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Matewara Industrial Park: संगरूर के सांसद सिमरनजीत मान संसद में उठाएंगे टेक्सटाइल पार्क का मुद्दा, खैहरा बाेले-प्राइवेट बिल लाएंगे

Matewara Industrial Park संगरूर से सांसद सिमरन जीत सिंह ने कहा कि यह औद्याेगिक पार्क किसी भी कीमत पर नहीं बनने देंगे। वह संसद में यह मुद्दा उठाएंगे। इंडस्टियल पार्क का एक बड़ा हिस्सा सतलुज दरिया के सटा है। यहां पर 40 से 50 डाइंग यूनिट स्थापित होंगे।

By Vipin KumarEdited By: Published: Sun, 10 Jul 2022 02:14 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jul 2022 02:14 PM (IST)
Matewara Industrial Park: औद्याेगिक पार्क किसी भी कीमत पर नहीं बनने देंगे।

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Matewara Industrial Park: मत्तेवाड़ा में प्रस्तावित टेक्सटाइल पार्क का विराेध तेज हाे गया है। रविवार काे पर्यावरण प्रेमियाें ने यहां पक्का माेर्चा लगा दिया है। इस दाैरान संगरूर से सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने कहा कि यह औद्याेगिक पार्क किसी भी कीमत पर नहीं बनने देंगे। वह संसद में यह मुद्दा उठाएंगे। मान ने कहा कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला ने अपने गीत के जरिये पानी को लेकर सब कुछ साफ कर दिया है।

इस माैके पर भुलत्थ से विधायक सुखपाल खैहरा भी पहुंचे हैं। खैहरा ने कहा कि दिल्ली की तरह मत्तेवाड़ा के लिए पक्का मोर्चा लगे। लोगो ने इस पर सहमति दी है। मैं प्राइवेट बिल लेकर आऊंगा जिससे हिमाचल ओर राजस्थान से आए बाहरी आदमी जमीन न खरीद सके।

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सतलुज के अस्तित्व पर भी संकट

इंडस्टियल पार्क का एक बड़ा हिस्सा सतलुज दरिया के सटा है। यहां पर 40 से 50 डाइंग यूनिट स्थापित होंगे। प्रत्येक डाइंग यूनिट में रोजाना औसतन 10 लाख लीटर पानी प्रयोग होगा। मतलब सभी यूनिटों में पांच करोड़ लीटर लगेगा। उपयोग के बाद कैमिकल युक्त पानी बाहर भी निकलेगा। आशंका जताई जा रही है कि यह पानी सतलुज में बहाया जाएगा। जिससे पहले से प्रदूषण का शिकार सतलुज का पानी जहरीला हो जाएगा। सतलुज का भी वही हश्र होगा, जो बुड्ढा दरिया का हुआ है।

पांच गांवों के लोगों ने अदालत में दी है चुनौती

मत्तेवाड़ा बचाओ कमेटी के सदस्य एवं उद्योगपति रणजोध सिंह कहते हैं कि सरकार ने प्रस्तावित इंडस्टियल पार्क के लिए गलत जगह जमीन का चयन किया है। इस कारण पांच गांवों के लोगों ने इसे अदालत में चुनौती दी है। जंगल के पास इंडस्टियल पार्क बनाकर डाइंग यूनिट लगाए जाएंगे। इससे मत्तेवाड़ा का जंगल मर जाएगा। उसका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। गलत नीति के कारण लुधियाना के बुड्ढा दरिया को गंदे पानी के नाले में बदलते देख चुके हैं। यही हाल सतलुज का होगा।


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