी है।
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