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लुधियाना की स्टील इंडस्ट्री को आम बजट से भी नहीं मिली राहत, स्टील स्क्रैप और इंगट के दामों में 5 रुपये बढ़ोतरी

फर्नेस एलाइंस लुधियाना के अध्यक्ष एवं केके अलॉय के एमडी महेश गुप्ता ने कहा कि बजट से स्टील उद्योग को सबसे ज्यादा उम्मीदें थी। क्योंकि पूरे देश की इंडस्ट्री इस समय स्टील के बढ़ रहे दामो से परेशान है।

By Vipin KumarEdited By: Updated: Sat, 05 Feb 2022 09:16 AM (IST)
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स्टील के दामाें में बढ़ाेतरी से काराेबारी परेशान।
मुनीश शर्मा, लुधियाना। एक फरवरी को पेश किए गए बजट का इफेक्ट मार्केट पर आना शुरू हो गया है। इसमें प्रदेश के सबसे प्रमुख उद्योग स्टील उद्योग को स्क्रैप की ड्यूटी समाप्त कर बड़ी राहत देने की घोषणा की गई थी। इसके चंद दिनों में ही उल्टा नुकसान का सौदा साबित हुई है। स्टील के दामों में बजट से पहले और अब में 5 रुपये का उछाल आ गया है। ऐसे में स्टील कारोबारियों के लिए पहले की तुलना में स्टील के दाम 5 रुपये बढ़ने से काफी चिंता का विषय है। ज्ञात हो कि देश में कुल स्टील निर्माण में 55% हिस्सा सेकेंडरी स्टील निर्माता कंपनियों का है, जबकि भारत के कुल सेकेंडरी स्टील निर्माता कंपनियों में 40 से 45 फीसदी भागीदारी उद्योग नगरी लुधियाना और मंडी गोबिंदगढ़ का है।

अब दामों में हो रहे उछाल की बात करें तो बजट से पूर्व स्क्रैप के दाम प्रति किलो 36 रुपये थे, जोकि अब 42 रुपए 50 पैसे हो गए हैं। इसके साथ ही इंडस्ट्री के लिए प्रमुख रॉ मैटेरियल इनगट की करें तो इसके दाम बजट से पूर्व 40 रुपये प्रति किलो थे। जोकि अब 50 रुपये पहुंच गए हैं। यह तेजी बजट के बाद रोजाना लगातार जारी है। रोजाना एक रुपये तक दामों में इजाफा हो रहा है। इसके चलते स्टील निर्माताओं ने इस बजट से उन्हें लाभ की बजाय उल्टा नुकसान होने की बात कही है।

फर्नेस एलाइंस लुधियाना के अध्यक्ष एवं केके अलॉय के एमडी महेश गुप्ता ने कहा कि बजट से स्टील उद्योग को सबसे ज्यादा उम्मीदें थी। क्योंकि पूरे देश की इंडस्ट्री इस समय स्टील के बढ़ रहे दामो से परेशान है। खासकर एमएसएमई इंडस्ट्रीज प्रोडक्शन करने के लिए भी स्टील नहीं खरीद पा रही। लेकिन बावजूद इसके केंद्रीय वित्त मंत्री की ओर से बजट में कुछ ऐसे रॉ मैटेरियल स्क्रैप पर राहत दी गई है। जिसका इफेक्ट इंडस्ट्री पर नहीं आ रहा है। उल्टा दामों में लगातार इजाफे का दौर जारी है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो पंजाब में स्टील उद्योग का चल पाना मुश्किल हो जाएगा। क्योंकि पहले ही स्टील इंडस्ट्री वेंटिलेटर पर चल रही है। इसमें आक्सीजन देने का काम केंद्र सरकार ने नहीं किया। जेएन तायल प्राइवेट लिमिटेड के एमडी मोहन तायल ने कहा कि स्टील के बिना पंजाब में किसी भी इंडस्ट्री का भविष्य नहीं है। पंजाब की इंडस्ट्री पहले ही पोर्ट से दूरी होने के चलते रा मटीरियल आने से लेकर तैयार माल भेजने के लिए भारी ट्रांसपोर्टेशन का खर्च करती है।

वहीं स्क्रैप के दामों के साथ-साथ स्टील के दामों में महंगाई होने से इसका असर साइकिल इंडस्ट्री, हैंड टूल, मशीन टूल, इंजीनियरिंग गुड्स पर पड़ेगा। सरकार को स्टील के दामों को नियंत्रण में लाने के लिए तत्काल एक अहम बैठक करनी चाहिए और इसमें स्टील कंपनियों से संबंधित एमएसएमई के कारोबारियों को शामिल करना चाहिए। केएचके स्टील प्राइवेट लिमिटेड के एमडी हनी गुप्ता के मुताबिक सेकेंडरी स्टील निर्माता देश की इंडस्ट्री की ग्रोथ में अहम योगदान दे रहे हैं। लेकिन इस सेक्टर को नजरअंदाज किया जा रहा है। अगर इस सेक्टर पर ध्यान दिया जाए तो इंजीनियरिंग गुड इंडस्ट्री तेजी से अग्रसर होगी।

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