Weekly Off Day Power Cut : लुधियाना की इंडस्ट्री में आज से फिर लगेगा 3 दिन का पावरकट, उद्यमी बोले- कोविड से निकले.. अब बिजली में उलझे
लुधियाना में बिजली की लार्ज सप्लाई-सौ किलोवाट से अधिक लोड वाले उद्योगों में सात जुलाई सुबह आठ बजे से लेकर दस जुलाई तक सुबह आठ बजे तक वीकली आफ डे-पावर कट रहेगा। इस दौरान उद्योगों में मशीनों का शोर थमा रहेगा।
By Vikas_KumarEdited By: Updated: Wed, 07 Jul 2021 07:47 AM (IST)
लुधियाना, जागरण संवाददाता। पंजाब की आर्थिक राजधानी लुधियाना में बिजली की लार्ज सप्लाई-सौ किलोवाट से अधिक लोड वाले उद्योगों में सात जुलाई सुबह आठ बजे से लेकर दस जुलाई तक सुबह आठ बजे तक वीकली आफ डे-पावर कट रहेगा। इस दौरान उद्योगों में मशीनों का शोर थमा रहेगा। साफ है कि बड़े उद्योगों में उत्पादन ठप रहेगा। इससे उद्यमियों का पारा भी चढ़ गया है। उनका कहना है कि पावरकाम की मिस मैनेजमेंट का खामियाजा आम आदमी समेत उद्योग भी उठा रहे हैं। पहले कोविड दो माह तक कोविड की मार पड़ी, अब उससे उबरे ही थे कि पंजाब में बिजली का करंट ही खत्म हो गया। उद्यमियों ने सरकार से आग्रह किया है कि बिजली संकट का समाधान तुरंत किया जाएगा, अन्यथा उद्योगों का आस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
उद्योगों का गणित गड़बड़ा गया : जिंदलफेडरेशन आफ पंजाब स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान बदीश जिंदल के अनुसार सात जुलाई से दस जुलाई तक बड़े उद्योगों में 72 घंटे के लिए बिजली बंद रहेगी। इससे उद्योगों का गणित पूरी तरह से गड़बड़ा गया है। कमिटमेंट पूरी नहीं हो पा रही है। सरकार एवं पावरकाम की मिस मैनेजमेंट का खामियाजा उद्योगों को उठाना पड़ रहा है। इससे उद्यमियों में जबरदस्त रोष है। इन हालात में यहां पर कारोबार करना कठिन हो रहा है।
डीजल महंगा, जेनरेटर चलाना मुश्किल : राम लुभायाइंडस्ट्रीज वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान राम लुभाया कहते हैं कि सरकार के इन कदमों से सूबे के उद्योगों पर विपरीत असर होगा। यहां पर नया निवेश करने से पहले उद्यमी कई बार सोचेंगे। इसके अलावा डीजल की कीमत आसमान छू रही है। जेनरेटर पर उद्योग चलाना मुश्किल है। हालत यह है कि उद्योगों से बिजली छीन कर कृषि क्षेत्र को दी जा रही है। साफ है कि उद्योग सरकारी प्राथमिकता सूची में नहीं है।
सरकार जल्द करे पुख्ता इंतजाम : सोहलपंजाब प्लाईवुड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रधान इंद्रजीत सिंह सोहल का कहना है कि पावर कट में प्रोडक्शन लास के अलावा लेबर खर्च और अन्य तय खर्च भी अपनी जेब से देना पड़ रहा है। इससे उद्यमियों को दोहरा नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले कोविड ने इंडस्ट्री की लय खराब की, अब बिजली संकट ने। सरकार को इस संबंध में शीघ्र ही पुख्ता इंतजाम करने होंगे।
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