Punjab Street Food: लुधियाना में लीजिए कृष्ण लाल के अरबी पकौड़ाें का स्वाद, 72 साल बाद भी नहीं बदला जायका
Punjab Street Food खानपान के लिए पंजाब काफी मशहूर है। हलवाई चौक से गुजरने वालों को स्वादिष्ट पकौड़ों की खुशबू दूर से ही खींच लेती है। लुधियाना में कृष्ण हलवाई की दुकान पर राेज लाेगाें काे पकाैड़े खरीदने काे भीड़ लगी रहती है।
By Vipin KumarEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 12:17 PM (IST)
कुलदीप सिंह काला, लुधियाना। Punjab Street Food: नानू मल हलवाई चौक से गुजरने वालों को स्वादिष्ट पकौड़ों की खुशबू दूर से ही खींच लेती है। 72 साल बाद आज भी कृष्ण के पकौड़ों का वही जायका है। मानसून सीजन के दौरान तीन माह तक विशेष तौर पर बनने वाले अरबी के पत्तों के पकौड़े खाने लोग दूर-दूर से आते हैं। कृष्ण पकौड़े वाले के कारोबार को अब तीसरी पीढ़ी आगे बढ़ा रही है।
1950 में शुरू किया था कारोबार
पकौड़ों के लिए मसाले विशेष तौर पर खुद की ओर से तैयार किए जाते हैं, तभी तो उनका स्वाद आज भी बरकरार है। दाता राम ने भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के तीन साल बाद लुधियाना के साबुन बाजार के पास पकौड़ों की रेहड़ी पर वर्ष 1950 में कारोबार शुरू किया था। उस वक्त में लोगों के पास स्नैक्स के नाम पर सिर्फ पकौड़े ही होते थे। उसके बाद रेहड़ी की जगह खोखा बन गया और फिर वर्ष 1984 में दुकान बना ली गई।
दादा की बताई रेस्पी के अनुसार ही बनाते हैं पकाैड़ेदाता राम के बेटे कृष्ण लाल ने कारोबार को आगे बढ़ाया और अपने पिता जी से रेसिपी हासिल करके अपने बेटे विजय कुमार को दी। विजय कुमार आज भी दादा की बताई रेस्पी के अनुसार ही पकौड़े बनाकर खाने पीने के शौकीनों को परोसते हैं। अरबी के पकौड़े तैयार करने के लिए विशेष तैयारी करनी पड़ती है। उसके लिए दाल व अन्य चीजें पहले भी भिगोनी पड़ती हैं।
16 अन्य तरह के पकौड़े भी बनाए जाते हैंकृष्ण लाल का कहना है कि बरसात के मौसम में अरबी के पकौड़े उनकी विशेषता है। इसके अलावा मेथी, प्याज, विशेष ब्रेड पकौड़ा के अलावा 16 तरह के अलग अलग पकौड़े ग्राहकों को परोसे जाते हैं। विजय का कहना है कि खाने पीने का तौर तरीका बदला है। पिज्जा-बर्गर के दौर में भी पकौड़ों की बादशाहत आज भी बरकरार है और लोग शौक से पकौड़ों का सेवन करते हैं।
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