झूठे केस में फंसाने का प्रयास करने वाली विवाहिता को जुर्माना
ससुरालियों को दहेज के झूठे आरोपों में फंसाने तथा मारपीट के आरोप लगाने वाली शिकायतकर्ता को ज्यूडिशियल मैजिस्ट्रेट हिमांशु अरोड़ा लुधियाना की अदालत ने 500 रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने की हालत में उसे 15 दिन कैद में रखे जाने का प्रावधान है।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 26 Sep 2019 06:29 AM (IST)
जासं, लुधियाना
ससुरालियों को दहेज उत्पीड़न के झूठे मामले में फंसाने औरआरोप लगाने वाली शिकायतकर्ता को ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हिमांशु अरोड़ा की अदालत ने 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने की स्थिति में महिला को 15 दिन कैद में रखने के आदेश दिए हैं । वहीं, अदालत के रिकार्ड अनुसार महिला ने अदालत के फैसले के अनुसार जुर्माने की रकम जमा करा दी। उसने अदालत के फैसले के खिलाफ अब सेशन कोर्ट में अपील की है। यह है मामला
अदालत द्वारा दोषी करार दी गई महिला प्रिया शर्मा ने थाना जमालपुर पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि 20 मार्च 2013 को उसकी ननद राखी ने उसके साथ मारपीट की। मगर जांच के दौरान शिकायतकर्ता के सभी आरोप झूठे पाए जाने पर पुलिस ने उसी के खिलाफ डीडीआर दर्ज कर दी। सुनवाई के लिए यह मामला जेएमआइसी हिमांशु अरोड़ की अदालत में आया। जहां तथ्यों के मद्देनजर अदालत ने यह पाया कि शिकायतकर्ता प्रिया के साथ उस दिन किसी तरह की कोई मारपीट नहीं हुई थी। विवाहिता ने अपने ससुराल परिवार को झूठे मामले में फंसाने के लिए ही गंभीर आरोप लगाये थे। इसके बाद अदालत ने उक्त महिला को दोषी करार देते हुए पांच सौ रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।
पति ने अदालत के फैसले को बताया नजीर
उधर, झूमे मामले में फंसाने का प्रयास करने मामले में अदालत द्वारा दंडित की गई महिला के पति मनोज शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर अदालत के फैसले को राहत भरा बताया। उन्होंने कहा कि अदालत का यह फैसला उन विवाहित महिलाएं के लिए नजीर है जो अपने पतियों व ससुराल पक्ष को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रचती हैं। उन्होंने कहा कि हर पीड़ित पति को चाहिए कि वह पत्नियों द्वारा तंग करने अथवा झूठे मामलों में फंसाने पर कानून का सहारा जरूर ले।
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