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प्रेम के महासागर थे संत दर्शन सिंह: राजेंद्र सिंह

माता रीटा ने गुरु अर्जन देव महाराज की वाणी से प्रभु मेरे प्रीतम प्राण प्यारे शब्द का गायन किया।

By JagranEdited By: Updated: Wed, 16 Sep 2020 06:42 AM (IST)
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प्रेम के महासागर थे संत दर्शन सिंह: राजेंद्र सिंह

संस, लुधियाना : सावन कृपाल रूहानी मिशन के प्रमुख संत राजेंद्र सिह महाराज ने दयाल पुरुष संत दर्शन सिंह महाराज के 99वें प्रकाश दिवस के उपलक्ष्य में शिकागो, अमेरिका से यू-ट्यूब पर टेलीकास्ट के जरिये अपना पावन संदेश समस्त मानवजाति को दिया। उनके संदेश से माता रीटा ने गुरु अर्जन देव महाराज की वाणी से 'प्रभु मेरे प्रीतम प्राण प्यारे' शब्द का गायन किया। इस अवसर पर संत राजेंद्र सिंह महाराज ने 'दर्शन' प्रेम के मसीहा विषय पर आधारित अपने पावन संदेश में कहा कि हम सब बहुत ही खुशकिस्मत हैं कि हम सबकी जिंदगी में संत दर्शन सिह महाराज आए। वो प्रेम के महासागर थे। इतना प्रेम उनकी ओर से उमड़ता था कि आज हर एक इंसान जो उनसे शारीरिक रूप से मिला, वो यही कहता है कि संत दर्शन सिंह महाराज उसे सबसे ज्यादा प्यार किया करते थे। वो चाहते थे। हम प्रभु से प्रेम करें और पिता-परमेश्वर को जानें।

सावन कृपाल रूहानी मिशन की स्थापना दयाल पुरुष संत दर्शन सिह महाराज ने अपने रूहानी गुरुओं हजूर बाबा सावन सिंह महाराज और परम संत कृपाल सिंह महाराज के नाम पर की। उन्होंने रूहानियत की शिक्षा को केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विश्व के कोने-कोने में फैलाने के लिए तीन विश्व यात्राएं की। वे अपने समय के महान सूफी-संत शायर रहे हैं। जिसके लिए 1989 में उन्हें ऊर्दू अकादमी दिल्ली, पंजाब व उत्तर प्रदेश द्वारा सम्मानित किया गया। सावन कृपाल रूहानी मिशन के आज संपूर्ण विश्व में तीन हजार से अधिक केन्द्र स्थापित हैं तथा मिशन का साहित्य विश्व की 55 से अधिक भाषाओं में प्रकाशित हो चुका है। इसका मुख्यालय विजय नगर, दिल्ली में है तथा अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय नेपरविले, अमेरिका में स्थित है।

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