Road Safety: लुधियाना में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सिर्फ खानापूर्ति, नहीं की जाती उठाए गए मुद्दों की समीक्षा
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक प्रत्येक 15 दिन में आनलाइन और प्रत्येक माह आफलाइन होनी चाहिए। लुधियाना में इसे हर तीन महीने में करवाया जाता है। उसमें भी उठाई गईं समस्याओं की समीक्षा नहीं होती।
जासं, लुधियाना। जिले में सड़क सुरक्षा समिति का गठन हुए आठ वर्ष बीत चुके हैं। आज तक इस समिति की बैठक के लिए कोई समयसीमा निश्चित नहीं की गई है। 15 दिन में होने वाली समिति की बैठक लुधियाना में करीब तीन माह में एक बार होती है। इसमें भी नए मुद्दे तो रख लिए जाते हैं लेकिन पिछली बैठक में उठाए मामलों या परेशानियों का समाधान करने के लिए क्या कदम उठाए गए उनकी समीक्षा नहीं होती है। यही कारण है कि सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें केवल खानापूर्ति तक सीमित होकर रह गई हैं।
लुधियाना में सड़क सुरक्षा समिति का गठन करीब आठ वर्ष पहले ही हो चुका है। वर्ष 2022 में उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में सभी राज्यों को स्पष्ट किया था कि इस समिति की प्रत्येक 15 दिन में आनलाइन और प्रत्येक माह आफलाइन बैठक होनी चाहिए। उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है।
गत सितंबर के बाद अब तक लुधियाना में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक नहीं हुई है। पिछली बैठक में रखे गए मुद्दे इस दौरान फाइलों के बोझ के नीचे दब जाते हैं। आदेश में यह भी कहा गया था कि जिलाभर में जितने भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, उनकी जानकारी आनलाइन अपलोड करनी होगी।
पंजाब पुलिस की वेबसाइट पर केवल एक वर्ष का पूरा डाटा अपलोड हो रहा है। यह भी स्पष्ट किया गया था कि बड़े सड़क हादसों की फारेंसिक जांच के साथ उपचार के लिए अस्पताल और एंबुलेंस में समवन्य करना होगा। जिला स्तर पर ऐसा कुछ नहीं हो रहा है।
अब भी काफी कुछ करना बाकी...
हालांकि, इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि सड़क सुरक्षा समिति के गठन के बाद कुछ सुधार नहीं हुआ है। महानगर में सड़क सुरक्षा का लेकर कई अभियान चलाए गए हैं। हालांकि बार-बार ट्रैफिक से संबंधित अधिकारियों के तबादलों से बड़ी समस्या आती है। जब तक कोई अधिकारी इतने बड़े महानगर को समझता है, इस बीच उसके तबादले के आदेश आ जाते हैं।
नए अधिकारी को दोबारा शहर को समझना पड़ता है, इससे योजनाओं को सड़क पर उतारने में बहुत समय लगता है। सड़क सुरक्षा समिति एक विभाग से संबंधित नहीं है। इसके दायरे में 19 विभाग आते हैं। इसलिए समिति की बैठक जल्द होनी चाहिए। बैठक में उठने वाले मुद्दों को तय समय के अंदर हल करने की जरूरत है।
- राहुल वर्मा, सदस्य सड़क सुरक्षा समिति
यह हैं कमेटी के 19 सदस्य :
- डीसी लुधियाना
- पुलिस कमिश्नर
- नगर निगम कमिश्नर
- एसएसपी खन्ना
- एसएसपी ग्रामीण (जगराओं)
- सभी एसडीएम
- एसई पीडब्ल्यूडी एंड बीएंडआर
- प्रोजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआइ
- सिविल सर्जन
- महाप्रबंधक पंजाब रोडवेज
- महाप्रबंधक पंजाब रोडवेज जगराओं
- महाप्रबंधक सिटी बस सर्विस
- सदस्य राज्य सड़क सुरक्षा समिति (राहुल वर्मा)
- ट्रैफिक एडवाइजर (नवदीप असीजा)
- एमवीआइ लुधियाना
- जिला शिक्षा अधिकारी
- सहायक आयुक्त आबकारी एवं कराधान
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सड़क सुरक्षा नियम : सड़क पर पैदल यात्रियों के लिए सुझाव
क्या करें
- अगर सड़क के दोनों ओर फुटपाथ हैं तो हमेशा पैदल चलने के लिए उनका प्रयोग करें। जहां फुटपाथ नहीं हैं और सामने से ट्रैफिक आ रहा है, वहां सड़क के एकदम दाहिने ओर चलें।
- सड़क पार करने के लिए जेबरा क्रांसिग, सब-वे और पैदल ओवरब्रिज का प्रयोग करें।
- आठ साल से कम उम्र के बच्चों को व्यस्क व्यक्ति की मदद से ही सड़क पार करनी चाहिए।
- जब आने-जाने वाला वाहन एक सुरक्षित दूरी पर हो तभी सड़क को पार करें।
- रात के समय सड़क पर हल्के रंग के कपड़े पहन कर चलें।
क्या न करें
- दौड़ कर या जल्दबाजी में कभी सड़क पार न करें।
- खड़ी गाड़ियों के सामने से या बीच से निकलकर सड़क पार न करें।
- सड़क पर चलते समय जहां अंधा मोड़ हो या फिर जहां से आने वाला वाहन चालक आपको देख न पाए ऐसे स्थान पर सड़क कभी पार न करें।
- रेलिंग से कूद कर सड़क पार करने की कोशिश न करें।